ताबदलों के लिए दिव्यांग व मस्तिष्कग्रस्त हुए ‘गुरुजी’ की मेडिकल बोर्ड करेगा वैद्यकीय जांच
प्रहार शिक्षक संगठना की शिकायत पर सीईओ की मेडिकल बोर्ड को सूचना
* 378 शिक्षकों की होगी जांच, मची खलबली
अमरावती/दि.1– तबादला प्रक्रिया में सुविधा स्थल पर स्थानांतरण व पदस्थापना देने के लिए शिक्षकों ने दिव्यांग और गंभीर बीमारी के फर्जी प्रमाणपत्र का आधार लिया रहने का गंभीर मामला प्रहार शिक्षक संगठना के राज्याध्यक्ष महेश ठाकरे ने विभागीय आयुक्त के समाने उपस्थित किया. ऐसे शिक्षकों के दस्तावेज जांच व वैद्यकीय जांच करने की मांग विभागीय आयुक्त डॉ. निधि पांडेय से की थी. विभागीय आयुक्त ने ऐसे शिक्षकों की तत्काल विशेष समिति व्दार जांच कर रिपोर्ट 15 दिन में प्रस्तुत करने के निर्देश जीप सीईओ को दिए थे. इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सीईओ अविश्यांत पंडा ने वैद्यकीय प्रमाणपत्र के आधार पर शासन की तबादला प्रक्रिया का लाभ लिए शिक्षकों की शासकीय मेडिकल बोर्ड की तरफ से वैद्यकीय जांच करने के निर्देश दिए है.
जिला परिषद के जिला अतंर्गत तबादला प्रक्रिया का लाभ लेनेवाले 149 और तबादले का लाभ न लेते हुए उसी शाला पर रहने के इच्छूक 218 शिक्षक और आंतर जिला तबादल प्रक्रिया में जिले में आए 11 ऐसे 378 शिक्षकों की वैद्यकीय जांच करने के आदेश सीईओ अविश्यांत पंडा ने वसंतराव नाईक वैद्यकीय महामंडल यवतमाल को दिए हैं. इन शिक्षकों की प्रत्यक्ष वैद्यकीय जांच तथा उन्होंने तबादले के लिए प्रस्तुत किए बीमारी व दिव्यांगता के प्रमाणपत्र उचित है, अथवा अनुचित की जांच पर विस्तृत रिपोर्ट 15 मई तक प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है. इसमें जो शिक्षक दोषी पाए जाएंगे उनका तबादला रद्द कर उन पर कानूनी कार्रवाई भी की जाने वाली है. इस कारण तबादले का लाभ लेने के लिए फर्जी वैद्यकीय प्रमाणपत्र दाखिल करने वाले शिक्षकों में खलबली मच गई है. शासन के निर्णय में संवर्ग 1 के गंभीर बीमारी से ग्रस्त व दिव्यांग रहे शिक्षकों को स्थानांतरण में छूट अथवा पसंदीदा स्थल पर तबादला किया जाता है. उन्हें चाहिए वहां तबादले की सुविधा है. लेकिन इस अवसर का लाभ लेते हुए खुद शिक्षक तबालों से छूट मिलने के लिए फर्जी वैद्यकीय प्रमाणपत्र दिए जा रहे है. हाल ही में हुई तबादला प्रक्रिया में ऐसे मामले होने की शिकायत प्रहार शिक्षक संगठना के राज्याध्यक्ष महेश ठाकरे ने विभागीय आयुक्त के पास की थी. इसी शिकायत के आधार पर तबादलों का लाभ लेने वाले शिक्षकों की जांच के आदेश विभागीय आयुक्त डॉ. निधि पांडेय ने सीईओ को दिए. इसी आदेश पर अमल करते हुए जिला परिषद सीईओ ने जिले के 378 शिक्षकों की जांच शुरु करवाई है.
* इन शिक्षकोें की होगी जांच
– पैरालिसस वाले शिक्षक- 13
– शिक्षक अथवा पाल्य दिव्यांग व शिक्षक दंपति – 185
– हृदय शस्त्रक्रिया हुुए शिक्षक – 86
– जन्म से एक मुत्रपिंड रहे अथवा मुत्रपिंड रोपण किए शिक्षक – 8
– कैंसरग्रस्त शिक्षक – 23
– मस्तिष्कग्रस्त शिक्षक – 36
* जांच से प्रामाणिक शिक्षकों को मिलेगा न्याय
गंभीर बीमारी के प्रामणपत्र दिखाकर अनेक शिक्षकों ने तबादलों का लाभ लिया है. ऐसे शिक्षकों की वैद्यकीय जांच कर दोषियों पर कार्रवाई हुई तो सही मायने में दिव्यांग और प्रामाणिक शिक्षकों को न्याय मिलेगा. जिला परिषद प्रशासन की तरफ से संगठना की शिकायत को गंभीरता से लिया गया है. इस कारण प्रामाणिक शिक्षकों को न्याय मिलेगा और फर्जी मामलों पर रोक लगेगी.
– महेश ठाकरे,
राज्याध्यक्ष, प्रहार शिक्षक संगठना