अमरावतीमहाराष्ट्र

मविआ का निर्णय अमरावती शिवसेना उबाठा को मान्य

वरिष्ठो द्वारा दिए गए उम्मीदवार की जीत के लिए एकजुटता से करेंगे काम

* शिवसेना के जिला पदाधिकारियों की बैठक में निर्णय
* 23 को नेमाणी इन में भव्य कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन
अमरावती/दि.21– अमरावती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में अब तक महाविकास आघाडी की तरफ से किसी की उम्मीदवारी घोषित नहीं हुई है. कांग्रेस अमरावती सीट पर दावा कर रही है. लेकिन यह संसदीय क्षेत्र शिवसेना का गढ रहा है. नवनीत राणा को पछाडने के लिए शिवसेना उबाठा उम्मीदवार ही पूरी ताकत लगा सकता है. अमरावती शिवसेना की इस ताकत को दिखाने के लिए शनिवार 23 मार्च को नेमाणी इन में कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया है. शिवसेना के प्रत्येक कार्यकर्ताओं को काम में जुट जाने का आवाहन शिवसेना उबाठा की बैठक में उपस्थित वरिष्ठ पदाधिकारियों ने कार्यकर्ताओं से किया.

आगामी लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमि पर शिवसेना उबाठा गट के कोअर समिति की बैठक पूर्व सांसद अनंतराव गुढे की प्रमुख उपस्थिती में न्यू आझाद गणेश मंडल के प्रांगण में बुधवार की शाम संपन्न हुई. इस बैठक में शिवसेना उबाठा के संभावित उम्मीदवार दिनेश बूब सहित शिवसेना जिला संपर्क प्रमुख सुधीर सूर्यवंशी, जिला प्रमुख सुनील खराटे, श्याम देशमुख, महिला आघाडी की नेता प्रीती बंड, महानगर प्रमुख पराग गुडधे, बालासाहब भागवत, युवा सेना के शहराध्यक्ष राहुल माटोडे, प्रवीण हरमकर, प्रशांत वानखडे, मनोज कडू, पंजाबराव तायवाडे, वसंत गौरखेडे, नितिन हटवार, प्रतिभा बोपशेट्टी, आसावरी देशमुख, अर्चना भोयर, दीक्षित महाराज, राजू राठोड, शैलेश मालवीय, अनिल तायडे, कैलाश ठाकुर, प्रकाश मंजलवार आदि उपस्थित थे.

इस अवसर पर शिवसेना जिला प्रमुख सुनील खराटे ने कहा कि, अमरावती लोकसभा सीट पर अब तक मविआ की तरफ से किसी की उम्मीदवारी घोषित नहीं हुई है. महाविकास आघाडी की तरफ से कांग्रेस को उम्मीदवारी मांगने का अधिकार है. वही अधिकारी शिवसेना उबाठा को भी है. राणा दम्पति को टक्कर देने का साहस शिवसेना के दिनेश बूब में है. उन्हें अब तक न्याय नहीं मिला है. उन्हें शिवसेना की उम्मीदवारी देकर न्याय देने की मांग जिले के सभी शिवसैनिको की है. अपने पार्टी प्रमुख का अपमान करनेवाले लोगो को पराजित करने की ताकत दिनेश बूब में ही है. इसके लिए सभी शिवसैनिको को एकजुटता से काम करने का आवाहन सुनील खराटे ने इस अवसर पर किया. जिला प्रमुख श्याम देशमुख ने भी कहा कि, अमरावती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र शिवसेना के पास ही था. इस कारण इस चुनाव में भी यह निर्वाचन क्षेत्र शिवसेना को मिलना चाहिए, ऐसी मांग हमने वरिष्ठो के पास की है. कल यदि शिवसेना को उम्मीदवारी मिली तो प्रत्येक को पूरी मेहनत के साथ काम करने का आवाहन उन्होंने किया.

दिनेश बूब ने कहा कि, जिस शिवसैनिको के भरोसे पर कभी अमरावती जिला शिवसेना का गढ था. वह शिवसैनिक आज भी अमरावती जिले में है. उन्हीं के दम पर इस संसदीय क्षेत्र में हमे लडना है. शिवसेना के अच्छे कामो की बदौलत किसी के खिलाफ कोई अपशब्द बोलने की हमे आवश्यकता नहीं है. पार्टी प्रमुख के पास जब चर्चा की गई तब अमरावती यह शिवसेना की ही सीट है, उसे न छोडने का शब्द उद्धव ठाकरे ने दिया है. यह सीट शिवसेना को मिली तो पूरी ताकत के साथ चुनाव लडने का आवाहन दिनेश बूब ने किया. जिला संपर्क प्रमुख सुधीर सूर्यवंशी ने कहा कि, जिन्हें काफी कुछ दिया ऐसे लोगो ने पार्टी से गद्दारी की. लेकिन सच्चा शिवसैनिक आज भी उद्धव ठाकरे के साथ कायम है. मविआ जो उम्मीदवार देगी उसे निर्वाचित करने का संकल्प हमें करना है. हनुमानजी के नाम से राजनीति करनेवालो को कर्नाटक में हनुमानजी ने गदा मारकर पछाड दिया है. यहां भी ऐसा ही होनेवाला है. उद्धव ठाकरे का अपमान करनेवालों का बदला यहां के शिवसैनिक लेगे, ऐसा सूर्यवंशी ने कहा. अमरावती की सीट शिवसेना को ही मिलनी चाहिए और मशाल चिन्ह पर चुनाव लडा जाना चाहिए, ऐसा प्रस्ताव यहां पारित किए जाने की जानकारी सुधीर सूर्यवंशी ने इस अवसर पर दी.

* अमरावती की सीट शिवसेना के लिए प्रतिष्ठा की – गुढे
पूर्व सांसद अनंतराव गुढे ने कहा कि, दो दिन पूर्व मुंबई में वें बैठक के लिए गए थे. उसके बाद यह बैठक लेना तय हुआ. अमरावती की सीट यह शिवसेना के लिए प्रतिष्ठा की सीट है. किसी भी परिस्थिति में अमरावती की सीट न छोडने के संकेत मुंबई में वरिष्ठ नेताओं के साथ हुई बैठक में मिले है. इस कारण महागठबंधन की सूची घोषित होने के बाद अमरावती संसदीय क्षेत्र शिवसेना को ही छुटनेवाला है. इसकी पूर्व तैयारी के रुप में 23 मार्च को नेमाणी इन में शिवसेना का कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया गया है. दिनेश बूब जैसे कट्टर शिवसैनिक हमारे पास है. वर्तमान की सांसद महोदया पर विश्वास न रखे. उनका जाति वैधता प्रमाणपत्र रद्द होनेवाला है. भाजाप भी उन्हें पार्टी में लेने अब तक तैयार नहीं है. यह अस्तित्व की लडाई है. इस कारण 23 मार्च को आयोजित सम्मेलन को पूरी शक्ति के साथ एकजुट होकर सफल कर दिखाना है. पश्चात 24 मार्च को दिनेश बूब की उम्मीदवारी घोषित होनी चाहिए, ऐसा आवाहन अनंतराव गुढे ने किया.

* 1996 का दौर फिर आएगा
शिवसेना उबाठा की महिला नेता प्रीती बंड ने कहा कि, वर्ष 1996 में जिले में सांसद के साथ अनेक विधायक थे. वह दौर अमरावती में फिर आएगा. शिवसेना उबाठा के कट्टर शिवसैनिक दिनेश बूब को ही लोकसभा की उम्मीदवारी निश्चित रुप से मिलेगी. जो लोग पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे बाबत असभ्य भाषा का उल्लेख करते है, उन्हें इस चुनाव में उनकी जगह दिखाने का समय आ गया है. इस चुनाव में शिवसेना उबाठा द्वारा दिनेश बूब को ही उम्मीदवारी मिलने पर अमरावती से उन्हें निर्वाचित करने के लिए सभी को एकजुटता के साथ प्रयास करना होगा, ऐसा भी प्रीती बंड ने कहा.

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