मेलघाट का ऑर्गेनिक सीताफल पहुंचा बाजार में
चिखलदरा/दि.7– तहसील में कुछ गांवों सहित मेलघाट के पहाडी जंगलों से मिलने वाले सीताफल को जंगली मेवा यानि रान मेवा भी कहा जाता है और यह जंगली मेवा अब चिखलदरा, परतवाडा व अचलपुर सहित अन्य स्थानों के बाजारों में विक्री हेतु उपलब्ध होने लगा है. जिससे क्षेत्र के आदिवासियों को अच्छा खासा रोजगार भी मिल रहा है.
बता दें कि, महाराष्ट्र सहित मध्यप्रदेश में मेलघाट के सीताफलों की अच्छी खासी मांग रहती है. परंतु इस वर्ष कम हुई बारिश और अकाल सदृश्य स्थिति की वजह से मेलघाट में सीताफल का उत्पादन काफी हद तक कम रहा. जिसके चलते आवक कम रहने की वजह से सीताफलों को अच्छे दाम मिल रहे है. परंतु अच्छे दाम मिलने के बावजूद भी बेचने हेतु सीताफल का उत्पादन ही कम रहने की वजह से मेलघाट के आदिवासियों में कही खुशी कही गम वाली स्थिति दिखाई दे रही है.
ज्ञात रहे कि, अचलपुर तहसील के पथ्रोट, परसापुर व वडगांव सहित चिखलदरा तहसील में मेलघाट की तलहटी में रहने वाले जंगलों में बडे पैमाने पर सीताफल के पेड पाए जाते है. जिनसे मिलने वाले सीताफलों की वजह से क्षेत्र के आदिवासियों को अच्छा खासा रोजगार मिलता है. परंतु इस वर्ष जिले में हुई अपर्याप्त बारिश की वजह से सीताफलों का उत्पादन काफी हद तक कम हुआ है. जिसके चलते बाजार में सीताफल के दाम कुछ हद तक अधिक है. इस समय बाजार में 70 से 100 रुपए प्रति किलो की दर पर अलग-अलग आकार व गुणवत्ता वाले सीताफल बिक रहे है. जिनके और भी बढने का अनुमान थोक व्यापारियों द्वारा लगाया गया है.