अमरावतीमहाराष्ट्र

धुलिवंदन के लिए सज गए बाजार

बाजारों का भी बदला रंग

अमरावती/दि. 7– आगामी 8-9 दिन बाद रंगो का त्यौहार होली व धुलिवंदन का पर्व मनाया जाएगा. जिसके चलते बाजार में विविध तरह के रंग, पिचकारियां व मुखौटे विक्री हेतु उपलब्ध हो गए है और रंगोत्सव के साहित्य से सभी दुकाने सज गई है. जिसके चलते पूरे व्यापारिक क्षेत्र भी रंगबिरंगे नजर आ रहे है.
विशेष उल्लेखनीय है कि, जहां एक ओर सडक किनारे रंग एवं पिचकारियों की अस्थायी दुकाने सजनी शुरु हो गई है, वहीं किराणा दुकानो व जनरल स्टोर्स में भी विक्री हेतु रंग व पिचकारियां उपलब्ध दिखाई दे रही है. गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष रंगोत्सव के साहित्य में 10 से 20 फीसद की वृद्धि हुई है. जिसके चलते ग्राहकों द्वारा देशी व इकोफ्रेंडली रंगो को पसंद किया जा रहा है. वहीं युवाओं द्वारा चमकी अथवा त्वचा से चिपकने वाले रंग खरीदे जा रहे है.

* इन वस्तुओं की मांग बढी
– गन पिचकारी – छोटे बच्चों में साधी पिचकारियों की बजाए बंदूक व पिस्तौल जैसी पिचकारियों की अधिक मांग है. जिनकी कीमते 50 रुपए से शुरु होती है.
– ब्रांडेड रंग – दिखने में सुंदर व आकर्षक रंगो की मांग बढ गई है. इसमें भी ग्राहकों द्वारा अलग-अलग ब्रांड वाले रंगो की मांग की जा रही है.
– सस्ते व देशी रंग – शरीर से सहज निकल जानेवाले तथा देशी पद्धति से तैयार किए गए रंगो की मांग काफी अधिक है. कई लोग अबीर-गुलाल के साथ ही रंगपंचमी मनाते है.

* रासायनिक रंगो से दूर रहना ही बेहतर
गाल व चेहरे की त्वचा काफी नाजूक रहती है. ऐसे में रासायनिक रंगो का प्रयोग करने से त्वचा पर खुजली होने व फुंसिया आने जैसी समस्याए हो सकती है. अत: रासायनिक रंगो से दूर रहना ही बेहतर होता है. इसके साथ ही होली पर रंग खेलने से पहले चेहरे पर बॉडीलोशन व नारीयल तेल लगा लेना चाहिए और रंग छुडाने हेतु त्वचा को जोर-जोर से नहीं घिसना चाहिए.

* होली पर रहेगा तगडा पुलिस बंदोबस्त
विशेष उल्लेखनीय है कि, होली के पर्व पर युवाओं की कई टोलियों द्वारा सडकों पर आकर हुडदंड किया जाता है और अजिबोगरीब आवाज निकलनेवाले भोंगे बजाकर कर्णकर्कश शोर किया जाता है. ऐसे में कहीं पर भी कोई अप्रिय स्थिति न बने इस बात को ध्यान में रखते हुए शहर सहित जिला पुलिस द्वारा विभिन्न स्थानों पर तगडा बंदोबस्त तैनात किया जाएगा. साथ ही नियमों व कानून का उल्लंघन करनेवाले लोगों के खिलाफ कडी कार्रवाई भी की जाएगी.

* मेलघाट में पांच दिनों तक चलता है होली का त्यौहार
बता दें कि, आदिवासी बहुल मेलघाट में होली को साल का सबसे बडा त्यौहार माना जाता है, जिसे आदिवासियों द्वारा पांच दिनों तक मनाया जाता है. इस दौरान मेलघाट के कोरकू आदिवासियों द्वारा ढोल व बासुरी की ताल पर नृत्य करने के साथ ही बडे उत्साह के साथ फगवा भी मांगा जाता है.

Back to top button