दो आरोपी लिपिक जमानत पर रिहा
प्रतिनिधि/ दि.२०
अमरावती – स्थानीय मनपा के बडनेरा झोन अंतर्गत स्वच्छ भारत अभियान के तहत निजी शौचालय निर्माण करने के ७४ लाख रुपए कीमत के फर्जी बिल पेश करने के मामले में फरार मास्टर मार्इंड मुख्य आरोपी योगेश कावरे की अग्रीम जमानत की याचिका को अदालत ने खारीज कर दिया है. न्यायमूर्ति मेहता की अदालत ने कल बुधवार को दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के बाद, ऐसे आदेश जारी किये.
मनपा में ७४लाख रुपए के फर्जी बिल पेश करने के मामले में मनपा के लिपिक संदीप रायकवार व अनुप सारवान को पहले ही अदालत ने जमानत दे दी है. इस मामले में फरार बडनेरा निवासी मास्टर मार्इंड आरोपी योगेश कावरे ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अपने वकील एड.शिरीष जाखड के जरीये अदालत में अग्रीम जमानत के लिए आवेदन दायर किया था. इसपर बुधवार को सुनवाई ली गई. कावरे के वकील शिरीष जाखड ने अदालत को बताया कि फर्जी बिल के मामले योगेश कावरे का कही पर भी नाम नहीं है. जबकि मनपा की ओर से दी गई शिकायत में दो लिपीक के ही नाम है. उसमें कावरे का कोई उल्लेख तक नहीं है.
वहीं कावरे ने सबसे पहले सूचना अधिकार के तहत निजी शौचालय निर्माण के मामले में जानकारी जुटाई थी तो फिर वह इस मामले में कैसे आरोपी हो गया, इसपर सरकारी पक्ष की ओर से जिला सरकारी वकील परीक्षित गणोरकर ने जमानत के आवेदन का विरोध करते हुए अदालत को बताया कि इस मामले में आर्थिक अपराध शाखा पुलिस व्दारा पकडे गए आरोपियों ने योगेश कावरे का नाम लिया है. इस मामले में उनकी मिलीभगत से ही हेराफेरी की गई है. पुलिस के पास इस बारे में पर्याप्त सबूत भी है. इसलिए आरोपी के जमानत रद्द की जाए. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जमानत याचिका खारीज कर दी. जिससे फरार योगेश कावरे की मुश्किले और अधिक बढ जाएगी.