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मराठा आरक्षण की उम्मीदें बढी

आर्थिक आरक्षण निर्णय

* निर्णय का प्राय: स्वागत
अमरावती/दि.8 – आर्थिक दुर्बल घटकों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के निर्णय पर सर्वोच्च न्यायालय द्बारा मुहर लगाने से मराठा आरक्षण की आशा बढ गई है. इस प्रकार की भावना व्यक्त हो रही है. उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र में मराठा समाज को दिये 13 प्रतिशत आरक्षण को सही ठहराया था. किंतु सर्वोच्च न्यायालय ने 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं देने के मुद्दे पर मराठा आरक्षण को रद्द किया था. ऐसे में मराठा संगठन अब आर्थिक आरक्षण के पक्ष में किये गये निर्णय का हवाला देकर आशान्वित दिखाई दे रहे हैं.
* कोर्ट के आदेश का स्वागत
मराठा आरक्षण हेतु पुनर्विचार याचिका दाखिल करने वाले विनोद पाटील ने कहा कि, आर्थिक आधार पर आरक्षण को सही ठहराने वाले कोर्ट के निर्णय का वे स्वागत करते है. इस फैसले से स्पष्ट हो गया कि, स्वतंत्र रुप से भी आरक्षण दिया जा सकता है. 50 प्रतिशत की मर्यादा का संबंध नहीं है. इस निर्णय से मराठा आरक्षण को निश्चित ही बल मिलेगा. पाटील ने राज्य सरकार से अपील की कि, वे भी सर्वोच्च न्यायालय में विनंती कर शीघ्र से शीघ्र मराठा युवकों को हक का आरक्षण दिला दें. पाटील की पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट में प्रलंबित है.
* मराठा क्रांति मोर्चा
मराठा क्रांति मोर्चा के संयोजक वीरेंद्र पवार ने ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत आरक्षण पर मुहर लगाने के कोर्ट के निर्णय को स्वागत योग्य बताया. उन्होंने कहा कि, मराठा समाज की अनेक वर्षों से मांग है. आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाना चाहिए. जिनको आज तक किसी प्रकार के आरक्षण का आधार नहीं था. कोर्ट के निर्णय से अब उन्हें आर्थिक मापदंड पर आरक्षण मिलेगा. उसका लाभ होगा और उन्हें शिक्षा व नौकरी में अवसर मिलेंगे. निश्चित ही उनका जीवनमान उंचा उठेंगा.

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