* सन 72 के मार्च में बढा था अमरावती का तापमान
* सर्वाधिक 43.8 डिग्री सेल्सिअस के स्तर पर पहुंचा था
अमरावती/दि.2 – महाराष्ट्र में साधारणत: मार्च माह के दौरान 2 औसत तापमान होता है. उसकी तुलना में इस बार 1 से 2 डिग्री अधिक तापमान रहने की संभावना जताई जा रही है. विदर्भ सहित उत्तर महाराष्ट्र, मध्य महाराष्ट्र व मराठवाडा में भी सामान्य की तुलना में थोडा अधिक तापमान रहने का अनुमान है. मुख्य तौर पर चक्रवाती हवाएं और ग्लोबल वॉर्मिंग के परिणाम स्वरुप इस बार तापमान में 1 से 2 डिग्री तक इजाफा हो सकता है. वहीं इस बार फरवरी माह के दौरान भी सामान्य व औसत की तुलना में 3 डिग्री सेल्सिअस अधिक तापमान रहा. इस बात को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए.
बता दें कि, मार्च, अप्रैल व मई माह के दौरान मौसम में काफी हद तक बदलाव होता है और इस दौरान कई जिलों में ग्रीष्मलहर भी आने की संभावना रहती है. ऐसे में हवाओं के पैटर्न के अनुसार ग्रीष्मलहर के बारे में 2 से 3 दिन पहले ही चेतावनी दी जाती है. ऐसे समय 1 या 2 डिग्री सेल्सिअस के उछाल को सामान्य माना जाता है. लेकिन 4 डिग्री सेल्सिअस से अधिक उछाल को ग्रीष्मलहर माना जाता है.
* विदर्भ में 2 से 3 डिग्री तक उछलेगा पारा
– अगले 5 दिन मौसम में कोई विशेष बदलाव नहीं
– 3 से 5 मार्च के दौरान तापमान में 2-3 डिग्री से धीरे-धीरे वृद्धि होगी
– अगले 4-5 दिनों तक अधिकतम तापमान में कोई बडा बदलाव नहीं होगा.
– इसके बाद तापमान में एक बार फिर 2 से 3 डिग्री का उछाल आएगा
* मार्च माह के दौरान सर्वाधिक अधिकतम तापमान
शहर वर्ष अधिकतम तापमान (डि.से.)
अमरावती 1972 43.8
अकोला 2007 43.2
जलगांव 1991 43.4
नगर 2000 43.2
सोलापुर 2004 42.7
नाशिक 2019 40.4
छत्रपति संभाजी नगर 2017 41.4
* 70 वर्ष से मार्च में अधिकतम तापमान में 2 डिग्री की वृद्धि
वर्ष अधिकतम सामान्य वृद्धि
1953 35.30 33.58 1.72
1977 35.19 33.58 1.61
2004 35.14 33.58 1.56
2021 35.13 33.58 1.55
2022 35.20 33.58 1.62
(मध्य भारत यानि महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ व गुजरात में मार्च माह के दौरान अधिकतम तापमान)