व्याघ्र संरक्षण टारगेट में जिले का मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प देश में अव्वल
वाइल्ड लाइफ क्राइम सेल के तेज अन्वेषण कार्रवाई से हुआ संभव
अमरावती/दि.15- उपलब्ध मनुष्यबल के नियोजनपूर्वक इस्तेमाल व संदेनशील क्षेत्र में नियमित गश्त के कारण व्याघ्र संरक्षण बाबत का लक्ष्य पूर्ण करने में मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प देश में अव्वल रहा हैं.
विशेष व्याघ्र संरक्षण दल के कर्मचारियों का सहयोग और वाइल्ड लाइफ क्राइम सेल अन्वेषण की तेज कार्रवाई के कारण व्याघ्र संवर्धन के लिए अपेक्षित टारगेट संभव हो रहा हैं. ‘मानिटरिंग सिस्टम फॉर टाइर्गस-इटेसिव्ह प्रोटेक्शन एण्ड इकोलॉजिकल स्टेप्स’ व्दारा निर्धारित शर्ते पूर्ण करने वाले प्रकल्पों में मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प देश में अव्वल साबित हुआ है, ऐसी जानकारी विभागीय वनाधिकारी एम.एन. खैरनार ने दी हैं. इस विशेष व्याघ्र संरक्षण दल ने सहायक वन संरक्षक, वन क्षेत्रपाल, वनरक्षक और वन निरीक्षक के कुल 112 पद है. उनके 3 दस्ते तैयार किए गए है. प्रत्येक दस्ते में वनक्षेत्रपाल के अधीन 27 वनसंरक्षक व 9 वननिरक्षक हैं. गुगामल वन्यजीव विभाग, परतवाडा के चिखलदरा सिपना वन्यजीव विभाग व अकोट वन्यजीव विभाग में प्रत्येकी एक के मुताबिक 3 दल तैनात किए गए हैं. मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के 6 वन्यजीव विभाग ने वनरक्षक के कुल 460 मंजूर पद हैं. पिछले 2 वर्ष में 153 वनरक्षकों को वनपाल पद पर पदोन्नत किया गया है. पदोन्नत किए जाने से यह पद रिक्त हुए है. इस कारण विशेष व्याघ्र संरक्षण दल के वनरक्षक व वन निरीक्षक को क्षेत्र का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया हैं. कुल 102 वनरक्षक व वन निरीक्षकों में से 71 लोगों को संवेदनशील क्षेत्र का कार्यभार सौंपा गया है. इस कारण रिक्त पद रहे तो भी उस क्षेत्र में वन्यजीव संरक्षण की दृष्टि से नियमित गश्त व दैनंदिन काम उचित तरिके से करना संभव हुआ हैं. विशेष व्याघ्र संरक्षण दल का गठन व्याघ्र संवर्धन करने के उद्देश्य से किया गया था. इस कारण व्याघ्र संरक्षण करना संभव हो पाया है, ऐसा भी खैरनार ने कहा हैं.
* 88 प्रकरणों में 146 संदिग्ध गिरफ्तार
मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में मेलघाट वाइल्ड लाइफ क्राइम सेल का गठन वर्ष 2013 में हुआ. यह सेल मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प व महाराष्ट्र के साथ ही अन्य विभाग को भी समय-समय पर सायबर डाटा व कुफिया जानकारी देता हैं. सेल के जरिए पिछले 1 वर्ष में 88 मामलों में 146 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया हैं. पिछले छह माह में मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में घटित चार मामलों में सेल व्दारा तत्काल आरोपियों को गिरफ्तार कर और घटना के सबूत तलाशने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई हैं. इस कार्रवाई के कारण वन्यजीव अपराधों पर लगाम कसना संभव हो पाया.