चुनाव के ऐन समय पर मराठा समाज के साथ किया जा रहा धोखा- एड. यशोमती ठाकुर
अमरावती/दि.21– राज्य सरकार की ओर से आज बडे ही शोर शराबे के साथ मराठा समाज को दस प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की गई है. इसके लिए मराठा समाज का अभिनंदन, मगर यह आरक्षण कानून की कसौटी में खरा उतरेगा क्या? इस विषय में सरकार की ओर से किसी तरह का खुलासा नहीं किया गया. जिसके कारण दोबारा किसी चुनाव की पार्श्वभूमी पर मराठा समाज की दिशा भूल करने का काम सरकार व्दारा किया जा रहा है. ऐसी प्रतिक्रिया पूर्व मंत्री व कॉग्रेस नेत्री विधायक एड. यशोमती ठाकुर ने की है.
इस संदर्भ में बोलते हुए एड. ठाकुर ने आगे कहा कि राज्य सरकार कि ओर से मराठा समाज को नौकरी व शिक्षा में दस प्रतिशत आरक्षण देने के लिए विधेयक रखा गया. इस विधेयक को कॉग्रेस ने शुरू से ही समर्थन किया. मराठा समाज को आरक्षण मिले ऐसी हमारी भी भूमिका थी. सिर्फ यह आरक्षण न्यायालय में टिकने वाला, कानून की कसौटी पर खरा उतरने वाला हो, ऐसी हमारी भूमिका थी. इस दृष्टी से हमनें सभागृह में सरकार की ओर चर्चा की मांग की. मगर सरकार ने हमें सभागृह में बुलाया ही नहीं. अगर सरकार का मंशा साफ होती तो उनके व्दारा विरोधी पक्ष को बोलने के लिए अवसर क्यों नहीं दिया गया. इसका मतलब सरकार की ओर से लाया गया विधेयक केवल आगामी चुनाव में मराठा समाज के साथ गुमराह करने का विधेयक है. मराठा समाज को दिए गए दस प्रतिशत आरक्षण क्या यह कानूनी प्रक्रिया पर आधारित है? इस बारे में सरकार ने किसी तरह का खुलासा नहीं किया. मराठा समाज के आंदोलन नेता मनोज जरांगे पाटील ने इस विधेयक में सगे सोयरे (सगे-संबंधी) शब्द को भी शामिल किया जाने की ऐसी मांग भी की थी. इस विधेयक में यह शब्द कही भी दिखाई नहीं दे रहा है. जिसके कारण इस सरकार व्दारा फिर से एक बार मराठा समाज को बांटने के अक्षत देकर काम से लगा दिया है, ऐसा नजर आता है. न्यायालय में इस विधेयक पर ध्यान देना जरुरी है. तभी मराठा समाज को न्याय दिया जा सकता है. सिर्फ हाल ही स्थिती में सरकार व्दारा गडबडी क्यों, मगर मराठा समाज को दस प्रतिशत आरक्षण देने के लिए सरकार ने दरियादिली दिखाई. आरक्षण के लिए कुछ महिनों से आंदोलन करने वाले मराठा समाज के सभी भाईयों का अभिनंदन भी इस समय एड. यशोमती ठाकुर ने किया.