प्रयागराज जाकर फंसे अमरावती के कई श्रद्धालु
कुंभ स्नान करने हेतु निकले थे
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* संगम से 50-60 किमी पहले ट्रैफिक जाम में फंसे
* 24 से 36 घंटे का समय लगा संगम तक पहुंचने में
* 10 से 15 किमी की पैदल यात्रा भी करनी पडी
* भारी भीडभाड के चलते कुंभ क्षेत्र में व्यवस्थाएं चरमराई
* कई तरह की असुविधाओं का श्रद्धालुओं को करना पडा सामना
अमरावती/दि. 10 – इस समय उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सदी का पहला व अंतिम महाकुंभ चल रहा है. 12 पूर्ण कुंभ के बाद 144 वर्षों के अंतराल पश्चात आयोजित होनेवाले इस महाकुंभ में शामिल होकर हर कोई प्रयागराज स्थित त्रिवेणी संगम में स्नान करने हेतु लालायित है तथा संगम स्नान करते हुए आस्था व श्रद्धा की डूबकी लगाकर पुण्यलाभ अर्जीत करना चाहता है. जिसके चलते अमरावती शहर सहित जिले से भी कई लोग कुंभ स्नान करने हेतु प्रयागराज की यात्रा पर जा रहे हैं. परंतु इस समय प्रयागराज में काफी अधिक भीडभाड हो जाने के चलते प्रयागराज के चारों और यूपी पुलिस ने तगडा बंदोबस्त लगाते हुए बैरिकेटींग कर दी है तथा हर ओर से आनेवाले वाहनों को प्रयागराज से करीब 60 किमी पहले ही रोका जा रहा है. जिसके चलते सभी सडकों पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारे लगी हुई है और ट्रैफिक जाम वाली स्थिति बन गई है. यह ट्रैफिक जाम करीब 30 से 35 किमी लंबा है तथा सभी वाहन चींटी की रफ्तार से आगे बढ रहे है. जिसके चलते महज 25 से 30 किमी की दूरी को तय करने में 12 से 15 घंटे का समय लग रहा है. साथ ही प्रयागराज पहुंचने पर सभी वाहनों को संगम स्थल से 10-15 किमी पहले ही पार्क करवाया जा रहा है और सभी श्रद्धालुओं को 10-15 किमी पैदल चलते हुए संगम तट पर पहुंचकर स्नान करना पड रहा है. कुछ इस तरह के अनुभव महाकुंभ के चलते इस समय प्रयागराज में मौजूद अमरावती निवासी श्रद्धालुओं द्वारा ‘दैनिक अमरावती मंडल’ के साथ साझा किए गए.
उल्लेखनीय है कि, अमरावती से महाकुंभ के चलते प्रयागराज की यात्रा पर रहनेवाले अमरावती निवासी कई श्रद्धालुओं द्वारा सोशल मीडिया के जरिए अपनी प्रयागराज यात्रा के अनुभव तथा यात्रा के दौरान होनेवाली तकलीफों को साझा किया जा रहा है. जिसके चलते ‘दैनिक अमरावती मंडल’ ने प्रयागराज की यात्रा पर रहनेवाले कई अमरावती वासियों से संपर्क करते हुए उनके अनुभवों को जानना चाहा तो सभी के अनुभव लगभग एकसमान थे. जिनके मुताबिक ज्यादा तर श्रद्धालु अपने-अपने वाहनों के जरिए ही महाकुंभ की यात्रा पर अमरावती से रवाना हुए थे. जिनके वाहनों को प्रयागराज से करीब 50-60 किमी पहले ही रोक दिया गया था. जिसके चलते करीब 30 से 35 किमी लंबा ट्रैफिक जाम लग गया, जो लंबे समय तक अपने स्थान से एक इंच भी आगे नहीं सरका. जिसके चलते कई यात्रियों को पूरी रात सडक पर अपने वाहनों में ही बितानी पडली. इसके पश्चात चींटी की रफ्तार से जैसे-तैसे आगे बढते हुए प्रयागराज पहुंचने में करीब 10 से 12 घंटे का समय लगा. जहां पर उनके वाहनों को संगम स्थल से करीब 10-12 किमी की दूरी पर पार्क कराया गया और उन्हें 10-12 किमी पैदल चलते हुए संगम तट पर पहुंचना पडा. जहां पर श्रद्धालुओं की अपार भीड पहले से मौजूद थी. खास बात यह रही कि, संगम तट पर करीब डेढ किमी वाली रेतीली जमीन पर संगम स्नान के बाद महिलाओं हेतु कपडे बदलने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी. साथ ही बाथरुम व वॉश रुम भी संगम तट के किनारे रेतीली जमीन के बाद डेढ किमी की दूरी पर था. जिसके चलते संगम स्नान के बाद महिलाओं को काफी तकलीफों का सामना करना पडा.
‘दैनिक अमरावती मंडल’ से बातचीत करते हुए कई श्रद्धालुओं का यह भी कहना रहा कि, यद्यपि उत्तर प्रदेश सरकार एवं प्रयागराज के जिला प्रशासन द्वारा कुंभ क्षेत्र में व्यवस्थाओं के बेहद चाकचौबंद रहने के संदर्भ में कई तरह के दावें किए गए है. परंतु हकिकत यह है कि, बेतहाशा भीड के चलते सारी व्यवस्थाएं बुरी तरह से चरमरा गई है और इस समय श्रद्धालुओं को कुंभ क्षेत्र सहित पूरे प्रयागराज में काफी असुविधाओं का सामना करना पड रहा है. जिसकी वजह से कुंभ क्षेेंत्र में आए दिन भगदड वाली स्थिति बन रही है. इसमें से कई श्रद्धालुओं का यह भी कहना रहा कि, मौनी अमावस्या को हुए अमृत स्नान के बाद महाकुंभ में भीड कम हो गई होगी, यह सोचकर वे अमरावती से प्रयागराज की यात्रा के लिए रवाना हुए थे. परंतु उनकी यह सोच गलत साबित हुई. क्योंकि, कुंभ में इस समय भी देशभर से लाखों-करोडों श्रद्धालुओं का आना जारी है. जिसके चलते जहां एक और कुंभ क्षेत्र में श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीडभाड हैं, वहीं प्रयागराज की और आनेवाली सभी सडकों पर ट्रैफिक जाम को लेकर स्थिति बेहद बिकट है.