अमरावतीमहाराष्ट्र

जिलाधिकारी कार्यालय में औद्योगिक विकास पर बैठक

सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने की अध्यक्षता

* विविध मुद्दों पर की गई चर्चा
अमरावती/ दि. 5-जिलाधिकारी कार्यालय में मंगलवार 4 मार्च को औद्योगिक विकास पर बैठक का आयोजन किया गया था. बैठक में औद्योगिक विकास में क्या नया किया जा सकता है और क्या परेशानी आ रही है आदि विविध मुद्दों पर चर्चा की गई. जिलाधिकारी कार्यालय में आयोजित बैठक की अध्यक्षता राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने की. बैठक में निवासी जिलाधिकारी अनिल भटकर, निगमायुक्त सचिन कलंत्रे, जिला उद्योग केन्द्र के जनरल मैनेजर नीलेश निकम, एमएसएमई के जॉइंट डायरेक्टर विजय सिरसाट, एमआयडीसी असोसिएशन अध्यक्ष किरण पातुरकर, चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विनोद कलंत्री उपस्थित थेे.
बैठक में सर्वप्रथम सातुर्णा औद्योगिक वसाहत अध्यक्ष वीरेंद्र लढ्ढा ने मुद्दा उपस्थित करते हुए कहा कि उनकी संस्था जो कमर्शियल डेवलपमेंट कर रही है. उसमें सरकार की ओर से दिक्कते आ रही है. वीरेंद्र लढ्ढा ने कहा कि जिस तरह से नांदेड और लातूर में सहकारी औद्योगिक वसाहतों को स्थानीय स्तर पर अनुमति दी गई है. उसी तरह अमरावती में भी दी जानी चाहिए थी. इस पर सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने तुरंत मंत्रालय में फोन लगाकर संंबंधित विभाग के उच्चाधिकारी कुशवाह से बात करने के बाद वीरेंद्र लढ्ढा को रिवाइज्ड एप्लीकेशन करने को कहा. वहीं एमआयडीसी असोसिएशन अध्यक्ष किरण पातुरकर ने कुटीर उद्योगों की दिक्कतों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि शशिनगर और श्रीकांत नगर में 200 से 250 कुटीर उद्योग काम कर रहे है. उनके पास किसी तरह का इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है. इसके अलावा भी उनकी छोटी- मोटी समस्याएं है.
इस क्षेत्र को औद्योगिक क्षेत्र घोषित करने की मांग किरण पातुरकर ने की. किरण पातुरकर द्बारा दिए गये सुझाव का संज्ञान लेते हुए डॉ. अनिल बोंडे ने अधिकारियों से कहा कि वहां काम कर रहे लोगों के साथ 30 दिन के भीतर एक बैठक का आयोजन करें और उनकी समस्याएं सुने और समस्याओं को सुलझाने का प्रयास किया जाए. इसके अलावा किरण पातुरकर ने कहा कि जहां भी इंडस्ट्रीज है. उस पर संपत्ति कर इंडस्ट्री की दर से लगाया जाए. पातुरकर की इस मांग पर मनपा आयुक्त सचिन कलंत्रे ने कहा कि इस पर ध्यान दिया जायेगा. पातुरकर ने कहा कि आईटी पार्क की स्थापना के लिए 10-12 एकड जगह की जरूरत है. यदि यह मिल जाए तो आयटी पार्क की स्थापना हो सकती है.
इस मुद्दे चर्चा के बाद जुना बायपास स्थित ईंट भट्टों की जगह को ेचिन्हित किया गया. यहां कि 16 एकड जगह पर आयटी पार्क स्थापित किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि महिला उद्यमियों को कुटीर उद्योग चलाने के लिए एमआयडीसी द्बारा नांदगांव की जगह दिखाई जाती है. यह जगह काफी दूर होने के कारण महिलाएं अपना उद्योग वहां चलाने में दिक्कत महसूस करती है. इसके लिए शहर के नजदीकी अगर जगह उपलब्ध हो सके तो महिला उद्यमियों का विकास हो सकता है. इस तरह शहर में गारमेंट से जुडे उद्योग अलग- अलग जगहों पर फैले हुए है. इन्हें यदि एक जगह पर लाकर एक गारमेंट जोन बनाया जाना चाहिए. अमरावती के फलते फूलते गारमेंट व्यवसाय के लिए सरकार को प्रयास करना चाहिए.
इसके साथ ही मांग की गई कि मेगा टेक्सटाइल पार्क को इस प्रकार से कंपनियों का समर्थन नहीं मिल रहा है. जिस प्रकार से अन्य शहरों में मिल रहा है. इसका मुख्य कारण है कि मेगा टेक्सटाइल पार्क के आसपास की जमीन के दाम काफी ज्यादा है. यदि सरकार इस पर सब्सिडी दे तो कई कंपनियां यहां पर अपना उद्योग लगा सकती है. चेंबर ऑफ कॉमर्स अध्यक्ष विनोद कलंत्री ने बैठक में एमएसएमई के जॉइन डायरेक्टर विजय सिरसाट को स्मरण कराया कि द होटल प्राइम पार्क में एक बैठक के दौरान उन्होंने कहा था कि नागपुर के समान ही टैक्नॉलॉजी लैब और इन्फ्रास्ट्रक्चर का एक्सटेंशन अमरावती में किया जाना चाहिए. इस पर उन्होंने अपनी बात को स्वीकार करते हुए कहा कि टैक्नॉलॉजी लैब के लिए 10 हजार वर्गफीट का इन्फ्रास्ट्रक्चर चाहिए. इस पर मनपा आयुक्त कलंत्रे ने सुझाव दिया कि मनपा की कुछ स्कूल बंद पडी है और इन स्कूलों में यह जगह आसानी से मिल सकती है. यहां पर सुविधा केन्द्र व ट्रैक्नॉलॉजी लैब शुरू की जा सकती है. बैठक में रणजीत बंड, अफाक सुबेदार, नीलेश काकीर्डे, डॉ. मोनिका उमक, स्नेहा नंद, ए.बी. दाबेराव, अनिल माधोगढिया, दिलीप अग्रवाल, वीरेंद्र लढ्ढा, अशीष सावजी उपस्थित थे.

Back to top button