अमरावती

जलजीवन मिशन को लेकर तपी जिप स्थायी समिती की बैठक

अध्यक्ष बबलू देशमुख ने संबंधितों को लगायी कडी फटकार

  • सदस्यों ने भी प्रशासन को लिया जमकर आडे हाथ

अमरावती/दि.8 – गत रोज जिला परिषद के डॉ. पंजाबराव देशमुख सभागृह में जिप स्थायी समिती की बैठक बुलाई गई. समिती के पदसिध्द सभापति व जिप अध्यक्ष बबलू देशमुख की अध्यक्षता में आयोजीत इस बैठक में जलजीवन मिशन को लेकर समिती सदस्यों ने जिप प्रशासन को जमकर आडे हाथ लिया तथा प्रशासन द्वारा समाधानकारक जवाब नहीं देने से संतप्त होकर अध्यक्ष बबलू देशमुख ने संबंधित अधिकारियों को कडी फटकार भी लगायी.
जिप स्थायी समिती सदस्यों का कहना रहा कि, सरकार के नियमानुसार विकास कार्यों के कुल नियोजन में खुले संवर्ग को 50 फीसद काम बांटने के बाद शेष 50 फीसद विकास कार्य सुशिक्षित बेरोजगार संस्था व मजदूर सहकारी संस्था के लिए आरक्षित रखना अनिवार्य है, लेकिन इन दोनोें संस्थाओं के लिए आरक्षित कोटे में भी खुले संवर्ग के लिए कोटा तैयार कर सिंचाई विभाग ने ठेकेदारों में कामों का विभाजन किया है तथा 33-34-33 के अनुसार विकास कामों की निविदा जारी किये जाने के चलते जिला परिषद के सिंचाई विभाग में घोटाला हुआ है. ऐसे में सुशिक्षित बेरोजगार संस्था व मजदूर सहकारी संस्था की अनदेखी कर खुले संवर्ग में शामिल संस्थाओं पर जलसंपदा विभाग द्वारा की जा रही अतिरिक्त मेहरबानी को लेकर जिप अध्यक्ष बबलू देशमुख ने संबंधित अधिकारी को जमकर फटकार लगायी. साथ ही इस मामले में जिप प्रशासन से पूरी तरह पारदर्शक व विस्तृत जानकारी देने के लिए भी कहा.
इसके अलावा विचरोली गांव में जलापूर्ति हेतु डाली गई पाईपलाईन व कनेक्शन हेतु पूरे गांव में एक वर्ष पूर्व खुदाई की गई थी और विगत एक वर्ष से सडकों की कोई मरम्मत भी नहीं की गई है. इस विषय के चर्चा हेतु आने पर जिप अध्यक्ष बबलु देशमुख ने आगामी आठ दिनोें के भीतर विचरोली गांव की सडकोें को दुरूस्त करने के निर्देश दिये.
जिप स्थायी समिती सदस्य सुहासिनी ढेपे ने इस बैठक में आरोप लगाया कि, नांदगांव खंडेश्वर पंचायत समिती अंतर्गत अडगांव ग्राम पंचायत में कार्यरत ग्राम सेविका ज्योत्सना ईसल द्वारा हाजरी रजिस्टर में छेडछाड करने की बात उजागर हो चुकी है. किंतु प्रशासकीय अधिकारी द्वारा इस ग्रामसेविका को बचाने का प्रयास किया जा रहा है. इस मामले में पंस के आदेश से थाने में शिकायत दर्ज करायी गई है. जिसमें अज्ञात व्यक्ति को आरोपी दर्शाया गया है. जबकि आरोपी कौन है, यह सभी को पता है. इसी तरह इस ग्रामसेविका पर कार्रवाई करने का अधिकार खुद ग्रापं के पास रहने के बावजूद पंस प्रशासन द्वारा इस मामले में हस्तक्षेप क्यों किया जा रहा है, यह भी समझ से परे है. इस विषय को लेकर भी जिप की स्थायी समिती की बैठक में अच्छा-खासा हंगामा हुआ.
इसके साथ ही सदस्य नितीन गोंडाणे, महेेंद्रसिंह गहरवाल, सुहासिनी ढेपे व जयवंत देशमुख ने पीएम आवास योजना में चल रही गडबडियों का मसला उठाते हुए कहा कि, पीएम आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत निहाय सर्वेक्षण कर लाभार्थियों की सूची तैयार की जा रही है. किंतु ग्रामसभा में पारित प्रस्ताव में कई प्रकार की खामियां रहने के चलते जिले में अब तक करीब 40 हजार लाभार्थी आवास योजना का लाभ पाने से वंचित है. क्योंकि जिप द्वारा मुंबई व दिल्ली भेजी गई सूची की पडताल करने के बाद संबंधित विभागों ने इन लाभार्थियों को योजना हेतु पात्र मानने से इन्कार कर दिया. इसके अलावा ड-वर्ग सूची में कई लाभार्थियों का ऑनलाईन आवेदन दाखिल नहीं हो पाया है. इसके चलते उन्हें भी आवास योजना से वंचित रहना पड रहा है. अत: सरकार एवं प्रशासन द्वारा इस विषय को लेकर ठोस व कारगर तरीके से काम किया जाना चाहिए. इस मसले को लेकर भी जिप अध्यक्ष बबलू देशमुख ने संबंधितों को आवश्यक दिशानिर्देश जारी किये.
इसके अलावा स्थायी समिति सदस्य जयंत देशमुख ने ग्राम पंचायतों का मुनाफा गायब हो जाने का मसला उठाते हुए कहा कि, ग्राम पंचायत को 15 लाख रूपये तक के निर्माण कार्य की निविदा निकालकर सरकारी निधी खर्च करने का अधिकार है. जिस पर पंचायत समिती तथा जिला परिषद के निर्माण विभाग को ध्यान देना अपेक्षित है. किंतु इन दोनों विभागों की लापरवाही के चलते ग्रापं द्वारा दी जा रही निविदाओं में स्थानीय प्रशासन को कोई मुनाफा नहीं हो रहा. ऐसे में सबसे बडा सवाल यह है कि, आखिर सुरक्षा के तौर पर ग्रापं में जमा होनेवाली डिपॉझिट राशि कहां जा रही है. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जिप अध्यक्ष बबलू देशमुख ने संबंधित अधिकारियों को विस्तृत जानकारी देने के निर्देश दिये. इसके साथ ही इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग के 3 करोड रूपये की अखर्चित निधी का मामला भी जमकर गूंजा. जिसे लेकर समिती सदस्यों का कहना रहा कि, मेलघाट में स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास हेतु जिला परिषद को 3 करोड 8 लाख रूपये प्राप्त हुए थे. किंतु यह निधी अखर्चित रह जाने के चलते वापिस लौट गई है. जिस पर प्रशासन की ओर से बताया गया कि, संबंधित निधि का नियोजन पूरा किया जा चुका है और 979 काम मंजूर करते हुए 190 कामों की निविदा भी पूर्ण की जा रही है तथा इसी वर्ष यह निधी खर्च की जायेगी. इस विषय को लेकर जिप अध्यक्ष बबलू देशमुख ने कहा कि, स्वास्थ्य विभाग के पास 3 करोड रूपये की निधी को खर्च करने के लिए बेहद कम समय बचा हुआ है. अत: आगामी दो से तीन माह के भीतर आवश्यक नियोजन कर इस निधी को खर्च किया जाये.

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