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सरकारी नौकरी में नियुक्ति के बाद कई कर्मचारी बने फर्जी दिव्यांग!

दिव्यांग लाभ हेतु पेश किए जाली दस्तावेज

अमरावती/दि. 5- राज्य सरकार की नौकरी में नियुक्ति के समय कुल कर्मचारियों में केवल 0.34 फीसद कर्मचारी दिव्यांग थे. लेकिन इस समय राज्य सरकार की सेवा में करीब डेढ फीसद कर्मचारी दिव्यांग रहने की जानकारी सरकारी कर्मचारी कोष के आंकडों को देकर पता चलती है. ऐसे में नियुक्ति के पश्चात दिव्यांग कर्मचारियों की संख्या में करीब 1 फीसद की वृद्धि कैसे हो गई इस सवाल का जवाब खोजा जा रहा है. साथ ही यह अंदेशा भी जताया जा रहा है कि तबादले एवं अन्य लाभों को प्राप्त करने हेतु कई सामान्य कर्मचारियों ने खुद को फर्जी तरीके से दिव्यांग दर्शाते हेतु जाली दस्तावेज प्रस्तुत किए है. जिसकी वजह से दिव्यांग कर्मचारियों की संख्या बढी हुई दिखाई दे रही है.
इसके अलावा यह भी माना जा रहा है कि नियुक्ति के समय दिव्यांग नहीं रहने वाले कुछ कर्मचारी किसी हादसे या बीमारी की वजह से दिव्यांग शारीरिक तौर पर अक्षम हो सकते है. इसके अलावा इससे पहले 6 तरह के मामलों में दिव्यांग प्रमाणपत्र दिए जाते थे. परंतु वर्ष 2016 के दिव्यांग व्यक्ति हक अधिनियम के अनुसार दिव्यांगत्व के 21 प्रकार तय किए गए हैं. इस वजह से भी दिव्यांगों की संख्या बढ सकती है. लेकिन इसके बावजूद विविध जिला परिषदों की तबादला प्रक्रिया में कई कर्मचारी दिव्यांग रहने के बावजूद भी केवल तबादले में प्राथमिकता व अन्य लाभ लेने के लिए फर्जी तरीके से खुद को दिव्यांग दर्शाते हैं. जिनमें से कुछ कर्मचारियों ने तो जिला अस्पताल के जरिए ऐसे प्रमाणपत्र हासिल किए है वहीं कुछ ने फर्जी प्रमाणपत्र भी पेश किए हैं.

* प्रमाणपत्र देने वाली व्यवस्था पर ही संदेह
सरकारी आदेशानुसार जिप व मनपा के अस्पताल एवं वैद्यकीय महाविद्यालय की त्रिसदस्यीय समिति दिव्यांगत्व का प्रमाण तय करते हुए दिव्यांगत्व प्रमाणपत्र देती हैं. 40 फीसद दिव्यांगत्व रहने वाले व्यक्ति को सरकारी लाभ मिलता है और इन प्रमाणपत्रों की आगे चलकर कोई पडताल नहीं होती. ऐसे में प्रमाणपत्र देने वाली सरकारी अस्पतालों की प्रक्रिया को लेकर संदेह पैदा हो रहा है.

कई कर्मचारी दिव्यांग नहीं रहने के बावजूद ऐसे प्रमाणपत्रों का फायदा लेते हैं. यह बिल्कुल सही बात है. जिसके चलते सरकार ने अब जाति पडताल की तरह दिव्यांग प्रमाणपत्रों की पडताल करने का निर्णय लिया है. सरकारी नौकरी में रहने वाले दिव्यांगों के लिए इसके तहत पडताल की जाएगी. जिसके जरिए फर्जी दिव्यांगों की खोज करते हुए कार्रवाई की जाएगी.
– बच्चू कडू,
मुख्य मार्गदर्शक,
दिव्यांग कल्याण विभाग,
सरकार दिव्यांगों के व्दार अभियान

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