अमरावती

मेलघाट के बच्चों में फैल रहा फंगल इंफेक्शन

किसी कीडे के काटने से फैल रही बीमारी

धारणी/दि.17- आदिवासी बहुत मेलघाट क्षेत्र की धारणी व चिखलदरा तहसीलों में बारिश के मौसम दौरान कई तरह की बीमारियां फैलती है. विशेष तौर पर छोटी उम्रवाले बच्चे इस दौरान अलग-अलग बीमारियों की चपेट में आते है. ऐसे ही इन दिनों आदिवासी बहुल क्षेत्र के कई बच्चों को किसी कीडे के काटने की वजह से उनके पूरे शरीर पर खुजली व जख्म फैलने के मामले सामने आ रहे है.
चिखलदरा तहसील के टेंब्रुसोंडा व सलोना ग्रामीण अस्पताल अंतर्गत कालापानी, बोराला, भांद्री, बेला, हत्तीगढ, माखला व सेमाडोह सहित क्षेत्र के कुल 11 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में शामिल होनेवाले कई गांवों के बच्चों में फंगल इंफेक्शन फैलने की प्राथमिक जानकारी सामने आयी है.
उल्लेखनीय है कि, मेलघाट क्षेत्र में बारिश के दौरान गर्भवती व नवप्रसूता महिलाओं सहित शून्य से छह वर्ष आयुगुट के बच्चों की ओर विशेष ध्यान दिया जाता है. बारिश के मौसम दौरान जलजन्य बीमारियों का फैलाव बडी तेजी से होता है. जिसकी चपेट में सबसे पहले छोटे बच्चे ही आते है. विगत कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश की वजह से छोटे बच्चों में खुजली जैसे त्वचारोग का असर देखा जा रहा है. ऐसे बच्चों की विशेष अभियान चलाते हुए जांच किये जाने की जरूरत है.

कालापानी गांव निवासी दो बच्चों पर इलाज किया जा रहा है. जो खुजली जैसी बीमारी से त्रस्त है. इन बच्चों में कोई फंगल इंफेक्शन है, या फिर किसी कीडे के काटने से उनके शरीर पर जख्म हुए है, इसके बारे में आवश्यक पडताल की जा रही है.
– चंदन पिंपरकर
वैद्यकीय अधिकारी, टेंब्रुसोंडा

* दवाईयों का स्टॉक उपलब्ध
खुजली सहित अन्य त्वचा रोगों हेतु स्वास्थ्य केंद्र में दवाईयों का स्टॉक उपलब्ध रहने की जानकारी सेमाडोह स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. दीपक कुंडेटवार व मोबाईल पथक के डॉ. गजानन खरपास ने दी. साथ ही बताया कि, बच्चों को साफ पानी से नहलाने और नहाने हेतु लिये गये पानी में डेटॉल मिलाने अथवा नीम के पत्ते उबालकर उस पानी का नहाने हेतु प्रयोग करने के चलते त्वचा संबंधी बीमारियों से बचा जा सकता है.

* कालापानी गांव में फिर चिंता
कालापानी गांव में रहनेवाले दो छोटे बच्चों को दो दिन पूर्व टेंबु्रसोंडा स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए लाया गया था. जिसमें से एक बच्चे में खुजली का संक्रमण था. वही दूसरे बच्चे के शरीर पर बैलीस्टर नामक कीडा घिस जाने की वजह से उसकी त्वचा पर फोडे आ गये थे. ऐसी जानकारी वैद्यकीय अधिकारी चंदन पिंपलकर ने दी.

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