अमरावती

बच्चा होने के बाद मिल रहा विवाह का अनुदान

समाजकल्याण से अनुदान मिलने में हो रहा विलंब

* दो-दो साल तक करनी पड रही निधी की प्रतीक्षा
* लाभार्थी काट रहे चक्कर पर चक्कर
अमरावती/दि.20- समाज में जातियता नष्ट होने के साथ ही सर्वधर्म समभाव वृध्दिंगत करने हेतु समाजकल्याण विभाग द्वारा अंतरजातिय विवाह को प्रोत्साहित किया जाता है. जिसके तहत अंतरजातिय विवाह करनेवाले जोडों को आर्थिक सहायता के तौर पर 50 हजार रूपये की निधी दिये जाने का प्रावधान है. लेकिन विगत दो वर्षों से केेंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा पर्याप्त निधी उपलब्ध नहीं कराये जाने के चलते करीब 475 जोडे सरकारी अनुदान से वंचित है. इस दौरान कई नवविवाहित जोडों के बाल-बच्चे भी हो गये और वे अब दुल्हा-दूल्हन से मां-बाप बन गये है. बावजूद इसके अंतरजातिय विवाह करनेवाले कई जोडे सरकारी अनुदान से वंचित है.
उल्लेखनीय है कि, अमरावती जिले में प्रतिवर्ष बडे पैमाने पर अंतरजातिय विवाह किये जाते है. किंतु इसमें से अधिकांश को समाजकल्याण विभाग द्वारा चलाई जानेवाली योजना की जानकारी नहीं रहती. ऐसे में इस योेजना का लाभ प्राप्त करनेवाले लाभार्थियों की संख्या वैसे भी कम है और जिन लाभार्थियों द्वारा इस योेजना के तहत अनुदान हेतु आवेदन किया गया है. उनमें से भी बेहद कम लोगों को अनुदान का वितरण किया गया.
जानकारी के मुताबिक विगत तीन वर्षों के दौरान जिले में 457 जोडों ने अंतरजातिय विवाह किया. वहीं दूसरी ओर इस दौरान सरकार की ओर से 3 करोड 16 लाख रूपये की निधी मंजूर हुई, परंतू मार्च 2022 की एंडिंग में कुछ तकनीकी दिक्कतों के चलते अनुदान के रकम का आहरण नहीं हो सका.

* केंद्र व राज्य सरकार देते है आधा-आधा हिस्सा
इस योजना के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा सम-समान हिस्सा दिया जाता है, यानी अंतरजातिय विवाह करनेवाले जोडों को 50 हजार रूपये का अनुदान देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से 25 हजार व राज्य सरकार की ओर से 25 हजार रूपयों का अनुदान मिलता है. लेकिन कई बार केंद्र सरकार का अनुदान समय पर प्राप्त होने पर राज्य सरकार से अनुदान मिलना बाकी रहता है. इसी तरह कई बार राज्य सरकार को अनुदान की राशि मिल जाती है, पर केंद्र सरकार की ओर से रकम मिलना बाकी रहता है. जिसकी वजह से अनुदान के वितरण का काम अधर में लटका रहता है.

* वर्षनिहाय अंतरजातिय विवाह
वर्ष 2020 – 169
वर्ष 2021 – 210
वर्ष 2022 – 78

* अब तक 68 लाख रूपये का वितरण
जिले में सन 2019-20 के दौरान 169 जोडों ने अंतरजातिय विवाह किया था. जिसके लिए केंद्र एवं राज्य सरकार से 68 लाख रूपये की रकम प्राप्त हुई. जिसका 136 जोडों में वितरण किया गया. वहीं वर्ष 2021 में 210 तथा वर्ष 2022 में 78 जोडों ने अंतरजातिय विवाह किया. जिनके प्रस्ताव अनुदान के अभाव में प्रलंबित है.

* इन शर्तों पर मिलता है अनुदान
केंद्र सरकार द्वारा चलाई जानेवाली मूल योजना में राज्य सरकार का योगदान अपेक्षित माना गया. इस योजना का लाभ अंतरजातिय विवाह करनेवाले जोडों को मिलता है. इस योेजना के तहत अनुदान प्राप्त करने हेतु वधु अथवा वर में से कोई एक अनुसूचित जाति या जनजाति से होना चाहिए. वहीं किसी एक का उच्चवर्णिय रहना आवश्यक है.

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