अमरावती

मेलघाट का वीर सपूत अनंत में विलीन

कैलास दहीकर अमर रहे के नारे से गूंजा पिंपलखुटा

  • पुरे सैनिक सम्मान के साथ हुआ कैलास दहीकर का अंतिम संस्कार

  • पालकमंत्री यशोमति ठाकुर, सांसद नवनीत राणा व राज्यमंत्री बच्चु कडू सहित अनेकों गणमान्य रहे उपस्थित

अमरावती/दि.27 – हिमाचल प्रदेश के कुल्लु-मनाली के निकट भारत-चीन सीमा पर तैनाती के दौरान एक हादसे का शिकार हुए वीर जवान कैलास दहीकर का रविवार 27 दिसंबर को उनके अमरावती जिलांतर्गत अचलपुर तहसील स्थित उनके पैतृक गांव पिंपलखुटा में बेहद शोकाकुल माहौल के बीच अंतिम संस्कार किया गया. वीर जवान कैलास दहीकर की विगत बुधवार को अपने टेन्ट में आग लग जाने के बाद झुलसकर मौत हो गयी थी. पश्चात उनका पार्थिव रविवार की सुबह उनके पैतृक आवास पर लाया गया. जहां पर भारतीय सेना व जिला पुलिस दल द्वारा वीर जवान कैलास दहीकर को मानवंदना दी गई. साथ ही सरकार एवं प्रशासन की ओर से राज्य की महिला व बालविकास मंत्री एवं जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर, शालेय शिक्षा राज्यमंत्री बच्चु कडू, जिले की सांसद नवनीत राणा, मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र के विधायक राजकुमार पटेल, उपविभागीय अधिकारी संदीपकुमार अपार, तहसीलदार मदन जाधव, जिप सदस्य प्रताप अभ्यंकर, पूर्व जिप सभापति सुरेखा ठाकरे, देवगांव के सरपंच गजानन येवले तथा बहादुर सैनिक संघ के पदाधिकारियों ने पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद कैलास दहीकर को श्रध्दांजलि अर्पित की. इस समय पिंपलखुटा गांव सहित आसपास के परिसर निवासी हजारों नागरिक उपस्थित थे. साथ ही अचलपुर से पिंपलखुटा के बीच जगह-जगह पर वीर जवान कैलास दहीकर को नमन करने हेतु लोगबाग मौजूद थे. शहीद जवान का पार्थिव सबसे पहले उनके निवास पर ले जाया गया. जहां पर विगत पांच दिनों से अपनी भावनाओं को काबू किये बैठे दहीकर परिवार के सब्र का बांध टूट गया. इस समय पालकमंत्री ठाकुर ने दहीकर परिवार को सांत्वना दी. पश्चात अंतिम संस्कार हेतु गांव के पास तैयार किये गये मैदान में वीर जवान के पार्थिव को लाया गया. जहां पर सैन्य पथक द्वारा वीर पत्नी बबली दहीकर को सम्मानपूर्वक तिरंगा प्रदान किया गया. साथ ही केवल दहीकर ने अपने भाई की चिता को मुखाग्नि दी.
बता दे कि रविवार, 27 दिसंबर की दोपहर 2 बजे वीर जवान कैलाश दहीकर का पार्थिव शरीर नागपुर से सडक मार्ग के जरिए उनके पैतृकगांव पिंपलखुटा लाया गया. जहां पर पूरे सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. इससे पहले मार्ग पर पडनेवाले परतवाडा शहर सहित धोतरखेडा, इकलासपुर, धामणगांव गढी आदि गांव के प्रमुख चौक चौराहों व सडको पर दोनों ओर लोगबाग हाथों में तिरंगा लिए खडे थे तथा उन्हाेंंने यहां से गुजरनेवाले सैन्य काफिले का स्वागत करने के साथ ही वीरजवान के पार्थिव को अंतिम सलामी दी. इसके अलावा पिंपलखुटा गांव सहित देवगांव परिसर के हर एक घर के सामने रंगोली निकाली गई थी और गांव में जगह-जगह पर कैलाश दहीकर अमर रहे के फलक भी लगाये गये थे.
वीर जवान कैलाश दहीकर की अंतिम यात्रा पिंपलखुटा गांव स्थित उनके निवास से निकाली गई और उनके पार्थिव को फूलों से सजाये गये ट्रेक्टर पर रखकर अंतिम संस्कार स्थल पर लाया गया. यहां पर पार्थिव पर लिपटा तिरंगा ध्वज सैन्य पथक द्बारा उनकी पत्नी बबली दहीकर के स्वाधीन किया गया साथ ही सभी परिजनों को वीर जवान का मुखदर्शन कराया गया. पश्चात पूरे सैनिक सम्मान के साथ वीर जवान के पार्थिव का अंतिम संस्कार किया गया. इस समय सभी उपस्थितों ने राष्ट्रगीत गाकर दो मिनिट का मौन रखकर इस वीर फौजी को अंतिम बिदाई व सलामी दी.

हमारी भूमि का गौरव बढाया

वीर जवान कैलाश दहीकर ने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए देश की सीमा पर अपने प्राण न्यौछावर किए. भारतमाता के इस सबूत ने हमारी भूमि का गौरव बढाया है. अब दहीकर परिवार की जिम्मेदारी को संभालना हमारी जवाबदारी है. जिसका हम निर्वहन करते हुए इस परिवार को हर संभव सहायता प्रदान करेंगे. इस आशय का प्रतिपादन राज्य की महिला व बालविकास मंत्री यशोमती ठाकुर द्बारा किया गया.

प्रेरणादायी है बलिदान

इस समय अपने विचार व्यक्त करते हुए राज्यमंत्री बच्चू कडू ने कहा कि वीर जवान कैलाश दहीकर का त्याग व बलिदान बेहद प्रेरणादायी है. साथ ही इस अवसर पर सांसद नवनीत राणा व पिंपलखुंटा के सरपंच गजानन येवले ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए वीर जवान कैलाश दहीकर को श्रध्दांजलि अर्पित की.

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