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‘आए नवराते माता के… मैं पूजूं हर बार नवराते…’

अंबा और एकवीरा देवी संस्थान में विधिपूर्वक घटस्थापना

* भाविकों में अपार उत्साह
* तडके पांच बजे से लगी कतारें
* पीली साडियों और परिधान में आयी नारी शक्ति
अमरावती/दि. 3 – विदर्भ की कुलदैवत अंबा और एकवीरा देवी संस्थान में वर्ष का सबसे बडा नवरात्रि पर्व माता रानी के गगनभेदी जयकारे और उतने ही शास्त्रोक्त मंत्रोच्चार सहित पूजन के साथ प्रारंभ हुआ. भक्तों का उत्साह देखते बना जो पौ फटने से पहले ही कतारबद्ध होकर अंबा और एकवीरा के दर्शन के आकांक्षी रहे. दोनों ही संस्थानों में घटस्थापना की गई. उसका पूजन पुरोहितों ने मंत्रोच्चार सहित विधिपूर्वक करवाया. अंबादेवी संस्थान में सचिव रवींद्र कर्वे और दीपक श्रीमाली ने धर्मपत्नी से संग घटस्थापना एवं ध्वजा पूजन किया. वहीं एकवीरा देवी संस्थान में चंद्रशेखर कुलकर्णी-स्वाति कुलकर्णी ने पूजन किया. घटस्थापना के साथ उत्सव मूर्ति की आरती, आराधना की गई. इस समय सभी ट्रस्टी उपस्थित थे.
* अंबादेवी संस्थान में घटस्थापना
अंबादेवी में मुख्य गर्भगृह में प्रात:काल 5 बजे पुरोहितों ने मंत्रोच्चार प्रारंभ कर दिया था. अंबा रुक्मिणी अमरावती वासिनिम्… और आदिशक्ति महामाएं श्रीपीठे सुरपूजिते… के संग रवींद्र कर्वे और श्रीमती शुभांगी कर्वे ने घटस्थापना पूजन किया. इस समय संस्थान की अध्यक्षा विद्या देशपांडे, उपाध्यक्ष डॉ. आनंद पलसोदकर, सचिव एड. दीपक श्रीमाली, कोषाध्यक्ष मीना पाठक, ट्रस्टी अशोक खंडेलवाल, सुरेंद्र बुरंगे, एड. राजेंद्र पांडे, विलास मराठे सहित अनेक मान्यवर उपस्थित थे. ढोल-मंजीरे और झांझ बजाकर आरती की गई. भाविकों का उत्साह और श्रद्धा का बडा जोर रहा. नवरात्रि का पहला दिन होने से श्रद्धालु उमड पडे थे.
* नारी शक्ति पहुंची पीले परिधान में
महिला वर्ग ने पिछले कुछ वर्षों के ट्रेंड के अनुसार आज प्रथम दिवस पर पीले वस्त्र परिधान किए. कल हरा रंग नवरात्रि का रहने की चर्चा भी उनमें सुनाई पडी. अनेक महिलाएं माता रानी की गोद भरने (ओटी भरने) की कतार में भी लगी थी. अंबादेवी परिसर की फूल और पूजा सामग्री की सभी दुकानें बडे सबेरे शुरु हो गई थी. पुलिस ने भी अपना बंदोबस्त का दायित्व स्वीकार कर लिया था. भाविकों को दर्शन के लिए बडा अच्छा प्रबंध दोनों ही संस्थान में किया गया है. आसपास उपवास के व्यंजनों के स्टॉल्स सबेरे से सेवा देना शुरु हो गए थे.
* एकवीरा में कुलकर्णी दंपति ने की स्थापना
एकवीरा देवी संस्थान में सबेरे 7 बजे चंद्रशेखर कुलकर्णी और स्वाति कुलकर्णी पुरोहितों के मंत्रोच्चार के बीच घटस्थापना पूजन किया. पं. व्यंकटेश पाठक, पं. नरहरी पुराणिक, पं. श्रीहरी पांडे, पं. श्रीपाद जोशी और अन्य पुरोहित दुर्गा सप्तशति सहित पाठ व अर्चना करवाई. उसी प्रकार चांदी का प्रभावल का भी पूजन किया गया.
* 35 किलो का रजत प्रभावलय अर्पण
बडी देवी कहलाती एकवीरा माता के गर्भगृह में 35 किलो चांदी का विशेष रुप से तैयार प्रभावलय आज प्रात: नवरात्रि की प्रथम तिथी को बडे उत्साह एवं आस्थापूर्वक अर्पित किया गया. इस समय संस्थान के अध्यक्ष डॉ. अनिल खरैया, शैलेश वानखडे, गोडबोले, दीपक सब्जीवाले, अविनाशभाई श्रॉफ और प्रबंधक शरद अग्रवाल तथा मान्यवर उपस्थित थे. एकवीरा देवी का जयकारा उपस्थित हजारों भक्तों ने उल्लास से लगाया. उसी प्रकार इन क्षणों को कैमरे में लेने का भी भाविकों ने प्रयास किया. उन्हें मोबाइल से फोटो खींचने की मनाही की गई थी.
* हजारों के लिए प्रसाद की व्यवस्था
एकवीरा देवी संस्थान में पासधारक भाविकों के लिए निशुल्क भोजन प्रसादी का प्रबंध अन्नक्षेत्र में रहने की जानकारी संस्थान पदाधिकारियों ने दी. उन्होंने बताया कि, एक दिन के प्रसादी का कोई भक्त चाहे तो यजमान भी बन सकता है. आज पहले दिन सैकडों लोगों ने प्रसादी ग्रहण की.
* सुंदर दर्शन व्यवस्था, बांस के कठडे
अंबा और एकवीरा देवी संस्थान में रोज हजारों भाविक उमड रहे हैं. इसलिए सुव्यवस्थित दर्शन व्यवस्था के लिए बांस के कठडे बनाकर महिला और पुरुषों की अलग-अलग व्यवस्था व कतारे की गई है. महिलाओं में ओटी भरने वाली मातृशक्ति के लिए अलग से विशेष व्यवस्था रखी गई है. जिसमें सभी को सुविधा का ध्यान रखा गया है. अभिषेक और शाश्वत पूजा की पावती के लिए काउंटर सजे हैं. पास-पडोस के नगरों-शहरों के अलावा देशभर में पहले अंबा माता के भक्त उमडे हैं.

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