चुनावी ड्यूटी पर लगे कई कर्मियों को एकसाथ बुखार
नियुक्ति रद्द करवाने हेतु 1070 कर्मचारियों के आवेदन
अमरावती/दि.4– चुनाव से संबंधित कामों के लिए नियुक्त किये गये कर्मचारियों को ऐन समय पर बडे प्रमाण में मधुमेह (डायबिटीज) व हृदयविकार जैसी बीमारियों का अधिक टेंशन आया दिखाई दे रहा है. इसके साथ ही कुछ अन्य कारणों का आधार लेते हुए अपनी इलेक्शन ड्यूटी को रद्द करवाने हेतु आवेदन करवाने वाले कर्मचारियों की संख्या लगभग 1 हजार 70 के आसपास जा पहुंची है, ऐसी जानकारी जिला निर्वाचन विभाग द्वारा दी गई है.
निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार विविध सरकारी विभागों सहित स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के कर्मचारियों व शिक्षकों की भी विधानसभा चुनाव से संबंधित कामों के लिए नियुक्ति की गई है. परंतु निर्वाचन संबंधित कामों में रहने वाली जोखिम व प्रचंड व्यस्तता सहित प्रत्यक्ष मतदान वाले दिन ग्रामीण या दुर्गम क्षेत्र के मतदान केंद्रों पर होेन वाली असुविधा जैसे वजहों के चलते कई कर्मचारी इलेक्शन ड्यूटी करने को लेकर विशेष उत्सुक दिखाई नहीं देते और प्रत्येक चुनाव के समय कई कर्मचारियों द्वारा अपनी इलेक्शन ड्यूटी को रद्द करवाने का प्रयास किया जाता है. जिसके तहत आगामी 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव हेतु लगाई गई अपनी इलेक्शन ड्यूटी को रद्द करवाने हेतु अब तक 1 हजार 70 कर्मचारियों ने निर्वाचन विभाग के मनुष्यबल व्यवस्थापन कार्यालय के पास अपने निवेदन सौंपे है. जिसमें से अधिकांश कर्मचारियों ने खुद को मधुमेह व हृदयरोग रहने की वजह बताने के साथ-साथ घर परिवार में किसी व्यक्ति के बीमार रहने जैसी वजह का भी उल्लेख किया है.
* कर्मचारियों के आवेदन स्वीकारना किया गया बंद
निर्वाचन विभाग के मनुष्यबल व्यवस्थापन कार्यालय को अब तक प्राप्त 1 हजार 70 आवेदनों की पडताल ही फिलहाल पूरी नहीं हुई है. इन आवेदनों की पडताल तथा आवेदनों के साथ लगाये गये वैद्यकीय प्रमाणपत्रों की जांच के बाद ही पूख्ता वजहों के आधार पर इलेक्शन ड्यूटी हेतु की गई कर्मचारियों की नियुक्ति रद्द की जाएगी. वहीं अब पहला प्रशिक्षण पूरा कर चुके कर्मचारियों के निवेदन व आवेदन को स्वीकारना जिला निर्वाचन विभाग द्वारा बंद कर दिया गया है. जिससे संबंधित नोटिस मनुष्यबल व्यवस्थापन के नोडल अधिकारी तथा निवासी उपजिलाधीश अनिल भटकर के कक्ष के सामने लगा दी गई है.