अमरावती/दि.27– इस साल गेंदे के फूलों की दाम में गिरावट आने से तथा अक्टूबर हीट की मार लगने से फूल उत्पादक किसानों का भारी नुकसान हुआ. उत्पादन अधिक होने से बाजार में फूलों की आवक बढ गई. परिणामस्वरूप शाम के समय बचे हुए फूल सडक पर फेंक देने की नौबत किसानों व फूल विक्रेताओं पर आ गई. दशहरा और दिवाली के लिए गेंदे के फूलों की काफी डिमांड होती है. इन दोनों पर्व में हर घर में गेंदे के फूलों से सजावट की जाती है. पूजा में भी गेंदे के फूल का उपयोग किया जाता है. इसलिए इन पर्वों की पृष्ठभूमि पूर किसान गेंदे की फूल की लागत करते है.
इसके माध्यम से किसानों के घर में चार पैसे आते है, किंतु इस दशहरे को गेंदे के फूलों ने नाराज किया. एक ओर गेंदे के दाम में गिरावट वहीं दूसरी ओर बडे पैमाने पर फूलों की आवक बढने से कई विक्रेता फूल जगह पर छोडकर शाम के समय घर निकल गए. पिछले साल 100 से 150 रुपए किलो गेंदे के फूल की बिक्री होने की बात व्यवसायी किसानों ने कही. दशहरे की पृष्ठभूमि पर अमरावती बाजार समिति में बिक्री के लिए आए गेंदा फूलों को कम दाम मिला है. 10 से 15 रुपए किलो इतना कम दाम मिला. गेंदे के फूलों के कारण दशहरा-दिवाली पर्व अच्छे से निपटेगा, ऐसी अपेक्षा किसानों को थी. लेकिन फूलों को कम दाम मिलने से उत्पादन खर्च भी निकलना कठिन हो गया है. आनेवाले कुछ दिनों में दिवाली है. इस पर्व पर गेंदे के फूलों को अच्छे दाम मिलेंगे, ऐसी अपेक्षा किसान व्यक्त कर रहे है.