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430 करोड का मेडिकल कॉलेज!

डफरीन से 7 वर्षों हेतु अनुबंध

* यह है इलेक्शन की भागादौडी!
* हिवताप की इमारत में शुरु हो रहा जीएमसी
अमरावती/दि. 1 – शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के लिए एनएमसी द्वारा सौ सीटों की मान्यता और इसी शिक्षा सत्र से प्रवेश प्रारंभ करने की अनुमति मिलने के बाद अमरावती में स्वाभाविक रुप से राजनेताओं ने श्रेय की होड कर रखी है. एक जनप्रतिनिधि ने 430 करोड का मेडिकल कॉलेज मंजूर करवाने का दावा किया है. जबकि दूसरे लीडरान इसे इलेक्शन की भागादौडी बता रहे हैं. उनका कहना है कि, जीएमसी डफरीन परिसर में किराए की जगह पर विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर आननफानन में शुरु किया जा रहा है. इसका भी हश्र बेलोरा विमानतल समान होने का आरोप किया जा रहा है. 20 वर्षों से बेलोरा विमानतल बस तैयार, बस तैयार है, ऐसा सुनने में आ रहा है.
* सात वर्ष का अनुबंध
एनएमसी ने अमरावती जीएमसी के लिए 100 सीटें की मान्यता दी है. इस बारे में अमरावती मंडल ने प्रत्यक्ष जाकर देखा तो जिला स्त्री अस्पताल परिसर की मलेरिया विभाग की इमारत में मेडिकल कॉलेज शुरु करने की कवायद शुरु है. वहां ढेर सारे श्रमिक निर्माण कार्य में जुटे हैं. इस बारे में पूछने पर जीएमसी के अधिकारियों ने बताया कि, एनएमसी की मान्यता के लिए आवश्यक भवन और सुविधाएं एवं व्यवस्थाएं की जा रही है. जिला स्त्री अस्पताल परिसर के भवन और अन्य इमारतों को स्वास्थ विभाग से वैद्यकीय शिक्षा विभाग ने अनुबंध पर लिया है.
* 2031 तक अनुबंध
अधिकारियों ने अमरावती मंडल को बताया कि, चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जीएमसी के लिए जिला स्त्री अस्पताल के मलेरिया भवन सहित अन्य इमारतों को विशेष अनुबंध के तहत अधिग्रहीत किया है. प्रक्रिया पूर्ण करने पश्चात सात वर्षों का अर्थात 2031 तक अनुबंध होने की जानकारी अधिकारियों ने दी और बताया कि, जीएमसी के लिए आवश्यक भवन और सुविधाएं तैयार की जा रही है. लायब्ररी तैयार है. टीचिंग क्लासेस तैयार हो रही है.
* 430 करोड की मंजूरी का दावा
अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि, 430 करोड की इमारत और अन्य सुविधाओं की मंजूरी अवश्य हुई है. कोंडेश्वर रोड की अलियाबाद की 27 एकड जमीन भी राजस्व विभाग से वैद्यकीय शिक्षा विभाग को हस्तांतरित हो गई है. भवन और सुविधाओं के निर्माण का ठेका निजी कंपनी को सौंपा गया है. अधिकारियों ने बताया कि, प्रत्यक्ष कार्य आरंभ होने पश्चात 5 से 6 वर्ष लग सकते हैं. यह भी पता चला है कि, प्राइवेट कंसलटंसी ने निर्माणकार्य स्थानीय सबठेकेदार को सौंप दिया है.
* अभी क्या-क्या रेडी
डफरीन अस्पताल परिसर के दूसरे गेट के बाएं हाथ पर मुडते ही निर्माण कार्य शुरु है. वहीं जीएमसी अर्थात शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय रहनेवाली है. वहां कक्षाएं तैयार हो रही है. लायब्ररी उससे दूर बनाई गई है. जबकि छात्राओं का छात्रावास इसी परिसर में तैयार है. छात्रों की होस्टल सुविधा कॉलेज से दूर गाडगेबाबा समाधि मंदिर के पास गली में किराए की इमारत में दी जा रही है, यह जानकारी अधिकृत सूत्रों ने दी. जिससे विपक्ष के लोग आरोप लगा रहे हैं कि, विधानसभा चुनाव को सामने देखते हुए ही हडबडी में जीएमसी शुरु की जा रही है.

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