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आगामी वर्ष जनवरी में भी बजेगी शहनाई
अमरावती/दि.16 – तुलसी विवाह के बाद विवाह समारोह का मौसम शुरु होता है. इस बार नवंबर एवं दिसंबर इन दो महीनों में विवाह के सिर्फ 15 मुहूर्त है. फिर भी शादी की तैयारियां शुरु हो गई है. देवउठनी एकादशी को तुलसी भगवान शालीग्राम का विवाह विधिनुसार किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन माता तुलसी व भगवान शालिग्राम की पूजा करने पर सभी इच्छा पूरी होती है और वैवाहिक जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती है. तुलसी विवाह करने पर कन्यादान सरीखा पुण्य प्राप्त होते की भी आख्यायिका है. इस बार 15 से 19 नवंबर दरमियान तुलसी विवाह है. पश्चात विवाह समारोह शुरु होंगे.
विगत डेढ़ वर्षों से कोरोना संसर्ग से सभी का काफी नुकसान हुआ है. विशेषकर वेडिंग इंडस्ट्री को इसका जबर्दस्त फटका बैठा. मंगल कार्यालय, लॉन, कॅटरर्स, बैन्ड वाले, घोड़े वाले, विवाह विधि करने वाले पंडित, मेहंदी वाले इन सभी का काफी नुकसान हुआ है. कोरोना बाधितों की नियंत्रित संख्या प्रशासन द्वारा शिथिल किए गए निर्बंध के कारण विवाह की धूमधाम जोरों से होने का चित्र है. इसके लिए शहर के मंगल कार्यालय, लॉन, होटल सज्ज हुए हैं. ठंड के दिनों में विवाह करने के इच्छुकों को नवंबर के बाद की आखरी तारीख की प्रतीक्षा होती है. तुलसी विवाह होते ही इच्छुक विवाह कार्य निपटाये जाते हैं.
गर्मी के दिनों में निर्माण होने वाली कुल परिस्थिति की परेशानी को टालने के लिए नवंबर, दिसंबर महीने के मुहूर्त की ओर अनेकों की इच्छा होती है. इस वर्ष सिर्फ 15 मुहूर्त होने से अनेक लोग निराश हुए हैं. वहीं व्यापारियों ने भी कम मुहूर्त पर नाराजी व्यक्त की है. इसके साथ ही शनिवार को घटी घटना के बाद जिले में संचारबंदी के कारण अनेकों ने मंगल कार्य कुछ समय के लिए आगे करने की मन बनाया है.
15 जनवरी 2022 से फिर मुहूर्त
नवंबर में 19, 20, 21, 26, 28, 29 व 30 ये सात तारीखें विवाह के लिए शुभ रहेगी. बावजूद इसके दिसंबर में आठ शुभ मुहूर्त होकर 1, 2, 5, 6, 7, 11, 12 व 13 तारीख को है. वहीं आगामी वर्ष में 15 जनवरी 2022 से फिर शुभ मुहूर्त शुरु होने की जानकारी नरेन्द्र महाराज ने दी.