अमरावती

उमेश कोल्हे हत्याकांड का मास्टरमाइंड गिरफ्तार

नागपुर से धरा गया शेख इरफान, 7 तक रखा जायेगा पीसीआर में

* एनआईए कर रही मामले में पूछताछ व पडताल
* एक के बाद एक हो रहे कई सनसनीखेज खुलासे
अमरावती/दि.4- विगत माह मंगलवार 21 जून की रात करीब 10 बजे न्यू हाईस्कूल मेन के पास घंटाघरवाली गली में मेडिकल व्यवसायी उमेश कोल्हे की निर्ममतापूर्वक हत्या किये जाने के मामले में सिटी कोतवाली पुलिस ने शनिवार की रात नागपुर से शेख इरफान शेख रहीम नामक सातवें आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. जिसे गत रोज स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे सात दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड में रखे जाने का आदेश पारित किया गया. पता चला है कि, इस मामले में धरा गया सातवां आरोपी शेख इरफान ही इस हत्याकांड का मुख्य सूत्रधार है. जिसके इशारे पर उमेश कोल्हे को निर्ममतापूर्वक मौत के घाट उतारा गया. इस काम के लिए शेख इरफान ने ही हत्याकांड की घटना को अंजाम देने के लिए कुछ लोगों को तैयार किया था और उन्हें पैसों व वाहनों की उपलब्धता भी कराई थी. शेख इरफान नामक इसी शख्स द्वारा अमरावती शहर में रहबर हेल्पलाईन नामक एक एनजीओ चलाया जाता है. जिसके तहत कई तरह के सामाजिक काम भी किये जाते है. साथ ही शेख इरफान द्वारा वॉटसऍप पर ‘रहबरिया ग्रुप’ नाम से एक वॉटसऍप ग्रुप भी चलाया जाता है. जिसमें उमेश कोल्हे को लेकर डॉक्टर युसुफ खान द्वारा डाली गई पोस्ट के बाद इस हत्याकांड की पूरी योजना बनाई गई थी.
बता दें कि, तहसील कार्यालय परिसर के सामने अमित मेडिकल नामक प्रतिष्ठान का संचालन करनेवाले उमेश कोल्हे ने अपने ‘ब्लैक फ्रीडम’ नामक वॉटसऍप ग्रुप में एक टीवी डिबेट के दौरान विवादास्पद वक्तव्य देनेवाली भाजपा की निलंबीत प्रवक्ता नुपूर शर्मा का समर्थन करते हुए एक पोस्ट फॉरवर्ड की थी. ‘ब्लैक फ्रीडम’ नामक इस वॉटसऍप ग्रुप में डॉ. युसुफ खान नामक शख्स भी सदस्य के तौर पर शामिल था. जिसने उमेश कोल्हे द्वारा फॉरवर्ड की गई पोस्ट का स्क्रिन शॉट लेते हुए उसे ‘रहबरिया ग्रुप’ में शेयर किया. साथ ही उमेश कोल्हे को लेकर ग्रुप के सदस्यों को उकसानेवाली बातें लिखी. जिसके बाद ‘रहबरिया ग्रुप’ के सदस्यों ने इस पर अपना रोष प्रकट करते हुए उमेश कोल्हे को इस ‘गुस्ताखी’ के लिए सबक सीखाने की बातें कही. जिसके बाद ‘रहबरिया ग्रुप’ के संचालक शेख इरफान ने अपने परिचय में रहनेवाले कुछ बेहद खास लोगों के साथ प्रत्यक्ष मिटींग करते हुए उमेश कोल्हे को सजा देने की योजना बनाई. जिसके आधार पर करीब दस दिनों तक उमेश कोल्हे की हर एक गतिविधि पर नजर रखते हुए उनकी रेकी की गई और 21 जून की रात 10 बजे जब उमेश कोल्हे अपनी दुकान बंद करने के बाद अपने घर लौट रहे थे, तब उन्हेें घेरकर निर्ममतापूर्वक मौत के घाट उतार दिया गया. इस मामले की जांच करते हुए सिटी कोतवाली पुलिस ने कुल सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिनमें मुदस्सीर अहमद उर्फ सोनू रजा वल्द शेख इब्राहीम (22, बिस्मिल्लानगर, लालखडी), शाहरूख पठान उर्फ बादशाहा वल्द हिदायत खान (25, सुफियान नगर), अब्दुल तौफीक उर्फ नानू वल्द शेख तसलीम (24, बिस्मिल्ला नगर, लालखडी), शोएब खान उर्फ भुर्‍या वल्द साबिर खान (22, यास्मीन नगर), अतिब रशिद वल्द आदिल रशीद (22, मौलाना आजाद नगर), डॉ. युसुफ खान वल्द बहादूर खान (44, बिलाल कालोनी) तथा शेख इरफान शेख रहीम (35, कमेला ग्राउंड) का समावेश है. इसमें से डॉ. युसुफ खान नामक आरोपी की इस हत्याकांड में बेहद अहम भूमिका रही. जिसने उमेश कोल्हे की एक फॉरवर्ड पोस्ट को आधार बनाकर अपने परिचय में रहनेवाले अन्य लोगों को उकसाया. वहीं शेख इरफान ने इस हत्याकांड की योजना बनाते हुए उसे अमलीजामा पहनाया. जहां पांच आरोपियों को पुलिस ने 23 जून से एक-एक कर पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, वहीं शनिवार को इस हत्याकांड में अहम किरदार निभानेवाले डॉ. युसुफ खान तथा शेख इरफान को भी हिरासत में लिया गया.

* कोतवाली थाना बना पुलिस छावनी
विगत दस दिनों से लगातार सूर्खियों में रहनेवाले उमेश कोल्हे हत्याकांड की जांच जारी रहने और आरोपियों की एक के बाद एक गिरफ्तारी होने का सिलसिला जारी रहने के दौरान शनिवार तक सिटी कोतवाली पुलिस थाने में स्थिति बेहद सहज व सामान्य थी तथा यहां पर किसी की भी आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं था. लेकिन शनिवार की रात नागपुर में ‘रहबरिया ग्रुप’ के संचालक शेख इरफान की गिरफ्तारी होने और उसे नागपुर से अमरावती लाये जाने के साथ ही कोतवाली पुलिस थाने को किसी पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया और यहां पर रविवार की सुबह से शहर पुलिस के साथ-साथ क्यूआरटी फोर्स को भी तैनात कर दिया गया. जिसके तहत मीडिया को भी किसी भी तरह की जानकारी के संकलन हेतु पुलिस थाने में प्रवेश की अनुमति दी गई, जबकि रविवार को देश के प्रमुख मीडिया संस्थानों और इलेक्ट्रॉनिक न्यूज चैनलों के प्रतिनिधी इस खबर को कवर करने के लिए अमरावती में मौजूद थे.

* कडे बंदोबस्त के बीच कोतवाली के पिछले दरवाजे से बाहर निकाला गया शेख इरफान को
सिटी कोतवाली पुलिस थाने के सामने मीडिया कर्मियों सहित आम नागरिकों की भारी-भरकम भीड को देखते हुए सिटी कोतवाली पुलिस ने शेख इरफान को अदालत में पेश करने हेतु थाना परिसर के पीछे स्थित दरवाजे से बाहर निकाला. जिसके तहत शेख इरफान को कोतवाली थाने के पिछले दरवाजे से होते हुए बापट चौकवाली सडक पर लाया गया. जहां पर पुलिस का एक वाहन पहले से तैयार खडा था. इस वाहन में बडी फूर्ती के साथ शेख इरफान को बिठाया गया और यह वाहन तेज गति के साथ अदालत की ओर रवाना हुआ.

* अदालत ने सुनाया सात दिन तक पीसीआर में रखने का आदेश
उमेश कोल्हे हत्याकांड के मास्टर माइंड शेख इरफान को जिला व सत्र न्यायालय की विशेष अदालत में गत रोज अपरान्ह करीब 3 बजे के आसपास पेश किया गया. जहां पर कोतवाली पुलिस ने अदालत से शेख इरफान के लिए 9 जुलाई तक पुलिस कस्टडी रिमांड की मांग की गई. इस समय शेख इरफान के वकील एड. मुर्तूजा आजाद ने अपने मुवक्कील की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए बताया कि, जिस वक्त उमेश कोल्हे की हत्या हुई, उस समय वहां पर शेख इरफान मौजूद नहीं था. साथ ही शेख इरफान के मोबाईल सहित हत्या की वारदात में प्रयुक्त कार और बाईक को भी पुलिस द्वारा अब तक बरामद नहीं किया जा सका है. इसके अलावा शेख इरफान ने विगत कुछ दिनों के दौरान किन-किन लोगों के साथ आर्थिक व्यवहार किये इसकी जांच करने हेतु उनके बैंक स्टेटमेंट की कॉॅपी हासिल की जा सकती है. ऐसे में शेख इरफान को पुलिस कस्टडी रिमांड में देने का कोई औचित्य नहीं है, लेकिन अदालत ने इन दलीलों को खारिज करते हुए शेख इरफान को 7 जुलाई तक पुलिस कस्टडी रिमांड में रखने का आदेश जारी किया. जिसके बाद कडे पुलिस बंदोबस्त के बीच शेख इरफान को एकबार फिर कोतवाली पुलिस थाने लाया गया. जहां पर उसे जांच व पूछताछ हेतु एनआईए के सुपुर्द किया गया. हालांकि इससे पहले भी नागपुर से अमरावती लाये जाने के बाद एनआईए के दल ने शनिवार की रात और रविवार की सुबह शेख इरफान से इस पूरे मामले को लेकर सघन पूूछताछ की थी.

* कोल्हे के घर पहुंची एनआईए
तीन दिन पूर्व अमरावती पहुंचे एनआईए के दल ने इस हत्याकांड के आरोपियों के साथ पूछताछ करने और घटनास्थल का मुआयना करते हुए तमाम आवश्यक सबूत जुटाने के साथ-साथ गत रोज लोकमान्य कालोनी परिसर स्थित कोल्हे परिवार के निवास को भी भेंट दी. जहां पर कोल्हे परिवार के सदस्यों सहित उनके परिचितों से भी बातचीत की गई और इस मामले से जुडी विभिन्न जानकारियां हासिल की.

* कोतवाली थाने व अदालत में जुटी मीडिया की भीड
गत रोज सुबह 9 बजे से सिटी कोतवाली पुलिस थाने के सामने आजतक, एबीपी, इंडिया टीवी, न्यूज नेशन, एबीपी माझा, टीवी-9, इंडिया न्यूज, सीएनएन, आयबीएन व रिपब्लिक टीवी जैसे विभिन्न न्यूज चैनलों के साथ-साथ देश के विख्यात मीडिया संस्थानों के प्रतिनिधि पहुंच चुके थे. जिसमें से इलेक्ट्रॉनिक न्यूज चैनलों के प्रतिनिधियों ने यहां से तमाम गतिविधियों का सीधा प्रसारण करना शुरू कर दिया था. जिसके तहत कई मीडिया कर्मियों ने कोतवाली थाना परिसर में मौजूद पुलिस अधिकारियों से बातचीत भी की. वहीं मीडिया की भारी मौजूदगी को देखते हुए ही कोतवाली पुलिस ने कोल्हे हत्याकांड के मुख्य मास्टर माइंड शेख इरफान को मुख्य प्रवेश द्वारा की बजाय सबकी नजरों से बचाते हुए थाने के पीछे स्थित दरवाजे से बाहर निकाला और कोर्ट ले जाया गया.

* आपस में अच्छे दोस्त थे उमेश कोल्हे और डॉ. युसुफ
इस हत्याकांड को लेकर सबसे सनसनीखेज जानकारी सामने आयी है कि, जिस डॉ. युसुफ खान ने उमेश कोल्हे द्वारा फॉरवर्ड की गई पोस्ट का स्क्रिन शॉट लेकर उसे ‘रहबरिया ग्रुप’ में शेयर किया था और उमेश कोल्हे को सबक सीखाने के लिए ‘रहबरिया ग्रुप’ के सदस्यों को उकसाया था. वह युसुफ खान विगत करीब 16 वर्ष से उमेश कोल्हे का परिचित होने के साथ ही अच्छा दोस्त भी था, चूंकि डॉ. युसुफ खान पशु चिकित्सक है. ऐसे में मवेशियों व पशुओं की दवाईयों का व्यवसाय करनेवाले अमित मेडिकल के संचालक उमेश कोल्हे के साथ उसका वर्ष 2006 में परिचय हुआ और आगे चलकर यह परिचय दोस्ती में बदल गया. जिसके तहत युसुफ खान अक्सर ही उमेश कोल्हे के मेडिकल से दवाईया उधार लिया करता था. साथ ही वक्त जरूरत पडने पर उमेश कोल्हे से नकद रूपये भी ‘हाथ उधारी’ के तौर पर लिया करता था. पता तो यहां तक चला है कि, उमेश कोल्हे ने युसुफ खान की बहन की शादी में भी अपनी ओर से अच्छी-खास मदद उपलब्ध करायी थी. साथ ही साथ आर्थिक रूप से कमजोर रहनेवाली युसुफ खान की बेटी का दाखिला एक नामांकित अल्पसंख्यक शिक्षा संस्था में करवाने के लिए भी तमाम आवश्यक प्रयास किये थे. जिसके चलते युसुफ खान की बेटी का दाखिला उस शिक्षा संस्थान में हो पाया था, लेकिन उसी युसुफ खान ने उमेश कोल्हे को मौत के घाट उतारने की न केवल जमीन तैयार की, बल्कि इस हत्याकांड को अंजाम देते समय डॉ. युसुफ खान मौका ए वारदात से कुछ ही दूरी पर स्थित एसबीआई की मुख्य शाखा के पास दो अन्य आरोपियों के साथ खडा था और जब तीन आरोपियों ने घंटाघरवाली गली में उमेश कोल्हे को घेरकर उसके गले पर चाकू से घातक वार करते हुए उसे मौत के घाट उतार दिया, तो इसके बाद युसुफ खान वहां से अन्य पांचों आरोपियों के साथ भाग निकला. लेकिन इसके बाद हद तो तब हो गई, जब अगले दिन उमेश कोल्हे की अंतिम यात्रा में भी युसुफ खान खुद शामिल हुआ. जिसके तहत वह उमेश कोल्हे की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए उनके घर पहुंचा और वहां से मोक्षधाम में पहुंचकर उमेश कोल्हे के अंतिम संस्कार में भी हिस्सा लिया.

* शेख इरफान के एनजीओ पर कडी नजर
उमेश कोल्हे हत्याकांड का मास्टर माइंड रहनेवाले शेख इरफान द्वारा अमरावती में ‘रहबर हेल्पलाईन’ नामक संगठन चलाया जाता है और मामले में लिप्त सभी आरोपी इसी संगठन के साथ जुडे हुए बताये जाते है. ऐसे में अब पुलिस तथा एनआईए द्वारा इस संगठन से जुडे सभी सदस्यों की तलाश की जा रही है. जिसके चलते रहबर हेल्पलाईन नामक संगठन से जुडे कई सदस्य अब ‘अंडरग्राउंड’ हो गये है. वहीं अब पुलिस ने धर्मादाय आयुक्त को पत्र लिखकर इस संगठन का पंजीयन रद्द करने की मांग की है. साथ ही इस संगठन व इसके वॉटसऍप ग्रुप से जुडे सभी पहलुओं की सरगर्मी के साथ जांच की जा रही है. पता चला है कि, शेख इरफान ने विगत 16 जून को ही उमेश कोल्हे के बारे में फैसला लेने के लिए अपने संगठन की बैठक बुलाई थी. जिसके बाद से संगठन के सदस्यों द्वारा उमेश कोल्हे की रेकी करनी शुरू की गई. जानकारी के मुताबिक शेख इरफान ने उमेश कोल्हे को मौत के घाट उतारनेवाले आरोपियों को दस-दस हजार रूपये नकद तथा भागने के लिए कार की व्यवस्था उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था. ऐसे में अब पुलिस द्वारा इस बात की भी जांच की जा रही है कि, हमेशा ही बढ-चढकर सामाजिक कामों में खुद का सहभाग दिखानेवाले शेख इरफान द्वारा कहीं अपने सामाजिक संगठन के जरिये युवाओं को अपराध जगत में लाने का काम तो नहीं किया जा रहा था और आखिर इस संगठन के तार कहां तक जुडे हुए है एवं इस संगठन को आर्थिक मदद कहां से मिल रही थी.

* सातों आरोपियों के घर पर ली गई तलाशी
उमेश कोल्हे हत्याकांड में लिप्त रहनेवाले सातों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उनके साथ कडाई से पूछताछ करने के साथ ही उनके घरों की भी तलाशी ली है, ताकि हत्याकांड से जुडे सबूत हासिल किये जा सके. वहीं अब हत्याकांड के मुख्य मास्टर माइंड शेख इरफान के पकड में आ जाने तथा मामले की जांच एनआईए द्वारा शुरू किये जाने के चलते मामले की तह तक जाने और आरोपियों की पूरी कुंडली को खंगालने का प्रयास किया जा रहा है.

* चायना चाकू से किया गया था सात इंच गहरा घाव
– 300 रूपये में खरीदा गया था तेज धारदार चाकू
मेेडिकल व्यवसायी उमेश कोल्हे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि, उनके गले पर पांच इंच चौडे व सात इंच लंबे तेज धारदार चाकू का गहरा घाव था. इस घातक हमले में उमेश कोल्हे के दिमाग की नस के साथ ही श्वास नलिका, अन्न नलिका और आंख की नस को नुकसान पहुंचा था. साथ ही इस घाव की वजह से उमेश कोल्हे के गले से बडे पैमाने पर खून का फव्वारा निकला. जिसके चलते अगले कुछ ही मिनटों में उनकी मौत हो गई. पता चला है कि, उमेश कोल्हे की हत्या को अंजाम देने के लिए शोएब नामक आरोपी ने 300 रूपये में एक चायना चाकू खरीदा था. साथ ही 19 जून को शोएब व आतिफ की शेख इरफान के साथ मीटिंग हुई थी. इन्हीं दो लोगोें ने उमेश कोल्हे को घंटाघरवाली गली में घेरकर उनके गले पर चाकू से जानलेवा हमला किया. इन दोनों आरोपियों को इसी परिसर में मौजूद अन्य चार आरोपियों द्वारा उमेश कोल्हे पर नजर रखते हुए पल-पल की खबर दी जा रही थी. साथ ही इस हत्याकांड को अंजाम देने के बाद सभी आरोपियों ने शेख इरफान को ‘काम फतेह’ होने की जानकारी दी. जिसके बाद सभी आरोपी मौके से भाग निकले.

* यूएपीए के तहत दर्ज हो सकता है मामला
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उमेश कोल्हे हत्याकांड में जहां एक ओर नैशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी जैसी केंद्रीय जांच संस्था द्वारा अमरावती पहुंचकर मामले की जांच की जा रही है, वहीं दूसरी ओर इस मामले में अब यूएपीए यानी अन लॉ फुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट की धाराएं भी लगायी जा सकती है. बता दें कि, देश की एकता, अखंडता, सुरक्षा तथा सार्वभौमिकता के लिए खतरा साबित होनेवाले मामलों में युएपीए कानून की धाराएं लागू की जाती है. जिसके तहत आतंकी कृत्य करने या उसमें शामिल होने अथवा आतंकी कृत्य को प्रौत्साहन या समर्थन देने अथवा आतंकी कृत्य करने के लिए योजना बनाने या आर्थिक सहायता प्रदान करने पर युएपीए की धाराएं लगायी जाती है. ज्ञात रहे कि, उदयपुर में हुए इसी तरह के नृशंस हत्याकांड में एनआईए द्वारा युएपीए के तहत अपराध दर्ज किया गया है. वहीं अब चूंकि अमरावती में घटित उमेश कोल्हे हत्याकांडवाले मामले की जांच भी एनआईए द्वारा की जा रही है. ऐसे में पूरी संभावना है कि, इस मामले में भी युएपीए के तहत अपराध दर्ज किया जायेगा.

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