* पुरानी बसें सडकों पर नहीं पकड पाती रफ्तार
अमरावती/दि.11 – जिले में इस समय लगभग सभी रास्तों को चूस्त-दुरुस्त व चकाचक बना दिया गया है, लेकिन इसके बावजूद इन सपाट रास्तों पर चलने वाली सरकारी बसें अपेक्षित रफ्तार नहीं पकड पाती. इसकी मुख्य वजह यह है कि, अमरावती विभाग के 8 रापनि आगारों में लगभग 341 बसे 10 वर्ष से अधिक पुरानी हो चुकी है. ऐसे में यह पुरानी बसे रफ्तार कैसे पकडेगी और अपने गणतंव्य पर कैसे पहुंचेगी, यह अपने आप में मुख्य सवाल है.
उल्लेखनीय है कि, कोविड व लॉकडाउन के चलते रापनि को काफी आर्थिक संकट का सामना करना पडा. साथ ही कर्मचारियों की हडताल की वजह से रापनि को काफी बडे पैमाने पर आर्थिक नुकसान भी हुआ. जिसके परिणाम स्वरुप रापनि की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से डामाडोल हो गई. जिसके चलते पुरानी व खस्ताहाल बसों की बजाय नहीं बसों की खरीदी अधर में लटक गई, ऐसे में रापनि द्बारा अपनी पुरानी बसों की ही देखभाल व दुरुस्ती करते हुए उन्हें सडकों पर चलाया जा रहा है. जिसमें से 341 बसें 10 वर्ष से अधिक पुरानी हो ुचुकी है. जो डिपो से निकलने के बाद सडकों पर बेहद सुस्त रफ्तार के साथ चलती है. साथ ही ग्रामीण इलाकों के लिए छोडी जाने वाली यह बसे अपने गतंव्य तक पहुंच भी पाएंगी अथवा नहीं, इसे लेकर काफी संदेह होता है.
ज्ञात रहे कि, केंद्र सरकार के नये नियमानुसार 15 वर्ष से अधिक पुरानी हो चुके वाहनों को सडकों से हटा देने के निर्देश जारी हो चुके है, ताकि प्रदूषण के स्तर को हटाने के साथ-साथ सडकों पर वाहनों की आवाजाही को सुरक्षित किया जा सके. लेकिन इसके बावजूद रापनि के अमरावती विभाग में अब भी 10 से 15 वर्ष पुरानी हो चुकी 341 बसे सडकोें पर दौड रही है.
* 10 वर्ष से अधिक पुरानी 120 बसें
जिले के 8 आगारों में 378 यात्री बसे व मालवाहक ट्रक है. जिसमें से 100 से अधिक वाहन 10 वर्ष से अधिक पुराने हो चुके है और सडकों पर अपेक्षित रफ्तार भी नहीं पकड पाते.
* सुस्त रफ्तार से यात्री त्रस्त
10 वर्ष से अधिक पुरानी हो चुकी बसों का पुर्जा-पुर्जा हिलने लगता है. जिसके चलते उन्हें कम व सुस्त रफ्तार पर चलाना पडता है. ऐसे में इन बसों में बैठकर अपने गतंव्य की ओर जाने वाले यात्री बस में बैठे-बैठे सुस्त रफ्तार की वजह से त्रस्त हो जाते है.
* कम मिलेगी 100 नई बसें
अमरावती विभाग द्बारा रापनि प्रशासन से 100 नई बसे मांगी गई है. लेकिन नई बसों की खेप रापनि प्रशासन द्बारा कब तक उपलब्ध कराई जा सकेगी. यह अभी तय नहीं है. ऐसा रापनि के स्थानीय अधिकारियों द्बारा बताया गया है.
* कबाड में कोई बस नहीं
इस संदर्भ में जानकारी देते हुए रापनि के विभाग नियंत्रक नीलेश बेलसरे ने बताया कि, अमरावती विभाग की कुल 467 मेें से विगत कुछ वर्षों के दौरान 74 बसों की निलामी हो गई. इसके अलावा रापनि की सेवा में रहने वाली 25 निजी शिवशाही बसों को हटा दिया गया है. ऐसे में अब उपलब्ध वाहनों में से कोई भी वाहन कबाड या भंगार में नहीं है. साथ ही रापनि के पास उपलब्ध जिन बसों की स्थिति बिल्कुल ठीक होती है, केवल ऐसी बसों को ही बाहरगांव की फेरी पर रवाना किया जाता है और ऐसा करने से पहले हर एक बस की कार्यशाला में जांच की जाती है.
* 10 वर्ष पुरानी आगार निहाय बसे
आगार बसे
अमरावती 16
बडनेरा 11
परतवाडा 18
वरुड 15
चांदूर रेल्वे 16
दर्यापुर 16
मोर्शी 19
चांदूर बाजार 08