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तलाशी में मिली कई जादू-टोणे की आर्श्चजनक सामग्री

सैलानी दरबार के नाम पर चलाई जा रही थी अंधश्रद्धा की दुकानदारी

* भुत, प्रेत, बाधा भगाने के नाम पर लोगों को ठगते थे बाप-बेटे
* अमरावती के युवक की आर्वी में गला घोटकर मारने का मामला
अमरावती/ दि.23– अमरावती के बेलपुरा परिसर में रहने वाले 22 वर्षीय रितिक सोनकुसरे की आर्वी में 3 बाप-बेटों ने मिलकर तंत्र क्रिया के नाम पर गला घोटकर हत्या किये जाने की सनसनीखेज घटना हाल ही में उजागर हुई. इस मामले में पुलिस ने अब्दुल रहीम अब्दुल माजिद, अब्दुल जुनैद और अब्दुल जमीर नामक तीनों बाप-बेटों को गिरफ्तार कर लिया है. इस दौरान तीनों आरोपियों की घर की तलाशी लेने पर आर्वी पुलिस भी आश्चर्यचकित हो गई. तीनों बाप-बेटे घर में सैलानी दरबार की दुकानदारी चलाते थे. जादू-टोणे से संबंधित कई तरह की सामग्री घर से बरामद हुई है. वे बाप-बेटे भुत, प्रेत, बाधा भगाने के नाम पर लोगों को बेवकुफ बनाकर आर्थिक रुप से ठगा करते थे. आरोपियों को अदालत ने 27 मई तक पुलिस कस्टडी में रखने के आदेश दिये है. पुलिस आरोपियों से कडी पूछताछ कर रही है. इस मामले में और कई सनसनीखेज रहस्यों का पर्दाफाश होने की संभावना पुलिस ने व्यक्त की हेै.
रितिक सोनकुसरे की हत्या के मामले में पुलिस ने तहकीकात शुरु की. अदालत से पुलिस कस्टडी मिलने के बाद आरोपियों के घर पर तलाशी ली गई. पुलिस को वहां भुत, पिशाच भगाने के लिए वहां कागज की पुडिया, कही तरह की जडीबुटी, निबु, काले धागे व जादू-टोणे से अन्य सामग्रियां दिखाई दी. पुलिस को तहकीकात में यह भी पता चला कि, आरोपियों ने घर में सैलानी दरबार सजाकर लोगों को अंधश्रद्धा के पीछे ठगने का कारोबार शुरु कर रखा था. तीनों बाप-बेटे निबु, काले धागे पर मंत्र पढकर किसी भी असाध्य बीमारियों का इलाज करते थे. भुत, पिशाच भगाने के नाम पर लोगों को बेवकुफ बनाते थे. इसके लिए वे लोगों को आर्थिक रुप से ठगकर उन रुपयों पर ऐश करते थे. खबर यह भी मिली कि, एक महिला को संतान न होने के कारण काफी रुपयों से ठग लिया था. इसके बाद उस महिला की भी मौत हो गई थी, मगर वह मामला पुलिस तक नहीं पहुंच पाया. अपनी दुकानदारी की चक्कर में न जाने कितने लोगों को इन ठगबाज तांत्रिकों ने चुना लगाया है. पुलिस की तहकीकात में इन आरोपियों ने और कितने लोगों को बर्बाद किया और कितनों की जान ली, यह सबकुछ उजागर होगा.
मिली जानकारी के अनुसार रितिक सोनकुसरे पिछले 5-6 माह से मानसिक रुप से बीमार था. कथित तौर पर परिवार वालों को संदेह था कि, किसी भुत, बाधा की छाया के लपेटे में आ गया है. वे रितिक का इलाज कराने के लिए यहां वहां भागते थे. फिर किसी परिचित की वजह से उनका संपर्क इन तीनों बाप-बेटे आरोपियों से हुआ. वे इसके लिए आर्वी भी गए थे. इसके बाद रितिक को लेकर अमरावती वापस भी लौटे थे. तब वह तांत्रिक चार लोगों के साथ अमरावती आया था. बेलपुरा में रितिक के घर जाकर उसका इलाज कराने के बहाने अपने साथ आर्वी ले गए. दूसरे ही दिन आरोपी तांत्रिकों ने रितिक के पिता को फोन पर बताया कि, रितिक का निधन हो गया. रितिक के परिजन आर्वी गए, मगर शातिर बदमाशों ने उन्हें कुछ न बताते हुए और इसकी पुलिस थाने में सूचना दिये बगैर ही रितिक की लाश अमरावती भिजवा दी. रितीक की लाश बेलपुरा में लाने के बाद घर के सदस्यों को रितिक के गले पर कुछ निशान दिखाई दिये, जिससे उन्हें संदेह हुआ. तब रितिक के पिता ने सिटी कोतवाली पुलिस थाने में शिकायत दी. पुलिस ने मामला दर्ज कर आर्वी पुलिस के हवाले किया. सुबह 11 बजे से शाम तक रितिक की लाश पोस्टमार्टम के लिए रोककर रखी गई. आर्वी पुलिस ने तत्काल एक्शन लेते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया. इसके बाद शाम को रितिक के लाश पर पोस्टमार्टम कराने के बाद उसी शाम अंत्यविधि की गई. अब पुलिस इस मामले के अन्य रहस्योें से पर्दाफाश करने के लिए गहन तहकीकात कर ही है.

मनघडंत कहानी बताने वाले तांत्रिक ने कबुला हत्या का अपराध
रितिक सोनकुसरे कह मृत्यु से पहले वाली रात रितिक रात के समय जोर-जोर से चिल्ला रहा था. उसे जिन्नों ने मार डाला है, रितिक के अंत्यसंस्कार के बाद वहां की मिट्टी लेकर आना मैं उन जिन्नों को खत्म कर दुंगा, ऐसा दावा तांत्रिक अब्दल रहीम ने करते हुए रितिक के पिता गणेश सोनकुसरे के समक्ष किया. परंतु पुलिस की गिरफ्तारी के बाद आरोपी ने कबुल किया है कि उसने ही रितिक का गला घोटकर हत्या की है. डॉक्टर ने भी प्राथमिक तौर पर बताया कि, अगर रितिक ने फांसी लगाई होती तो उसकी गर्दन की हड्डी टूट जाती थी, परंतु ऐसा नहीं हुआ, इससे यह स्पष्ट हुआ कि, रितिक की गला घोटकर हत्या की होगी. अब आरोपी ने हत्या करने की बात भी कबुली है.

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