यवतमाल/दि.6 – यदि मातोश्री के दरवाजे खुलते है, तो शिवसेना में लौटेंगे. ऐसा बयान शिंदे गुट के विधायक संजय राठोड ने किया. हम आज भी शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के ही शिवसैनिक है. उद्धव ठाकरे हमारे नेता है. उनके प्रति हमेशा सम्मान रहेगा. ऐसा बयान देते हुए संजय राठोड ने दावा किया कि, संजय राउत के कारण ही यह मामला बिगडा. उन्होंने अत्यंत निचली दर्जा का भाषा का इस्तेमाल किया. जिससे विधायकों के मन में द्बेश निर्माण हुआ और इसी के कारण विधायकों ने बागी तेवर अपनाएं.
संजय राठोड सत्ता स्थापना के बाद बुधवार को अपने जनसंपर्क कार्यालय पहुंचे. यहां उनके स्वागत के लिए समर्थकों ने भारी भीड की थी. इस वक्त मीडिया से संवाद साधते हुए संजय राठोड ने शिवसैनिको से किसी भी तरह का झगडा नहीं रहने की बात कहते बताया कि, शिवसैनिकों ने हमारे खिलाफ भूमिका जाहीर की लेकिन अब गांव-गांव में जाकर शिवसैनिकों को भूमिका समझायी जाएंगी. आगे शिवसैनिकों के कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे. मेरे दफ्तर में उद्धव ठाकरे व आदित्य ठाकरे की तस्वीरे लगी है. उसे मैं कभी भी नहीं हटाउंगा, यह दावा भी संजय राठोड ने किया.
* संजय राउत के कारण हुई बगावत
महाविकास आघाडी से बडी संख्या में विधायक बाहर निकले. इसके लिए संजय राउत ही जिम्मेदार है. उद्धव ठाकरे एकनाथ शिंदे से चर्चा के लिए तैयार थे. आदित्य ठाकरे इसी के लिए सुरत जाने वाले थे. लेकिन राउत ने यह चर्चा खराब की. ऐसा खुलासा भी संजय राठोड ने किया. यवतमाल में बोलते हुए उन्होंने सत्तांतरण के पहले के घटनाक्रम पर भी प्रकाश डाला. एकनाथ शिंदे के सुरज जाने के बाद गुलाबराव पाटील, दादा भुसे व मैंने स्वयं उद्धव ठाकरे से भेंट कर शिंदे को वापिस बुलाने का नियोजन किया था. उसके लिए उद्धव ठाकरे तैयार भी हुए थे. लेकिन संजय राउत ने सबकूछ बिघाडकर रख दिया. ऐसा भी संजय राठोड ने कहा.