अमरावती

बैलों के श्रृंगार साहित्य से सजे बाजार

बैल पोले की ग्राहकी में आयी तेजी

अमरावती/दि.9 – आगामी गुरुवार 14 सितंबर को अमरावती शहर सहित जिले के ग्रामीण इलाकों में किसानों द्बारा बडे हर्षोल्लास के साथ बैल पोला मनाया जाएगा. ऐसे में सभी किसान इस समय अपने ‘सर्जा राजा’ का साज श्रृंगार करने हेतु लगने वाले साहित्य की खरीदी के लिए बाजार पहुंच रहे है. जिसके चलते शहर सहित जिले के बाजार पेठों में बैलों के साज श्रृंगार हेतु लगने वाले साहित्य की दुकानें सज गई है. जहां पर किसानों की अच्छी खासी भीड दिखाई दे रही है.
उल्लेखनीय है कि, इस वर्ष करीब एक माह के अवकाश पश्चात हुई अच्छी खासी बारिश के चलते किसानों में उछाल वाला माहौल है और वे बैल पोला की खरीदी के लिए तैयार हो गए है. वहीं पोले हेतु बाजार में विविध तरह के गोंडे, घुंगरु की माला, घुंगरु के चबडे से बने नक्काशीदार पट्टे, सिंग पर लगाई जाने वाली बेगड, नक्काशीदार झुल, विविध रंग के डब्बे, कासरा, म्होरकी, वेसन, भोंडे, सर, सुत, रेशम, घंटी, घुंगरु, तोडे, पट्टे, माला, भोरकडी, कंडा, शेमडी, सिंग दोरी, सिंग गोंडा, जोत, चाबूक व मणिमाल सहित विविध रंगों वाले गुब्बारे जैसे साहित्य विक्री के लिए उपलब्ध हो गए है. जिन्हें खरीदने के लिए किसानों की बाजार में अच्छी खासी भीड दिखाई देने लगी है. आगामी पोले के पर्व को देखते हुए जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले साप्ताहिक बाजारों में बैल पोला साहित्य की दुकाने सजने लगी है, जहां पर किसान जमकर खरीददारी कर रहे है. क्योंकि शहरी क्षेत्र की बजाय गांव में लगने वाली दुकानों में अपेक्षाकृत तौर पर बैलों का श्रृंगार साहित्य सस्ती दरों पर मिल रहा है. ऐसा किसानों का मानना है.

* किसानों का उत्साह हुआ दुगना
पूरे साल भर किसानों के साथ खेत में मेहनत मशक्कत करने वाले बैलों के प्रति पिठोरी अमावस्था यानि पोले के पर्व पर कृतज्ञता व्यक्त की जाती है. श्रावणमाह में राखी पूर्णिमा के तुरंत बाद किसानों द्बारा पोले के पर्व की तैयारी करनी शुरु कर दी जाती है. परंतु विगत करीब एक माह से बारिश नदारद रहने के चलते किसान काफी हद तक चिंता ेंमें थे. लेकिन अब विगत 2 दिनों से हल्के व मध्यम स्तर की बारिश होने के चलते किसानों की चिंता थोडी कम हुई है और वे दोगुने उत्साह के साथ पोले का पर्व मनाने की तैयारी में जुट गए है.

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