अमरावती

शहानूर नदी में फेंका गया मेडिकल वेस्ट

किसी डॉक्टर की करतूत, पालिका करेगी कार्रवाई

अंजनगांव सुर्जी/दि.4– अंजनगांव सुर्जी में शहानूर नदी में मेडिकल वेस्ट (घनकचरा) फेंके जाने का मामला सामने आया है. जिससे फिर एक बार शहानूर नदी को मृतप्राय: करने का प्रयास किये जाने से अंजनगांव सुर्जी तहसील में जबर्दस्त आक्रोश देखा जा रहा है. अब अंजनगांव सुर्जी नगर परिषद इस गंभीर मामले में दोषी डॉक्टर का पता लगाकर क्या कार्रवाई करती है, इस ओर सभी की नजरें लगी है.
अंजनगांव सुर्जी शहर में वैद्यकीय जैविक घनकचरा बार-बार शहानूर नदी में फेंके जाने की घटनाओं की लगातार पुनरावृत्ति हो रही है. जो डॉक्टरी पेशे के लिए कालिख पोतने वाला कृत्य है. इससे पहले भी नदी में मेडिकल जैविक कचरा पाया गया था. उस समय तहसील वैद्यकीय अधिकारी और ग्रामीण अस्पताल के वैद्यकीय अधिकारी ने निरीक्षण किया था.

इसकी सूचना मुख्याधिकारी को दी थी. उसके बाद मुख्याधिकारी ने ग्लोबल इको सेव सिस्टम बायो मेडिकल कंपनी को कार्रवाई का पत्र दिया था, लेकिन इस तरह कागजी कार्रवाई दिखाकर अधिकारी अपनी जिम्मेदारी झटक रहे है और दोषी डॉक्टर खुले आम मेडिकल वेस्ट नदी में फेंककर नदी को दूषित करने की करतूत अंजाम दे रहे है. यदि इसके पहले ही दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती, तो इसकी पुनरावृत्ति नहीं होती. इसे प्रशासकीय व्यवस्था जिम्मेदार है क्या, ऐसा प्रश्न नागरिकों द्बारा किया जा रहा है. जब नदी को इस तरह बार-बार दूषित किया जा रहा है, तो आमजनों को नगर परिषद प्रशासन क्या न्याय देता होगा, यह सवाल भी अब उठने लगे हैं.
बायो मेडिकल वेस्ट नियमों के अनुसार इस जैविक कचरे को खुले में फेंकने वाले अस्पतालों पर जुर्माना और सजा का प्रावधान है. अगर कचरे के निपटान के लिए कोई उपाय नहीं किया जाता है, तो पांच वर्ष कारावास और 1 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है. इसके बाद भी उपाय योजना नहीं की, तो प्रतिदिन 5 हजार रुपए के दंड का प्रावधान है.

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