भाई-बहन का रिश्ता विश्वास के बंधन पर ऐसा ही चलता रहे
सामूहिक रक्षाबंधन में भावविभोर हुई महिलाएं
* हजारों महिलाओं ने नीलेश विश्वकर्मा की कलाई पर बांधी राखी
चांदूर रेल्वे/दि.22-बहन-भाई के स्नेहपूर्ण पवित्र रिश्ते का त्यौहार रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर 19 अगस्त को शाम 5 बजे स्थानीय संताबाई यादव मंगल कार्यालय में डॉ. नीलेश विश्वकर्मा मित्र परिवार की ओर से भव्य रक्षाबंधन कार्यक्रम रखा गया. इस समारोह में तहसील समेत शहर की हजारों महिलाओं ने अपने भाई नीलेश विश्वकर्मा की कलाई पर राखी बांध कर आशीर्वाद प्रदान किया. यहां उपस्थित बहनों ने मंच से कहा कि, हम यहां पर डॉ.नीलेश विश्वकर्मा के प्यार और स्नेह को देख उपस्थित हुए. हमें ना साड़ी चाहिए और ना ही कोई उपहार चाहिए. केवल आप हमारे साथ रहो. हमारा भाई बहन का रिश्ता सदियों तक ऐसा ही विश्वास के बंधन पर चलता रहे. ऐसा कहते हुए भावविभोर हुई महिलाएं अपने आंसू रोक नहीं पाई. उन्होंने अपने भाई नीलेश विश्वकर्मा की कलाई पर रक्षासूत्र बांधा. जयहिंद क्रिडा मंडल व वंचित बहुजन आघाडी का सामूहिक रक्षाबंधन अविस्मरणीय व यादगार रहा.
महिलाओं ने आगे कहा कि, बहनों के लिए जलकिल्लत दौरान पानी के टैंकर,बारिश में छत टपकते समय ताडपत्री, कोरोना काल में भोजन व्यवस्था ऐसी विविध समस्याओं के समय भाई का फर्ज निभानेवाले भाई को हम राखी के साथ आशीर्वाद प्रदान करने यहां उपस्थित है. इस अवसर पर मंच पर प्रियंका विश्वकर्मा, वनमाला केणे, पंकज वानखडे, उषा मेश्राम, भावना भोयर, रसिका वानखडे, बबीता सोनोने, विभा वानखडे, बेबी लंगडे, रोशन जालान, प्रदीप चौधरी, सुधाकर वानखडे, रविंद्र मेंढे, संतोष कडू, प्रशात म्हसके, श्रीकांत भोयर, भावना भोयर,राजीव चौधरी, राजिक शेख,पप्पू शेख,तेज तलवारे,साजिद सैय्यद,चेतन भुत, सचिव इमले,जया गारोडे, ज्योत्सना मेहरकर, मनीषा गोखे, सिद्धार्थ भोजने, व अन्य मान्यवर उपस्थित थे. नीलेश विश्वकर्मा ने उपहार देकर बहनों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की.
बहनों की रक्षा और हरसंभव मदद करना भाई का फर्ज
बहनों की रक्षा और हरसंभव मदद करना भाई का फर्ज है. मैं कोई एहसान नहीं कर रहा हूँ. बहनों के विश्वास पर खरा उतरने के लिए यह एक छोटा सा प्रयास है. सभी बहनों की जिम्मेदारी लेते हुए अधिक क्षमता के साथ काम करने का प्रयास करूंगा. मुझे सगी बहन नहीं पर आप सभी के प्यार ने मुझे इस बात की कमी मेहसूस नहीं होने दी. इसलिए यह छोटासा उपहार देकर आपका आशीर्वाद और स्नेह पाना चाहता हूं. भाई-बहन का यह पवित्र रिश्ता ऐसा ही बना रहें, यहीं प्रार्थना भगवान से इस शुभ अवसर पर करता हूँ.
– डॉ.नीलेश विश्वकर्मा