प्रसूती के लिए शासकीय अस्पताल की बजाय निजी की ओर अनेकों का रुझान
निजी अस्पताल में सिझेरियन अधिक : सरकारी में सेवा पर प्रश्नचिन्ह

अमरावती/दि.1 – महिलाओं की प्रसूती स्वास्थ्य संस्थाओं में ही की जाती है. लेकिन शासकीय अस्पताल में डॉक्टरों का अभाव, स्वास्थ्य कर्मचारियों की संख्या में कमी को देखते हुए सिझेरियन के लिए निजी अस्पतालों का सहारा अनेक व्दारा लेते दिखाई दे रहा है. जिले के 16 शासकीय अस्पतालों में अप्रैल से जुलाई दरमियान 5047 प्रसूति हुई. इनमें 2242 सिझेरियन होने की जानकारी सूत्रों से मिली है. निजी अस्पतालों का आंकड़ा इनसे अधिक है.
अप्रैल से जुलाई 2021 की आंकड़ेवारी
रुग्णालय नॉर्मल सिझेरियन
इर्विन अस्पताल 02 00
अंजनगांव अस्पताल 108 00
भातकुली अस्पताल 18 00
चांदूरबाजार अस्पताल 82 00
चांदूररेल्वे अस्पताल 33 00
चुरणी अस्पताल 26 00
धामणगांव अस्पताल 30 00
नांदगांव खं. अस्पताल 35 01
तिवसा अस्पताल 15 00
वरुड अस्पताल 793 445
अचलपुर अस्पताल 942 423
दर्यापुर अस्पताल 109 09
धारणी अस्पताल 296 70
मोर्शी अस्पताल 168 20
डफरीन अमरावती 2380 1274
सरकारी अस्पताल में नॉर्मल, निजी में सिझेरियन
– शासकीय अस्पताल में प्रसूती के लिए आने वाली महिलाओं की ओर ध्यान नहीं दिया जाता, फिर भी उन महिलाओं की सामान्य डिलेवरी हो, इसके लिए शासकीय अस्पताल के डॉक्टरों व्दारा प्रयास किया जाता है.
-निजी अस्पताल में आने वालों की प्रसूती तुरंत की जाती है. इसके लिए सिझेरियन का सहारा लिया जाता है. अस्पताल में महिला डिलेवरी के लिए उपस्थित होते ही घंटेभर में शिशु को हाथ में रखा जाता है.
- सामान्य परिवार की अधिकांश महिलाओं की डफरीन में प्रसूती हो रही है. माता मृत्यु व बालमृत्यु को टालने की दृष्टि से प्रसूती के बाद भी स्वास्थ्य विभाग व्दारा माता की ओर ध्यान दिया जाता है.
– विद्या वाठोडकर, अधीक्षक, डफरीन