अमरावती

मनुष्य का जीवन अनित्य है, आत्मा नित्य है…

स्मशानभूमी में अपनी आवाज से जान फूंकने वाले ’एकनाथ इंगले’ का सत्कार

* डॉ. गोविंद कासट मित्र मंडली ने किया आयोजन
अमरावती/दि.13– मानव का यह जीवन अनित्य है, आत्मा नित्य है. हिंदू श्मशान समिति के ट्रस्टी और हिंदू श्मशान समिति के कार्यकर्ता और उपस्थित नागरिको द्वारा मृतक की आत्मा को शांति के लिए पुष्पांजलि अर्पित कर रहे हैं. ओम शांति शांति शांति…. इस खास आवाज के खास अंदाज मे जान फूंकने वाले शख्स ’एकनाथ इंगले’ का डॉ. गोविंद कासट मित्र मंडली व्दारा सत्कार किया गया.
वडाली क्षेत्र के निवासी और पिछले 28 वर्षों से हिंदू स्मशानभूमी कार्यालय के प्रमुख के रूप में कार्यरत, उन्होंने पहले 3 वर्षों तक प्रबंधक शंकर मुंदडा के मार्गदर्शन में काम किया. बाद में मालपानी अध्यक्ष बने और आज एड. आर. बी. अटल साहब के मार्गदर्शन में इंगले काम कर रहे हैं. 12 वीं के बाद उन्होंने डिप्लोमा इन कोऑपरेटिव मैनेजमेंट कोर्स किया. वर्ष 2007 में, पच्चीस वर्ष की आयु में वह हिंदू स्मशान भूमी में आये. आज वे 53 साल है. यहां तक कि, जब वह पूरे दिन स्मशान भूमी में रहते हैं, तब भी वह हमेशा प्रसन्न दिखाई देते हैं. उन्होंने साबित कर दिया कि एक प्रतिभाशाली व्यक्ति कहीं पर भी नाम कमा सकता है. एकनाथ इंगले बहुत विनम्र स्वभाव के हैं.
हाल ही में इस शख्सियत का डॉ. विनोद इंगोले और डॉ. गोविंद कासट ने शाल एवं पुस्तक भेंट कर अभिनंदन किया. इस समय संस्था के ट्रस्टी पं. देवदत्त शर्मा एवं राजू मूंदड़ा मुख्य रूप से उपस्थित थे. रामचन्द्र गुल्हाने, काशीनाथ फुटाने, प्राचार्य डॉ. सुभाष गवई, राजू डांगे, प्रफुल्ल निकम, सतीश वडनेरकर एवं मित्र मंडली के अन्य लोग उपस्थित थे.

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