हर सरकारी कार्यालयों में मराठी अनिवार्य
मुंबई./दि.25– कोई भी (स्थानीय) प्राधिकरण, चाहे यह राज्य सरकार इस केंद्र सरकार या (राज्य द्वारा संचालित) निगमों द्वारा स्थापित हो, उसे जनता के साथ संवाद करते समय तथा कार्यों में भी मराठी का उपयोग करना होगा.
महाराष्ट्र विधानसभा और विधान परिषद ने आज नगर निकायों और निगमों समेत स्थानीय प्राधिकारियों के आधिकारिक कामकाज में मराठी भाषा के इस्तेमाल को अनिवार्य बनाने के प्रावधान वाले विधेयक को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी. हालांकि विदेशी राजपूतों के साथ संवाद करने जैसे कुछ सरकारी कार्यों के लिए स्थानीय अधिकारियों को अंग्रेजी या हिंदी के उपयोग की अनुमति दी गई है.
राज्य के मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि महाराष्ट्र राजभाषा अधिनियम, 1964 के कारण इस विधेयक को पेश करना आवश्यक था क्योंकि कई लोग इसे नहीं मानते थे.
सरल मराठी शब्दकोष भी लाएंगे
देसाई ने कहा कि हम इस बार सार्वजनिक और व्यवसायिक स्थानों पर मराठी भाषा का उपयोग न करने का बहाना खोजने के लिए कोई नहीं छोड़ रहे हैं. राज्य सरकार सरल मराठी शभ्दों का एक शब्दकोश भी ला रही है. जिसका हर रोज के काम में इस्तेमाल किया जा सकता है.