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डेप्युटी सीएम फडणवीस की पहल पर रिद्धपुर में साकार होगा मराठी विद्यापीठ

पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील ने अपनी संकल्पपूर्ति पर जताया हर्ष

* रिध्दपुर में मराठी भाषा विद्यापीठ हेतु 288 करोड़ के कामों को मान्यता मिलने की दी जानकारी
* 25 करोड रुपयों की निधि हुई मंजूर, 12 करोड़ के काम हुए पूर्ण
* शेष कामों को जल्द गति मिलने को लेकर जताई उम्मीद
अमरावती/दि.3- श्री चक्रधर स्वामी ने 800 वर्ष पूर्व सबसे पहले मराठी अस्मिता को जागरूक किया. आज उन्हीं चक्रधर स्वामी के पदस्पर्श से पावन हुई श्री क्षेत्र रिध्दपुर की पवित्र भूमि में मराठी भाषा विद्यापीठ साकार किया जा रहा है और विद्यापीठ की निर्मिती का काम शुरू है. यह राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री तथा मौजूदा उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस द्वारा की गई पहल के चलते संभव हो पाया है. साथ ही मौजूदा सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदमों एवं किए जा रहे प्रयासों को देखते हुए पूरी उम्मीद है कि बहुत जल्द रिद्धपुर की पवित्र धरा पर माय मराठी विद्यापीठ साकार हो जाएगा. इस आशय का प्रतिपादन पूर्व जिला पालकमंत्री व विधान परिषद सदस्य प्रवीण पोटे पाटील द्वारा किया गया.
यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति में पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील ने बताया कि महानुभाव पंथ की काशि माने जाते रिद्धपुर में सर्वज्ञ श्री चक्रधर स्वामी ने रिध्दपुर में ही ‘लीला चरित्र’ नामक ग्रंथ लिखा था. अत: रिध्दपुर में मराठी भाषा विद्यापीठ स्थापित किया जाये, ऐसी महानुभावपंथी संत महात्माओं की इच्छा थी. साथ ही खुद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी इस स्थान के महत्व को प्रतिपादित करते हुए यहां पर मराठी विद्यापीठ स्थापित करने की बात कही थी. ऐसे में खुद उन्होंने राज्य का राज्यमंत्री और जिले का पालकमंत्री रहते समय रिद्धपुर में मराठी विद्यापीठ स्थापित करने का संकल्प लेते हुए वर्ष 2017 में महानुभावों के महंत मोहनदादा कारंजेकर को राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से मिलवाया था और उनसे रिद्धपुर सहित जिले के अलग-अलग तीर्थ क्षेत्रों के विकास हेतु 500 करोड़ रुपयों की निधि दिये जाने की भी मांग की थी. जिनमें रिद्धपुर के साथ ही संत गाड़गे महाराज विकास प्रारुप अंतर्गत वलगांव शेंडगांव, नागरवाड़ी व ऋणमोचन, संत तुकड़ोजी महाराज विकास प्रारुप अंतर्गत मोझरी, गुरुदेव नगर व यावली, संत गुलाब महाराज विकास प्रारुप अंतर्गत माधान, जगतजननी रुक्मिणी का मायका रहने वाला कौंडण्यपुर तथा कोंडेश्वर स्थित पुरातन महादेव संस्थान जैसे तीर्थ क्षेत्रों का समावेश था. इसमें से रिद्धपुर के लिए 288 करोड़ रुपयों के कामों को मान्यता देते हए 25 करोड़ रपए की निधि संबंधित यंत्रणा को उपलब्ध करा दी गई. जिसमें से 12 करोड़ के काम पूरे भी हुए. परंतु इसी बीच वर्ष 2019 में राज्य में महाविकास आघाडी की सरकार सत्ता में आयी, जिसके द्वारा मराठी भाषा विद्यापीठ की निर्मिती हेतु मंजुर निधी नहीं दी गई. बल्कि इस दौरान यह संभ्रम भी तैयार हुआ कि, मराठी भाषा विद्यापीठ संभवत: रिध्दपुर की बजाय मुंबई में साकार होगा. परंतू अब राज्य में एक बार फिर सत्ता परिवर्तन हो गया है तथा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विगत 30 अगस्त को नाशिक में भगवान चक्रधर स्वामी अष्टशताब्दी जन्मोत्सव निमित्त आयोजित अ.भा. महानुभाव सम्मेलन में स्पष्ट तौर पर कहा कि, मराठी भाषा विद्यापीठ रिध्दपुर में ही साकार होगा.
इस जानकारी से उत्साहित होकर पूर्व जिला पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील ने कहा कि, मराठी भाषा विद्यापीठ निर्माण से संबंधित कामों को गतिमान करने और इस हेतु आवश्यक शेष निधि लाने के लिए तमाम आवश्यक प्रयास किये जायेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस तथा महंत मोहनदादा कारंजेकर महाराज के बीच हुई मुलाकात के बाद तत्कालीन सीएम फडणवीस के निर्देश पर उच्च व तंत्रशिक्षा विभाग द्वारा मोहनदादा कारंजेकर के साथ ही उन्हें (पोटे को) मराठी विद्यापीठ की स्थापना के संदर्भ में पत्र आया था और वर्ष 2018 में डॉ. शांति गुप्ता की कमिटी ने रिद्धपुर का दौरा व निरीक्षण करते हुए सरकार को अपनी रिपोर्ट पेश की थी. लेकिन इसके बाद वर्ष 2019 में राज्य की सत्ता में आयी महाविकास आघाड़ी की सरकार ने इस विषय को लेकर कोई उत्साह नहीं दिखाया. जबकि इस दौरान वर्ष 2020 में खुद उन्होंने राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को मराठी विद्यापीठ के संदर्भ में पत्र दिया था. पर बावजूद इसके यह मसला प्रलंबित रहा. लेकिन चूंकि अब राज्य में एक बार फिर सत्ता परिवर्तन हुआ है और शिंदे-भाजपा सरकार अस्तित्व में आने के बाद भाजपा नेता देवेन्द्र फडणवीस राज्य के उपमुख्यमंत्री बने हैं. जिन्होंने खुद होकर रिद्धपुर में मराठी विद्यापीठ स्थापित करने हेतु प्रलंबित पड़े काम को दोबारा गतिमान करने की पहल की. जिसे लेकर उन्होंने नाशिक में आयोजित श्री चक्रधर स्वामी के अष्टशताब्दी जन्मोत्सव व महानुभाव सम्मेलन में इसे लेकर घोषणा की. जिसके चलते रिद्धपुर में मराठी भाषा विद्यापीठ के साकार होने का सपना सच होता दिखाई दे रहा है.

रिध्दपुर में मराठी भाषा विद्यापीठ की इमारत का काम चल रहा है. जिसमें करीब ढाई वर्ष तक महाविकास आघाडी सरकार की वजह से इसमें व्यवधान रहा, लेकिन अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्ववाली नई सरकार के अस्तित्व में आने के चलते मराठी भाषा विद्यापीठ के प्रलंबित काम दोबारा गतिमान होंगे. इस विद्यापीठ के काम को गतिमान करने के लिए हमारे नेता व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा शानदार पहल की गई है. ऐसे में अब सभी ने इस बात को लेकर निश्चिंत रहना चाहिए कि, मराठी भाषा विद्यापीठ को रिध्दपुर में ही साकार किया जायेगा और इस विद्यापीठ के कहीं अन्यत्र स्थलांतरित नहीं किया जायेगा. इसे लेकर खुद राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सबको आश्वस्त किया है.
– प्रवीण पोटे पाटील
विधान परिषद सदस्य, अमरावती.

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