
अमरावती/दि.15 – विगत 9 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को जारी शैक्षणिक सत्र में स्थगित करने का दुर्दैवी व अन्यायकारक निर्णय दिया गया है. जिसकी वजह से मराठा समाज में संताप की लहर है. अत: सरकार को चाहिए कि, मराठा समाज की जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए एक अध्यादेश पारित करते हुए जारी शैक्षणिक सत्र में भी शिक्षा एवं नौकरियों में आरक्षण की सुविधा दी जाये. इस आशय की मांग सकल मराठा समाज की ओर से मराठा सेवक संगठन द्वारा जिलाधीश के मार्फत राज्य के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे को भेजे गये पत्र में की गई है.
इस पत्र में मांग की गई है कि, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गये फैसले के खिलाफ सरकार द्वारा जल्द से जल्द पुनर्विचार याचिका दायर की जाये. साथ ही राज्य सरकार को प्राप्त संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए मराठा समाज के एसईबीसी आरक्षण को अबाधित रखा जाये और जब तक सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी स्थगनादेश पर फैसला नहीं हो जाता, तब तक मराठा समाज के हिस्से में आनेवाली सभी सीटों को रिक्त रखा जाये.
ज्ञापन सौंपते समय सकल मराठा समाज के कई प्रतिनिधि उपस्थित थे.