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शानदार व रंगारंग रहा मराठी पत्रकार संघ का पत्रकारिता पुरस्कार वितरण समारोह

भाऊ तोरसेकर को जीवनगौरव व श्रीमंत माने को राज्यस्तरीय पुरस्कार प्रदान

* गीता तिवारी को विभागस्तरीय तथा चापोरकर व भुजबल को जिलास्तरीय पुरस्कार मिला
* हव्याप्रमं के सोमेश्वर पुसदकर सभागार में हुआ पुरस्कारों का वितरण
* पत्रकारिता सहित विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्यों की समारोह में रही उपस्थिति
अमरावती /दि. 28- गत रोज जिला मराठी पत्रकार संघ द्वारा स्थानीय हव्याप्रमं परिसर स्थित स्व. सोमेश्वर पुसदकर सभागार में पत्रकारिता पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया. जो अपनेआप में बेहद शानदार व रंगारंग रहा. जिला मराठी पत्रकार संघ द्वारा प्रतिवर्ष दिये जाने वाले पत्रकारिता पुरस्कार के तहत वर्ष 2024 के विविध पुरस्कारों की घोषणा पत्रकार दिवस की पूर्व संध्या पर जिला मराठी पत्रकार संघ के अध्यक्ष व दैनिक अमरावती मंडल के संपादक अनिल अग्रवाल द्वारा की गई थी. जिसके तहत 30 वर्ष से अधिक पत्रकारिता का अनुभव रखने वाले तथा इन दिनों स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर बेहतरीन कार्य कर रहे वरिष्ठ पत्रकार भाउ तोरसेकर को मराठी पत्रकार संघ का जीवन गौरव पुरस्कार, लोकमत नागपुर के संपादक व वरिष्ठ पत्रकार श्रीमंत माने को राज्यस्तरीय पत्रकारिता पुरस्कार, दैनिक भास्कर (नागपुर) की विदर्भ इंचार्ज गीता तिवारी को विभाग स्तरीय पत्रकारिता पुरस्कार, दैनिक सकाल के अमरावती जिला प्रतिनिधि सुरेंद्र चापोरकर को जिलास्तरीय (शहर) पत्रकारिता पुरस्कार तथा दैनिक देशोन्नती के धामणगांव रेलवे तहसील प्रतिनिधि मंगेश भुजबल को जिलास्तरीय (ग्रामीण) पत्रकारिता पुरस्कार गणमान्य अतिथियों के हाथों समारोहपूर्वक प्रदान किया गया.
जिला मराठी पत्रकार संघ के अध्यक्ष व प्रेस कौन्सिल ऑफ इंडिया के पूर्व सदस्य तथा दैनिक अमरावती मंडल के प्रबंध संपादक अनिल अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में बतौर प्रमुख अतिथि राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे, अमरावती संसदीय क्षेत्र के सांसद बलवंत वानखडे, पूर्व मंत्री बच्चू कडू, श्री शिवाजी शिक्षा संस्था के कार्यकारिणी सदस्य हेमंत कालमेघ सहित बतौर सत्कारमूर्ति वरिष्ठ पत्रकार भाऊ तोरसेकर व श्रीमंत माने मंचासीन थे. कार्यक्रम के प्रारंभ में सभी गणमान्य अतिथियों द्वारा आद्य मराठी पत्रकार व दर्पणकार बालशास्त्री जांभेकर की प्रतिमा का पूजन व दीप प्रज्वलन किया गया. जिसके उपरांत जिला मराठी पत्रकार संघ के पदाधिकारियों द्वारा सभी गणमान्य अतिथियों एवं सत्कारमूर्तियों का पुष्पगुच्छ प्रदान कर भावपूर्ण सत्कार किया गया. इसके उपरांत पुरस्कारर्थियों के नामों की घोषणा करने के साथ ही गणमान्य अतिथियों के हाथों सभी पुरस्कारर्थियों व सत्कारमूर्तियों को पुरस्कार प्रदान करने के साथ ही उनका भावपूर्ण सत्कार किया गया. जिसके उपरांत समारोह में उपस्थित गणमान्य अतिथियों ने अपने समयोचित विचार व्यक्त करते हुए जिला मराठी पत्रकार संघ द्वारा शुरु की गई पुरस्कार वितरण की परंपरा की मुक्तकंठ से सराहना की.
इस पुरस्कार वितरण समारोह के तहत सर्वप्रथम दैनिक देशोन्नती के धामणगांव रेलवे तहसील प्रतिनिधि मंगेश भुजबल को दैनिक जनमाध्यम की ओर से दिये जाने वाले जिलास्तरीय (ग्रामीण) पत्रकारिता पुरस्कार के तहत मंगेश भुजबल को 11 हजार रुपए नगद सम्मानचिन्ह व शॉल, श्रीफल देकर सम्मानित किया गया. जिसके उपरांत दैनिक सकाल के अमरावती जिला प्रतिनिधि सुरेंद्र चापोरकर को जिलास्तरीय (शहर) पत्रकारिता पुरस्कार के तहत दैनिक विदर्भ मतदार की ओर से पुरस्कार के तौर पर 11 हजार रुपए नगद सम्मानचिन्ह व शाल-श्रीफल प्रदान करते हुए सम्मानित किया गया. साथ ही दैनिक भास्कर (नागपुर) की विदर्भ इंचार्ज गीता तिवारी को विभागस्तरीय पत्रकारिता पुरस्कार के तहत 21 हजार रुपए नगद, सम्मान चिन्ह तथा शाल व श्रीफल प्रदान किये गए. इस पुरस्कार के पुरस्कर्ता दैनिक सकाल (मुंबई) के समूह संपादक राहुल गडपाले रहे. इसके उपरांत दैनिक लोकमत की नागपुर आवृत्ति के संपादक श्रीमंत माने को जिला मराठी पत्रकार संघ की ओर से स्व जुगलकिशोरजी अग्रवाल स्मृति राज्यस्तरीय पत्रकारिता पुरस्कार प्रदान किया गया. दैनिक अमरावती मंडल व दैनिक मातृभूमि के सहयोग से प्रदान किये गए इस पुरस्कार में 31 हजार रुपए नगद, सम्मान चिन्ह तथा शॉल व श्रीफल का समावेश था. वहीं इस अवसर पर विगत पांच दशक से अधिक समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहे और पांच दशकों से पत्रकारिता में लगातार सक्रिय रहनेवाले भाऊ उर्फ गणेश केशव तोरसेकर को अमरावती जिला मराठी पत्रकार संघ द्वारा स्व. दादासाहब कालमेघ स्मृति जीवन गौरव पत्रकारिता पुरस्कार प्रदान करते हुए सम्मानित किया जाएगा. श्री शिवाजी शिक्षा संस्था के कार्यकारिणी सदस्य हेमंत कालमेघ के सहयोग से प्रदान किये गए इस पुरस्कार में 41 हजार रुपए नगद, सम्मानचिन्ह तथा शाल व श्रीफल का समावेश था. इस पुरस्कार वितरण समारोह में प्रत्येक पुरस्कार के प्रदान किए जाते समय सभागार में उपस्थित लोगों ने जहां करतल ध्वनी के साथ पुरस्कार्थी पत्रकारों का अभिनंदन किया. वहीं भाऊ तोरसेकर को राज्यस्तरीय जीवनगौरव पुरस्कार प्रदान किए जाते समय सभागार में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति ने अपने स्थान पर खडे रहकर भाऊ तोरसेकर के प्रति अपना सम्मान प्रकट किया.
इस पुरस्कार वितरण समारोह में प्रास्ताविक जिला मराठी पत्रकार संघ के महासचिव प्रफुल घवले, संचालन एड. प्राजक्ता मंगेश राऊत व आभार प्रदर्शन गौरव इंगले ने किया. वहीं अतिथि स्वागत का जिम्मा अरुण तिवारी, विजय ओडे, संजय शेंडे, डॉ. चंदु सोजतिया, अनुप घाडगे, त्रिदीप वानखडे, उल्हास मराठे, प्रा. लोभस घडेकर, सुधीर केणे, मंगेश तायडे, प्रणय निर्वाण, संजय बनारसे व मनोहर परिमल ने संभाला. इस समारोह में अमरावती शहर सहित जिले के सभी तहसील क्षेत्रों से जिला मराठी पत्रकार संघ के पदाधिकारियों व सदस्यों सहित जिले से प्रकाशित होने वाले दैनिकों व साप्ताहिकों के संपादकों सहित प्रादेशिक व राज्यस्तरीय अखबारों के जिला प्रतिनिधियों, प्रतिनिधियों, पत्रकारों, छायाचित्रकारों तथा इलेक्ट्रॉनिक न्यूज चैनलों के जिला प्रतिनिधि व संवाददाताओं के साथ ही विविध क्षेत्रों से वास्ता रखनेवाले गणमान्यों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही.


* शब्दो के अर्थ व महत्व को समझकर जिम्मेदारी निभाना असल पत्रकारिता
इस पुरस्कार वितरण समारोह में स्व. दादासाहेब कालमेघ स्मृति जीवनगौरव पुरस्कार प्राप्त करनेवाले राज्य के वरिष्ठ पत्रकार भाऊ तोरसेकर ने अपने सत्कार के प्रत्युत्तर में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, किसी समय पत्रकारिता अपनेआप में एक आंदोलन हुआ करती थी और समय-समय पर पत्रकारिता ने कई आंदोलनों को धार देने का काम भी किया. लेकिन जब से विदेशी फंडींग के दम पर चलनेवाले एनजीओ जैसी संस्थाओं का उदय हुआ है, तब से मीडिया और आंदोलनो का स्वरुप बदल गया. इन दिनों जहां एक ओर मीडिया ओरिएंटेड फाइव स्टार आंदोलन होने लगे है वहीं कार्पोरेट तरीके से संचालित होनेवाले मीडिया में कहीं न कहीं जनहित में होनेवाले आंदोलनों को खत्म कर दिया. यही वजह है कि, मौजूदा दौर के दौरान वैचारिक लडाई के नाम पर सीधे धक्का-मुक्की व अपशब्दों का प्रयोग जैसे दृष्य दिखाई देने लगे है. क्योंकि, परस्पर विरोधी विचारों के लिए कोई सम्मान व स्थान ही नहीं बचा है. ऐसे में मीडिया को एक बार फिर अपनी जिम्मेदारी निभाने व उठाने के लिए तैयार रहना होगा. भाऊ तोरसेकर के मुताबिक यदि हम शब्दों के अर्थ और महत्व को समझकर अपनी जिम्मेदारी निभाते है, तभी इसे सच्ची पत्रकारिता माना जा सकता है. भाऊ तोरसेकर ने विगत कुछ वर्षों के दौरान पत्रकारिता के मूल्यों में हुई गिरावट और पत्रकारिता के आदर्शो में हुए बदलाव पर भी अपनी चिंता जताते हुए कहा कि, नई पीढी के पत्रकारों के पास इतिहास व संदर्भो के ज्ञान का काफी हद तक अभाव है. यह स्थिति पत्रकारिता क्षेत्र के लिए कुछ हद तक खतरनाक भी कही जा सकती है. ऐसे में नई पीढी के पत्रकारों को चाहिए कि वे सूचना तकनीक के आधुनिक साधनों को आत्मसात करने के साथ-साथ अपने क्षेत्र से संबंधित इतिहास व संदर्भो की जानकारी से खुद को अपडेट भी करें. ताकि उन्हें सत्य व तथ्य का पता लगाने में आसानी हो और उनकी पत्रकारिता में असल धार भी आए. इसके साथ ही अपने संबोधन में भाऊ तोरसेकर ने पत्रकारिता को लेकर विगत पांच दशकों के दौरान आए अपने अनुभवों को भी उपस्थितों के साथ साझा किया तथा अलग-अलग दौर की राजनीति पर जबरदस्त कटाक्ष करने के साथ ही इन दिनों ईवीएम को लेकर मच रहे हंगामे को पूरी तरह से तथ्यहिन व औचित्यहिन भी बताया. भाऊ तोरसेकर के मुताबिक जब मतपत्रिका के जरिए चुनाव हुआ करते थे तब हारनेवाले प्रत्याशियों द्वारा मतपेटियों की लूट का हंगामा मचाया जाता था. वहीं इन दिनों हारनेवाले प्रत्याशियों द्वारा अपनी हार का ठिकरा ईवीएम मशीन पर फोडा जाता है. अत: इसे बिलकुल भी गंभीरता से नहीं लेना चाहिए.


* हमने उलटी गंगा बहाई, साल दर साल प्रवाह तेज होगा
जिला मराठी पत्रकार संघ के अध्यक्ष व दैनिक अमरावती मंडल के प्रबंध संपादक अनिल अग्रवाल ने इस पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता करते हुए अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि, अमुमन राज्यस्तरीय पुरस्कारों का आयोजन मुंबई व पुणे जैसे बडे महानगरों में होता है. परंतु जिला स्तर पर काम करनेवाले अमरावती जिला मराठी पत्रकार संघ ने अमरावती संभाग सहित समूचे विदर्भ क्षेत्र से उलटी गंगा बहाते हुए अमरावती में राज्यस्तरीय पत्रकारिता पुरस्कार देने की परंपरा शुरु की. जिसे शुरुवाती दौर में कई लोगों ने काफी हलके में लिया था. लेकिन इस पुरस्कार वितरण के प्रथम समारोह का आयोजन ही इतना भव्यदिव्य हुआ है और इसे समूचे जिलेभर से बेहद शानदार प्रतिसाद भी मिला है. जिसे देखकर जिला मराठी पत्रकार संघ के पदाधिकारियों का हौसला बुलंद हुआ है. जिसके चलते अब साल दर साल इस पत्रकारिता पुरस्कार वितरण समारोह का स्तर, दायरा और वैभव बढाया जाएगा. साथ ही अगले वर्ष यह आयोजन सांस्कृतिक भवन के सभागार में आयोजित किया जाएगा. इस समय जिला मराठी पत्रकार संघ के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने मंच पर बतौर प्रमुख अतिथि उपस्थित पूर्व मंत्री बच्चू कडू के साथ हुई अपनी बातचीत का हवाला देते हुए बताया कि, अगले वर्ष से पूर्व मंत्री बच्चू कडू की दिवंगत माताजी श्रीमती इंदिराबाई बाबाराव कडू की स्मृति में भी एक पुरस्कार देने का प्रारंभ किया जाएगा और यह पुरस्कार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुडे पत्रकार को प्रदान किया जाएगा. इस समय संपादक अनिल अग्रवाल ने जीवनगौरव पुरस्कार प्राप्त भाऊ तोरसेकर द्वारा की गई पत्रकारिता को आदर्श उदाहरण बताते हुए कहा कि, भाऊ तोरसेकर ने पत्रकारिता के क्षेत्र में एक माईल स्टोन सेट किया है. जिससे नई पीढी के पत्रकारों ने प्रेरणा लेनी चाहिए. साथ ही संपादक अनिल अग्रवाल ने इस आयोजन के दौरान पुरस्कार प्राप्त सभी पत्रकारों का भी अभिनंदन करते हुए उन्हें भविष्य में भी इसी तरह शानदार काम करने हेतु अपनी शुभकामनाएं दी.


* आपातकाल के बाद निखरा मीडिया का स्वरुप, आज देश में मीडिया को पूरी आजादी
जिला मराठी पत्रकार संघ की ओर से आयोजित पत्रकारिता पुरस्कार वितरण समारोह के उद्घाटक व प्रमुख अतिथि सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, जहां एक ओर आजादी पूर्व काल के दौरान स्वाधिनता संग्राम में मीडिया ने बेहद प्रभावी भूमिका निभाई और आजादी पश्चात राष्ट्र निर्माण में भी अपना भरपूर योगदान दिया. वहीं वर्ष 1975 में तत्कालीन सरकार ने अपने खिलाफ उठनेवाली आवाज को रोकने के लिए मीडिया का गला घोटने का काम किया. लेकिन आपातकाल के बाद ही मीडिया का स्वरुप निखरा तथा आज देश में मीडिया सहित प्रत्येक नागरिक को अभिव्यक्ति की पूरी आजादी है. इस बात से ही यह दावा किया जा सकता है कि, हमारे देश में लोकतंत्र की स्थिति पूरी तरह से मजबूत व सुरक्षित है. साथ ही सांसद बोंडे ने भारत के कुछ पडोसी देशों सहित दुनिया के कई मुलकों का उदाहरण देते हुए कहा कि, उन देशों में चूंकि मीडिया पर तमाम तरह की बंदिशे है. यही वजह है कि, उन देशों में लोकतंत्र या तो है ही नहीं या फिर लोकतंत्र की स्थिति डामाडौल है. इस समय सांसद बोंडे ने यह भी कहा कि, देश और समाज में हमेशा से ही अलग-अलग तरह की विचारधाराएं चलती आई है और इस देश में हर तरह की विचारधारा का सम्मान भी किया है. लेकिन यदि कोई हम पर जबरन अपनी विचारधारा को थोपने का प्रयास करता है, तो इसका समर्थन नहीं किया जा सकता. अपने इसी विचार को आगे समाज के एक विशेष वर्ग का तुष्टिकरण करने के साथ जोडते हुए सांसद बोंडे ने कहा कि, तुष्टिकरण की नीति देश के लिए हर लिहाज से घातक है और जिन मुद्दों को लेकर हमारे देश में तुष्टिकरण की आड ली जाती है, उन्हीं मुद्दों पर दुनिया के अन्य देशों का क्या रवैया है यह देखना भी बेहद जरुरी है. इस काम में मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाना जरुरी है.


* मीडिया भी दबावमुक्त नहीं, निपटने के लिए रणनीति जरुरी
जिला मराठी पत्रकार संघ द्वारा राज्यस्तरीय पत्रकारिता पुरस्कार प्राप्त दैनिक लोकमत की नागपुर आवृत्ति के संपादक श्रीमंत माने ने अपने सत्कार के प्रत्युत्तर में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, उन्होंने अमरावती से ही पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करना शुरु किया था. उनकी शुरुआत शौकिया पत्रकार के तौर पर हुई थी. जो कालांतर में संजीदा पत्रकारिता हो गई. कई वर्ष बाद दुबारा अमरावती लौटकर उन्हें अपने ही घर में अपना सम्मान होने जैसा भाव हो रहा है. साथ ही इस समय संपादक श्रीमंत माने ने अमरावती शहर सहित जिले के पास गौरवपूर्ण इतिहास रहने की जानकारी देते हुए कहा कि, नई पीढी के पत्रकारों ने अपने क्षेत्र के उस गौरवपूर्ण इतिहास की जानकारी जरुर रखनी चाहिए और उस इतिहास से प्रेरणा लेते हुए आगे बढना चाहिए. साथ ही श्रीमंत माने का यह भी कहना रहा कि, इतिहास कभी भी गर्व करने का विषय नहीं रहा. बल्कि इतिहास से सबक लेकर आगे बढने का काम होना चाहिए अन्यथा इतिहास को लेकर रहनेवाले झूठे अभिमान के चक्कर में सच्ची विरासत पीछे छूट जाती है. इसके साथ ही संपादक श्रीमंत माने ने मौजूदा दौर की पत्रकारिता पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, ‘लाईन्स’ के हिसाब से संचालित होनेवाले अखबारों को ‘बिटविन द लाईन्स’ चलना पडता है और इन दिनों मीडिया पर ही कई तरह के दबाव होते है. ऐसी स्थिति से निपटने के लिए मीडिया को ही कुछ अलग तरह की रणनीति तो बनानी ही होगी. ताकि, नए स्वरुप वाली चुनौतियों से पार हुआ जा सके. इसके साथ ही विदर्भ क्षेत्र पर अपनी सोच का फोकस करते हुए श्रीमंत माने का कहना रहा कि, विदर्भ में अक्सर ही बेरोजगारी अधिक रहने को लेकर हंगामा मचता है. जबकि हमारी असल समस्या नाविण्यपूर्ण सोच का अभाव रहना है. ऐसे में हमें लीक से हटकर सोचना होगा और नई तकनिकों को आत्मसात भी करना होगा, तभी हम स्थिति में बदलाव लाने के बारे में सोच सकेंगे.


* केवल सम्मान नहीं, बल्कि प्रेरणा होते है पुरस्कार
इस समय मुख्य अतिथि के तौर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रहार जनशक्ति पार्टी के मुखिया तथा राज्य के पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने अपने संबोधन में कहा कि, कोई भी पुरस्कार महज एक सम्मान नहीं होता बल्कि पुरस्कार प्राप्त करनेवाले व्यक्ति सहित अन्य लोगों को प्रेरणा देने का काम करता है. इसी समय खुद को शिवसैनिक के तौर पर मिले कर्मवीर पुरस्कार की यादों को ताजा करते हुए पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने कहा कि, उसी कर्मवीर पुरस्कार ने उन्हें और आगे बढने की प्रेरणा दी थी. साथ ही उन्हें अमरावती के पत्रकारों का भी पूरा साथ व सहयोग मिला. ऐसे में वे कह सकते है कि, खुद को मिले उस पुरस्कार तथा पत्रकारों व पत्रकारिता जगत से मिले साथ व सहयोग ने ही उन्हें बडा बनाने का काम किया. इस समय अपने संबोधन के दौरान पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने अपनी दिवंगत माताजी श्रीमती इंदिराबाई कडू तथा शिक्षा महर्षि डॉ. पंजाबराव उर्फ भाऊसाहेब देशमुख की स्मृति में अगले वर्ष से अपनी ओर से पुरस्कार प्रदान करने की इच्छा भी जताई. विशेष उल्लेखनीय यह भी रहा कि, अपने संबोधन के दौरान पूर्व मंत्री विधायक बच्चू कडू ने इशारों ही इशारो में विधानसभा चुनाव में अपनी हार का ठिकरा ईवीएम मशीन पर फोडा. साथ ही चुनावी नतीजों को लेकर अप्रत्यक्ष रुप से राजनीतिक तंज भी कसे.


* पत्रकारों के लिए संकल्प निधि व समूचित सुविधाओं का निर्माण जरुरी
जिला मराठी पत्रकार संघ की ओर से आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में राज्यस्तरीय जीवनगौरव पुरस्कार हेतु अपने पिता व श्री शिवाजी शिक्षा संस्था के पूर्व अध्यक्ष स्व. दादासाहेब कालमेघ की स्मृति में योगदान प्रदान करनेवाले श्री शिवाजी शिक्षा संस्था के कार्यकारिणी सदस्य हेमंत कालमेघ ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, समाज के अंतिम घटक व अंतिम व्यक्ति के अधिकारों हेतु संघर्ष करनेवाले पत्रकारों को समाज के अन्य घटकों की तरह समूचित सुविधाएं अक्सर प्राप्त नहीं होती. ऐसे में पत्रकारों का सम्मान करने के साथ ही उनका भविष्य सुरक्षित रखने हेतु संकल्प निधि का निर्माण किया जाना बेहद जरुरी है. जिसके लिए समाज के साधनसंपन्न व्यक्तियों को स्वयंस्फूर्त रुप से आगे आना होगा और वे खुद अपनी ओर से इस संकल्प निधि में अपना हरसंभव योगदान देने के लिए तैयार है. हेमंत कालमेघ ने वर्ष 1927 में शिक्षा महर्षि भाऊसाहेब देशमुख द्वारा शुरु किए गए नियतकालिक की जानकारी को उपस्थितों के साथ साझा करते हुए कहा कि, पत्रकारों एवं पत्रकारिता जगत में हमेशा ही लोकशिक्षण व जनप्रबोधन का कार्य किया है. जिससे समय-समय पर समाज को दिशा मिलती रही. अत: समाज ने भी पत्रकारों एवं पत्रकारिता जगत को लेकर सकारात्मक सोच रखनी चाहिए.


* प्रेरणादायक है आयोजन
इस समय अपने संबोधन में सांसद बलवंत वानखडे ने जिला मराठी पत्रकार संघ के कार्यो की प्रशंसा करते हुए कहा कि, पत्रकारों को पुरस्कृत व सम्मानित करने हेतु इस तरह का आयोजन करना प्रोत्साहनवर्धक व प्रेरणादायक है. शहर सहित जिले के पत्रकारों के साथ रहनेवाले अपने संबंधो व अनुभवों को उपस्थितों के साथ साझा करते हुए सांसद बलवंत वानखडे ने जिला मराठी पत्रकार संघ को भविष्य में भी ऐसे आयोजन करने हेतु अपनी शुभकामनाएं दी.

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