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अनेक संगीन अपराधों का किया भांडाफोड

थानेदार मनीष ठाकरे नक्सलियों से भी भिडे

* राष्ट्रपति अवॉर्ड पर बधाई का तांता
* अमरावती मंडल से विशेष बातचीत
अमरावती/दि.15 – राजापेठ के थानेदार मनीष ठाकरे को राष्ट्रपति विशेष सेवा पदक से राज्यपाल भगतसिंग कोश्यारी के हस्ते सम्मानित किया गया. उनकी इस उपलब्धि पर शहर भर से अनेक गणमान्य ने ठाकरे को बधाई दी है. शुभकामनाओं का उन पर वर्षाव हो रहा है. ठाकरे ने अमरावती मंडल से आज दोपहर बातचीत में बताया कि, गुंडे-बदमाशों से निपटने के अलावा वे गडचिरोली और चंद्रपुर में नक्सलियों से दो-दो हाथ कर चुके हैं. अनेक दुर्दांत नक्सलियों को जिंदा पकडने का कमाल भी छोटे कद के किंतु दिखने में बडे स्मार्ट मनीष ठाकरे ने किया है. अनेक मौकों पर जान की बाजी लगा चुके हैं.
* पहली पोस्टींग नक्सल क्षेत्र मेें
थानेदार ठाकरे ने बताया कि, गडचिरोली नक्सल प्रभावित क्षेत्र में उनकी 8 से 9 साल की सेवा रही है. इस दौरान अनेक नक्सलियों को उन्होंने दबोचा. ऐसे ही नक्सलियों के कई प्लान विफल किये. फायरिंग का सामना कर नक्सलियों को जीवित पकडने का कमाल भी ठाकरे ने किया था. आज भी उनके साथी उस दौर को याद करते हैं. यवतमाल में सेवा देते समय नक्सलियों का शस्त्र का कारखाना ठाकरे की टीम ने बडी होशियारी से खोज निकाला था.
* 56 लाख की लूट
नागपुर ग्रामीण में काम कर चुके ठाकरे ने बताया कि, रामटेक मेें 56 लाख रुपए की डकैती हुई थी. कुछ ही घंटों में आरोपियों को दबोच लिया था. ऐसे ही अमरावती के गाडगे नगर में भी शस्त्रों का जखीरा आधी रात को पकडा था. जिसमें 18 तलवारे और 5 बंदूकें शामिल थी. वाशिम के कारंजा में दंगे को ठाकरे ने बडी समझदारी से हैंडल किया और काबू पाया.
* कोयला चोरों पर मकोका
ठाकरे ने बताया कि, धनज थाना क्षेत्र में कार्य दौरान अनेक बुजुर्ग की खोज उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर कर दिखाई थी. बुजुर्ग की लापता हो जाने की कई शिकायतों का निपटारा किया था. उसी प्रकार चंद्रपुर में वेकोलि के वैगन से कोयला चोरी बडे प्रमाण में हो रही थी. शिकायत मिलते ही ठाकरे की टीम ने गैंग को दबोचा. इस गिरोह पर महाराष्ट्र संगठित अपराध प्रतिबंधक कानून मकोका भी लगाया था. ऐसे ही एक प्रकरण को याद करते हुए ठाकरे ने बताया कि, चंद्रपुर में बलात्कार और पोक्सो के एक संगीन मामले की तहकीकात उन्होंने की थी. यह बडा पेचिदा मामला था. इसमें तकनीक और विश्लेषण का उन्होंने सहारा लिया. मुख्य आरोपी यातायात विभाग अंतर्गत गाडियां उठाने का काम करता था. हट्टे-कट्टे आरोपी सहित 4 लोगों को भी पकडा गया. उनका इस केस में किया गया जांच कार्य बडे प्रमाण में एपीशिएट हुआ था.
* लुनिया अपहरण प्रकरण
पिछले वर्ष फरवरी में अमरावती शहर में हलचल मचाने वाले लुनिया अपहरण कांड में भी तीन दिनों के अंदर आरोपियों को दबोचने तथा अपहृत बालक को सकुशल छूडाने में मनीष ठाकरे की थानेदार के रुप में भूमिका महत्वपूर्ण रही थी. अमरावती के अनेक प्रकरणों में ठाकरे ने तत्काल और प्रभावी पडताल कर अपराधों का भांडाफोड किया है.

* अविरत सेवा का अवॉर्ड
राष्ट्रपति अवॉर्ड पुलिस में अविरत और उल्लेखनीय कामगिरी के लिए दिया जाता है. मनीष ठाकरे को 26 वर्ष से अधिक सेवाकाल हो गया है. अत: महामहिम राज्यपाल के हस्ते राजभवन में उनका विशेष सेवा मेडल से सम्मान हुआ है.

* दो बेटे और पत्नी
मनीष ठाकरे के परिवार में पत्नी सौ वैशाली तथा दो पुत्र हर्षवर्धन एवं पार्थ हैं. हर्षवर्धन मैकेनिकल अभियांत्रिकी के छात्र है, तो पार्थ इस वर्ष कक्षा 12वीं की एक्झाम देने वाले हैं. ठाकरे ने अपने फर्ज को निभाते हुए अनेक बार प्राणों की बाजी लगा दी थी. उनकी गाडी को नक्सलियों ने विस्फोट से उडा दिया था. वे बाल-बाल बच गये. ठाकरे का नाम तब राष्ट्रपति शौर्य पदक के लिए दिया गया था.

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