सर्वोच्च न्यायालय में अप्रेल में होगी मेगाफाइट
महाराष्ट्र की राजनिती से जुडी चार प्रमुख याचिका पर होगी सुनवाई
नई दिल्ली/दि.27- पुरे महाराष्ट्र का ध्यानाकर्ष करने वाले सर्वोच्च न्यायालय में प्रलंबित चार महत्वपूर्ण प्रकरण के लिए अप्रेल महिना बहुत ही महत्वपूर्ण ठहरने वाला है. होली की छुट्टी के बाद न्यायालय के कामकाज की 1 अप्रेल से शुरूआत हो रही है. सांसद नवनीत राणा प्रकरण सहित शिवसेना के विधायक अपात्रता प्रकरण में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर व्दारा दिए गए निर्णय को चुनौती देने वाली ठाकरे गट की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय में 5 अप्रेल को सुनवाई होनी है. मतलब की यह संभव्य तारीख में अब बदलाव होने की बात की आशंका को नकारा नहीं जा सकता.
विधायक अपात्रता (सुनिल प्रभू विरुध्द मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे) प्रकरण की सरन्यायाधीश धनंजय चंद्रचुड की अध्यक्षता में न्या.जे.बी. पारडीवाला व न्या. मनोज मिश्रा की पीठ के आगे 7 मार्च को सुनवाई होगी. इसी समय नार्वेकर के आगे प्रस्तुत किए गए मुल दस्तावेज मांगवा कर आगे की सुनवाई 8 अप्रेल को रखी गयी थी. इस प्रकरण में सुनवाई मुंबई उच्च न्यायालय में हो या सर्वोच्च न्यायालय में यह मुद्दा ओपन रखा गया है.
19 अप्रेल- शिवसेना पक्ष व चिन्ह पर सुनवाई ः चुनाव आयोग व्दारा शिवसेना का नाम व चिन्ह विषय पर दिए गए परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका पर इस पीठ के आगे 19 अप्रेल को सुनवाई होनी है.
16 अप्रेल- ओबीसी आरक्षणः राज्य के स्थानीय स्वराज्य संस्था के चुनाव में ओबीसी आरक्षण देने के प्रकरण में 16 अप्रेल को सुनवाई होगी.
1 अप्रेल के बाद – नवनीत राणा जात प्रमाण पत्र प्रकरणः सांसद नवनीत कौर राणा के जाती प्रमाण पत्र रद्द करने पर न्यायामूर्ती जे. के. माहेश्वरी व न्या. संजय करोल ने रोक रखे परिणाम को 1 अप्रेल के बाद कभी भी लगाए जाने का आशंका है.
शरद पवार गट को स्पष्टीकरण मांगने का मौका
सर्वोच्च न्यायालय में राष्ट्रवादी कॉग्रेसपार्टी के अजित पवार गट की ओर से लेखी हमी लेने के बाद भी चुनाव प्रचार में शरद पवार की फोटो व नाम इस्तेमाल किए जाने के चलते न्यायालय के आदेश का उल्लंघन व अवमान करने के बदले शरद पवार गट को न्यायमूर्ती सूर्यकांत व न्या. के.वी. विश्वनाशन की पीठ के पास स्पष्टीकरण मांगा जाता है.
11 न्यायमूर्ती होगे स्थायी
मुंबई उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायमूर्ती के रुप में कार्यरत 11 न्यायमूर्ती आज बुधवार को स्थायी न्यायमूर्ती (कायमस्वरुप) होगे. मुंबई उच्च न्यायालय के साथ ही उच्च न्यायालय के औरंगाबाद व नागपुर खंडपीठ में यह न्यायमूर्ती वर्तमान में कार्यरत रहने से तीनों स्थानों पर आज सुबह 10 बजे एक ही समय पर शपथ ग्रहण लिया गया.
न्या.उर्मिला जोशी-फालके(नागपुर खंडपीठ), न्या. भरत देशपांडे (नागपुर खंडपीठ), न्या. भरत देशपांडे (नागपुर खंडपीठ), न्या.किशोर संत (मुख्य पीठ, मुंबई), न्या.वाल्मिकी मेनेझीस (गोवा खंडपीठ), न्या. कमल खाता (मुख्य पीठ, मुंबई), न्या.शर्मिला देशमुख (मुख्य पीठ, मुंबई), न्या. अरुण पेडणेकर (औरंगाबाद खंडपीठ) न्या. संदीप मारणे (मुख्य पीठ, मुंबई), न्या. गौरी गोडसे (मुख्य पीठ, मुंबई), न्या. राजेश पाटील (मुख्य पीठ, मुंबई) इन न्यायमूर्तियों को आज स्थायी न्यायमूर्ती के रूप में शपथ दिलाई गई. मुंबई स्थित उच्च न्यायालय की इमारत में के मध्यवर्ती कोर्ट हॉल में (कोर्ट रूम 46) मुंबई उच्च न्याायलय के मुख्य न्यायमूर्ती देवेन्द्र उपाध्याय की प्रारंभीक औपचारिक संमती लेने के बाद शपथ विधी कार्यक्रम शुरू किया गया.