जीत के आंकडों में लखपति बने कई उम्मीदवार
तो कई दिग्गजों को कम वोट से ही हुई जीत हासिल

अमरावती/दि.26- विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आने के बाद राज्य में किसकी सरकार बनेगी यह चित्र स्पष्ट हो चुका है. वही इस बार चुनाव राजनीतिक प्रतिष्ठा को भी पूरी तरह दर्शाने वाला रहा. हर नेता अपने मान-सम्मान का चुनाव मानकर इसे लडने के लिए चुनावी रणभेदी में उतरा था. वही इस बार राज्य में विधानसभा चुनाव के परिणाम बहुत ही चौकाने वाले रहे. जिसमें कई उम्मीदवारों ने अपनी जीत के लिए प्राप्त मतों में से लाखों वोटों से जीत हासिल कर अपने प्रतिव्दंदियों को बुरी तरह परास्त कर दिया. जिसके कारण कई हारे हुए प्रत्याशियों का राजनीतिक भविष्य दांव पर लगने जैसा रहा.
हालांकि इस बार के चुनाव का प्रतिशत कम रहा फिर भी कई उम्मीदवारों ने अपनी जीत में लाखों का आंकडा पार कर भारी बहुमतों से जीत हासील की है. वही कई दिग्गजों को थोडी सी सेंचुरी में मन मसोस कर अपनी जीत की खुशी मनानी पडी. बता दें कि राज्य में महायुति ने बडी सफलता हासिल की है वही महाविकास आघाडी विपक्ष में भी बैठने लायक नहीं बची. इस बार के चुनाव परिणाम के अनुसार कई दिग्गजों को हार कर घर बैठना पडा है. राज्य में 1,08,896 वोट से जीतने वाले नागपुर पूर्व के उम्मीदवार कृष्णा खोपडे(भाजपा) ने कीर्तिमान बनाया है. वही अमरावती जिले के मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा के उम्मीदवार केवलराम काले ने 1,06,859 वोटों से रिकॉर्ड जीत हासील की. इसके साथ ही राज्य के मुख्यमंत्री रहे एकनाथ शिंदे ने 1,20,717 वोट से रिकॉर्ड जीत हासिल की है व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने 1,00,899 वोंटों से जीत दर्ज की तथा सबसे कम विजयी वोटो का आंकडा एमआईएम के मालेगांव निर्वाचन क्षेत्र से प्रत्याशी रहें मुफ्ति ईस्माइल कासमी ने राज्य में सबसे कम 162 वोटों से जीत हासिल की है.
लाख वोंटो से उपर जीतने वाले उम्मीदवार
नागपुर पूर्व के भाजपा के उम्मीदवार कृष्णा खोपडे ने अपने निकटतम प्रतिव्दंदी दुनेश्वर पेठे ( राकांपा शरद पवार गट) को हराकर 1 लाख 8 हजार 896 वोंटो से जीत हासील की. इसी तरह मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा उम्मीदवार केवलराम काले ने कांग्रेस के डॉ. हेमंत चिमोटे को हरा कर 1 लाख 6 हजार 859 वोटों से जीत हासील की. इसी तरह काशिराम पावरा(भाजपा) ने जितेन्द्र ठाकुर (निर्दलीय) को शिरपुर निर्वाचन सीट से हराकर 1,45944 वोंटो से विजयश्री पाई. ओवला-माजीवाडा निर्वाचन सीट से उबाठा के नरेश मनेरा को हराते हुए शिंदे सेना के प्रताप सरनाईक ने 1,08,158 वोटों से बडी इस विधानसभा सीट पर कब्जा किया. राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी अजित पवार गुट के धनंजय मुंडे ने पर्ली विधानसभा सीट से शरद पवार गुट के राजेसाहेब को हराकर 1,40,224 वोटो से जीत पक्की की. इसी तरह शिंदे सेना के दादा भुसे ने मालेगांव बाह्य निर्वाचन क्षेत्र में 1,06606 वोटो से जीतते हुए निर्दलीय उम्मीदवार प्रमोद बच्छाव को हराया. बोरीवली निर्वाचन क्षेत्र से संजय भोसले(उबाठा) के उम्मीदवार को हरा कर भाजपा के संजय उपाध्याय ने 1,00,257 वोटों से जीत हासिल की है.
विधानसभा चुनाव के दौरान निकले परिणाम में जहां नये नवेले प्रत्याशियों ने अपना दम दिखाया वही कई नये प्रत्याशियों के सामने पुराने धुरंधरों को पसीना पोछने पर भी मजबुर कर दिया. जिसमें कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले की भिडंत साकोली निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा के अविनाश ब्रह्मणकर से हुई. इस चुनाव में जैसे पटोले हारते-हारते बचे कडी टक्कर में उन्होंने सिर्फ 208 मतों से ही अपनी जीत पर कब्जा जमाया. इसी तरह बेलापुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की भाजपा से उम्मीदवार मंदा म्हात्रे ने निर्दलीय प्रत्याशी संदीपन नाईक को हरा कर 377 वोटों से जीत हासिल की. राज्य में चुनावी आंकडा माने तो एमआईएम के मालेगांव मध्य के उम्मीदवार मुफ्ती ईस्माइल की किस्मत अच्छी रही वे केवल 162 वोटो से ही जीत पाए है. उन्हें भी निर्दलीय उम्मीदवार आसीफ रशीद ने कडी टक्कर दी थी.
बात की जाए तो दिग्गज नेताओं की तो इसमें सबसे पहला नाम आता है उपमुख्यमंत्री अजित पवार का मुकाबला उनके ही चचेरे भाई के बेटे युगेन्द्र पवार के बीच रहा. जिसमें अजित दादा ने अपने भतीजे युगेन्द्र पवार को हरा कर 1,00899 वोटो से भारी जीत हासिल की. इसी तरह राज्य में मुख्यमंत्री रहें एकनाथ शिंदे ने उबाठा के केदार दिघे को कडी टक्कर देते हुए 1,20, 717 वोटो से जीतते हुए पूरे राज्य में अपना डंका बजाया. इस मामले में कभी मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री रहे देवेन्द्र फडणवीस थोडे अनलकी साबित हुए उन्हें उनके निर्वाचन क्षेत्र नागपुर दक्षिण-पश्चिम में कांग्रेस के प्रफुल्ल गुडधे ने कडी टक्कर दी. फिर भी इस चुनाव में देवेन्द्र फडणवीस को सिर्फ 39,710 वोटो से जीत हासिल हुई. वही शरद पवार गुट के जितेन्द्र अहवाल भी लखपती विनर बनते-बनते रह गए. उन्होंने 96,228 वोटो से जीत कर अजित पवार गुट के नजीब मुल्ला को हराया.