अमरावती

जुड़वा शहर में शिशु के लिए शीघ्र ही मातृ दुग्धपेढ़ी

माता के दूध से वंचित रहे शिशुओं को मिलेगी मदद

अचलपुर/दि.7– माता के दूध से वंचित रहे शिशु को गाय-भैस या पाउडल का दूध दिया जाता है. लेकिन ऐसे दुध में संरक्षक द्रव्य नहीं होते. शिशु के स्वास्थ्य के लिए लगने वले पोषण द्रव्य भी काफी कम प्रमाण में होते हैं. इसलिए ऐसे शिशुओं के लिए अब मातृ दुग्धपेढ़ी बनाने की दृष्टि से रोटरी क्लब ने निर्णय लिया है. जुड़वा शहर में शीघ्र ही मातृ दुग्धपेढी शुरु होगी.
स्तनपान ही व माता के दूध का महत्व सर्वज्ञ में है. माता के दुध से शिशु की पचन संस्था पर सकारात्मक असर होता है. इस दूध से मिलने वाले इम्युनोग्लोबूयलन्स के कारण प्रतिकार शक्ति बढ़ती है. इतना ही नहीं, बल्कि माता के दुध से माता व बालक की मानसिकता में दूरगामी सकारात्मक परिणाम होते हैं. लेकिन कई बार शिशु का जन्म 9 महीने से पहले होने पर या शिशु बीमार होने पर उसे अतिदक्षता विभाग में दाखल करने से माता पर मानसिक तनाव बढ़कर आवश्यकतानुसार दूध नहीं आता. ऐसे समय दूध का पाउडर यह सरल पर्याय अपनाया जाता है. लेकिन माता के दूध की तुलना ओइस कृत्रिम दूध से नहीं हो सकती. गत दशक से विशेषतः मानसिक तनाव के कारण दूध आने का प्रमाण कम हुआ है. वहीं नवजात शिशु में भी जंतुसंसर्ग या अन्य बीमारियों के कारण उन्हें माता का दूध मिलने का प्रमाण कम हो रहा है. मां को दूध कम आने की समस्या शहरी भागों में अधिक है.
ह्यूमन मिल्क बैंक के माध्यम से शिशु को लाभ हो सकता है. 1989 में शुरु की गई यह हलचल उंगलियों पर गिनने लायक ही मर्यादित रही है. आज भारत सहित मेलघाट की बालमृत्यु के प्रमाण को देखते हुए अधिक से अधिक ह्यूमन मिल्क बैंक स्थापित करना आवश्यक है. इसका ही विचार करते हुए अचलपुर रोटरी क्लब के माध्यम से परतवाड़ा शहर में पहली ह्यूमन मिल्क बैंक शीघ्र ही शुरु की जाएगी. इस बाबत जानकारी रोटरी क्लब के अध्यक्ष मनीष खंडेलवाल ने दी.
बॉक्स
परतवाड़ा शहर के डॉ. इंद्रनील ठाकरे के बाल रुग्णालय में शीघ्र ही ह्मूमन मिल्क बैंक स्थापित की जाएगी. इसके लिए रोटरी क्लब के सभी पदाधिकारी प्रयासरत हैं. यह सुविधा उपलब्ध करवाने से माता के दूध से वंचित रहने वाले शिशुओं को मदद मिलने वाली है.
– मनीष खंडेलवाल, अचलपुर

 

Related Articles

Back to top button