कपास का उत्पादन बढाने 21 जिलों के लिए ‘मास्टर प्लान’
कृषि विभाग व्दारा तहसील व जिलास्तर पर नियोजन शुरु
अमरावती/ दि.21– राज्य में कपास का उत्पादन बढाने के लिए बजट अधिवेशन में 11 मार्च को घोषणा की गई थी. उसी के अनुसार कपास का उत्पादन बढाने के लिए मास्टर प्लान अंतिम प्रक्रिया में है. खरीफ का सीजन आने में 10 दिन शेष है जिसमें उस संदर्भ में शासन स्तर पर हलचल बढ गई है. राज्य के 21 कपास उत्पादक जिलों में कपास उत्पादन बढाने के लिए कृषि विभाग व्दारा तहसील व जिला स्तर पर नियोजन शुरु कर दिया गया है.
विदर्भ, मराठवाडा में सोयाबीन व कपास की बुआई बडे प्रमाण में की जाती है. यहां के सर्वसामान्य किसानों को प्रगतीशील किसानों के बराबर लाने हेतु मूल श्रृंखला विकसित करने के साथ विशेष कृति कार्यक्रम के लिए 1 हजार रुपए की निधि दी जाएगी. इस विशेष कृति कार्यक्रम की शुरुआत खरीफ के मौसम से होगी. जिसमें नासिक, धुले, नंदूरबार, जलगांव, अहमदनगर, जालना, बीड, उस्मानाबाद, नांदेड, परभरणी, हिंगोली, बुलढाणा, अकोला, वाशिम, अमरावती, यवतमाल, नागपुर,वर्धा, चंद्रपुर, गडचिरोली जिलों का समावेश है, ऐसी जानकारी अभियान के संचालक तथा राज्य के संचालक विकास पाटिल ने दी.
‘क्लस्टर’ बेस संकल्पना
राज्य के 21 कपास उत्पादक जिलों में 2.60 हेक्टर क्षेत्र में समूह आधारित संकल्पना अनुसार (क्लसटर बेस) यह अभियान चलाया जाएगा. जिसमें 2600 समूह निर्माण किए जाएंगे. जिसमें से 2 हजार समूह उत्पादन में वृद्धि व 300 समूह सेंद्रीय कपास निर्मिती के लिए रहेंगे. विविध माध्यमों से 15 प्रतिशत उत्पन्न बढाया जाएगा.
500 किसान कंपनियां की जाएगी स्थापित
चार समूह मिलकर एक किसान व 2 हजार समूह से 500 किसान कंपनियां स्थापित की जाएगी. इन कंपनियों को मजबूत बनाने व कपास संग्रह के लिए शेड, जिनिंग-प्रेसिंग यूनिट लैब व कमोडिटी बजार से जोडा जाएगा.