अमरावती

माता रमाई का संघर्ष महिला और युवतियों के लिए आदर्श

सरपंच कविता डांगे का कथन

नांदगांव पेठ /दि. ९- देश में जिन महापुरूषों ने क्रांति लाई, उनके पीछे महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान है. डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर का देश के इतिहास में सुवर्ण अक्षर से लिखे संघर्ष को उनकी पत्नी रमाबाई का साथ आज की महिलाओं को सीख देने वाला है. आयोजकों ने रमाई चरित्र्य पुस्तक हर घर में पहुंचाने से रमाई का संघर्ष भी आज की महिला और युवतियों को आदर्श सीख देने वाला साबित होगा, इस आशय का कथन सरपंच कविता डांगे ने किया. बौद्ध विकास युवक मंडल द्वारा पंचशील बुद्ध विहार में माता रमाई जयंती निमित्त आयोजित कार्यक्रम में बतौर अध्यक्ष वे बोल रही थी. इस अवसर पर बतौर अतिथि पूर्व जिप सदस्य विनोद डांगे, अविनाश घोडेस्वार, अनंता रामटेके, प्रभाकर शेंडे, दिवाकर मेश्राम उपस्थित थे. मान्यवरों के हाथों तथागत गौतम बुद्ध, डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर और माता रमाई की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया. उपस्थित मान्यवरों ने अपने विचार व्यक्त किए. कार्यक्रम में रुपेश खंडारे, दिपंकर रंगारी,हिमालय घोडेस्वार, रुषीकेश खंडारे, स्वराज गजभिये, दिनेश रामटेके, अंकुश रामटेके, ऋषिकेश खंडारे, ऋषिकेश मेश्राम, विवेक कढाणे, देवेंद्र शेलारे, शेखर मेश्राम, सुनील रामटेके, प्रफुल्ल कावरे, सिद्धार्थ बागडे, अनिल मेश्राम, रोशन गजभिये, प्रशिक मेश्राम, विजय कढाने, सुमेध गजभिये, विकी चंदनखेडे, आकाश खंडारे, मुकेश खंडारे उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन धम्मसेवक संघटना पाटील ने किया.

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