अमरावतीमहाराष्ट्र

बिजली व पानी के लिए तरस रहा मेलघाट

तीन वर्षों से बिजली के अभाव में अटकी है जलापूर्ति योजना

अमरावती /दि.5– जिले के आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र में चुरणी सहित 14 गांव विगत कई वर्षों से पीने हेतु साफसुथरे पानी के लिए तरस रहे है. परंतु उनकी सूद लेनेवाला कोई नहीं है. जैसे-तैसे इन गांवों के लिए जलापूर्ति योजना लाई गई, परंतु वह योजना भी विगत तीन वर्षों से बिजली का अभाव रहने के चलते अधर में लटकी पडी है. ऐसे में इन आदिवासी गांवों में रहनेवाले लोग प्रतीक्षा कर रहे है कि, बिजली कब आएगी ओर उन्हें पानी कब मिलेगा.
ज्ञात रहे कि, विगत 30 वर्षों से टैंकर के भरोसे रहनेवाले मेलघाट क्षेत्र के चुरणी सहित 14 गांवों को स्वच्छ पेयजल मिल सके, इस हेतु महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण द्वारा 35 करोड रुपयों की योजना तैयार की गई है. लेकिन जलापूर्ति हेतु बिजली का अभाव रहने के चलते यह योजना वर्ष 2022 से अधर में लटकी पडी है. इसे लेकर मेलघाट क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता एड. बंड्या साने से बताया कि, इस योजना के तहत गंगारखेडा स्थित बांध से पानी लिया जाएगा. जिसके बाद बांध के पानी को पंचडोंगरी गांव स्थित टैंक में संग्रहित किया जाएगा, जहां से जीवन प्राधिकरण द्वारा इस पानी को चुरणी व खडीमल सहित क्षेत्र के 14 गांवों तक पहुंचाया जाएगा.
बताया गया है कि, जीवन प्राधिकरण का लगभग 75 फीसद काम पूरा हो चुका है. वहीं अब इस योजना को कार्यान्वित करने हेतु बांध के पानी को गंगारखेडा स्थित बांध से पंचडोंगरी तक लिफ्ट करने के लिए 100 एचपी विद्युत आपूर्ति की जरुरत है. परंतु विद्युत सर्विस स्टेशन के जंगल परिसर में स्थित होने के चलते इसके लिए पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी मिलना बाकी है. ऐसे में जलापूर्ति शुरु करने के लिए विद्युत आपूर्ति भी उपलब्ध नहीं है. जिससे जलापूर्ति का काम ठप पडा हुआ है. इस बारे में योजना के अभियंताओं से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि, पर्यावरण मंत्रालय को इस संदर्भ में प्रस्ताव काफी पहले ही भेज दिया गया है. परंतु 12 जुलाई 2024 से यह प्रस्ताव पर्यावरण मंत्रालय में ही अटका पडा है और इस परियोजना का काम आगे नहीं बढ पा रहा.
उल्लेखनीय है कि, यदि मानसून से पहले यह योजना शुरु नहीं हो पाती है तो फिर क्षेत्रवासियों को सितंबर माह तक इंतजार करना होगा. क्योंकि बारिश के मौसम दौरान विद्युत आपूर्ति संबंधित काम नहीं किए जा सकेंगे और बिजली के अभाव में यहा बिछाई गई पाईप लाईन का भी उपयोग नहीं किया जा सकेगा.

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