अमरावती

31 मार्च है पीएम आवास योजना की अंतिम तिथी

डेढ हजार प्रस्ताव सरकार के पास लंबित

  • घटक-4 में 6913 घरों को मंजूरी

अमरावती/दि.8 – सर्वसामान्य लोगोें के घर केे स्वप्न को पूर्ण करने हेतु शुरू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना की अंतिम तिथी 31 मार्च 2022 तक है. ऐसे में इस अवधि से पहले प्रलंबीत रहनेवाले सभी प्रस्तावों का निपटारा करने हेतु संबंधित महकमें में गतिविधियां बेहद तेज है. चूंकि मनपा में निजी भागीदारी के प्रकल्प (पीपीपी) अस्तित्व में नहीं है. ऐसे में शेष 3 घटकों का काम युध्दस्तर पर चल रहा है. साथ ही योजना की अंतिम डेडलाईन को ध्यान में रखते हुए डेढ हजार प्रलंबीत आवेदनों को सरकारी मान्यता के लिए भेजा गया है. ऐसी जानकारी भी प्राप्त हुई है.
बता दें कि, प्रधानमंत्री आवास योजना में घर खरीदने के बाद नियमों व शर्तों में पात्र रहनेवाले लोगों को ढाई लाख रूपये तक अनुदान दिया जाता है. चूंकि अमरावती मनपा क्षेत्र में घटक क्रमांक 2 अस्तित्व में नहीं है. ऐसे में शेष 3 घटकों के काम तय समयसीमा के भीतर पूर्ण करने हेतु संबंधित महकमे द्वारा दौडभाग की जा रही है. उम्मीद है कि, सरकारी स्तर पर 31 मार्च के बाद इस योजना के कामों को पूर्ण करने हेतु अगले दो वर्ष का समय दिया जा सकता है. किंतु इसे लेकर फिलहाल तक सरकार द्वारा कोई अधिकृत सूचना या निर्देश नहीं दिये गये है.

किसे कैसे मिलती है सब्सीडी?

जिन नागरिकों का कहीं पर भी घर नहीं है, ऐसे नागरिकों को प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत शहरी क्षेत्र में ढाई लाख रूपये तक की सब्सीडी मिल सकती है. इस योजना के लिए चार घटक तय किये गये है. जिनके मानकोें के आधार पर लाभार्थियों को पात्र माना जाता है और उन्हें इस योजना का लाभ दिया जाता है.

31 मार्च तक प्रस्ताव को मान्यता

– इस योजना के लिए डिमांड ड्राफ्ट निकालने के साथ ही दस्तावेज पेश किये गये. कुल 4 घटकों में 8 हजार 36 प्रस्ताव है. वहीं घटक-3 में 860 आवास का समावेश है.
– घरों के लिए पात्र 6 हजार 913 लाभार्थियों के प्रस्ताव मंजुर है. इसके अलावा डेढ हजार नागरिकों के प्रस्ताव प्रलंबित है. जिन्हें मान्यता के लिए भेजा गया है.

शुरू रहनी चाहिए योजना

लाभार्थी के घर का काम पूरा होना और उसे अनुदान मिलना बेहद जरूरी है. जिसके चलते इस योजना को समयावृध्दि दी जानी चाहिए, ताकि प्रकल्प का काम पूरा किया जा सके. अब भी कई लाभार्थियों के घरों का निर्माण होना बाकी है. जिन्हें योजना का अनुदान मिलना चाहिए. ऐसे में अगर योजना की समयावधि खत्म हो जाती है, तो लाभार्थियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड सकता है.

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