अमरावती

मेलघाट के ‘रानपिंगला’ को डाक विभाग के पोस्ट कार्ड मिला स्थान

वन्यजीव फोटोग्राफर मनोज बिंड की खींची थी तस्वीर

अमरावती/दि.19– जिले के मेलघाट में अधिवास रहने वाले दुर्लभ रानपिंगला इस उल्लूवर्गीय पक्षी के शहर के वन्यजीव फोटोग्राफर मनोज बिंड ने निकाली तस्वीर को भारतीय डाक विभाग ने जारी किए पोस्ट कार्ड पर स्थान मिला है. राष्ट्रीय डाक सप्ताह के हिस्से के रूप में देश में 13 अक्टूबर को संग्रह दिवस मनाया जाता है. इस अवसर पर अलग-अलग प्रकार के स्टैम्प और सम्मानचिह्न प्रकाशित करने की डाक विभाग की परंपरा है. राष्ट्र से जुडे विविध प्रसंग, व्यक्तिविशेष, स्थानविशेष आदि पर विविधतापूर्ण और रोचक स्मरण इसके लिए प्रकाशित हुए है.

हौशी और दर्दी संग्राहक इस प्रकार के प्रकाशन का बेसब्री से इंतजार करते है. भारतीय डाक विभाग महाराष्ट्र और गोवा की ओर से बीएनएचएस इस संस्था के सहयोग से इस वर्ष संग्रह दिन निमित्त पक्षिविविधता इस विषय के अंतर्गत संकटग्रसत पक्षियों की तस्वीरों का पोस्ट कार्ड प्रकाशित किया गया है. इनमें से एक पोस्ट कार्ड पर अमरावती शहर के वन्यजीव फोटो ग्राफर मनोज बिंड ने खींची रानपिंगला नामक दुर्लभ पक्षी की तस्वीर ने स्थान प्राप्त किया है. यह प्रकाशन समारोह हाल ही में जनरल पोस्ट ऑफिस, मुंबई में संपन्न हुआ. इस उपक्रम के लिए बीएनएचएस संस्था और किशोर रिठे, डॉ.राजू कसंबे, जयंत वडतकर का विशेष सहयोग मिला. इस निमित्त अमरावती सहित मेलघाट और रानपिंगला पक्षी को राष्ट्रीयस्तर पर सम्मान मिलना, यह गौरव की बात है.

* डुडा के पुनर्खोज की रोचक कहानी
रानपिंगला यानी फॉरेस्ट आउटलेट इस घुबडवर्गीय पक्षी की 1884 में दर्ज हुई जानकारी आखरी थी, ऐसा माना गया. इसके बाद यह पक्षी कहीं दिखाई नहीं देने से विलुप्त हो गया है, ऐसा माना गया. लेकिन करीब 113 सालों के बाद यानी 1997 में अमेरिका की पामेला रासमुसेन नामक महिला पक्षी संशोधक ने इस पक्षी को नंदुरबार जिले के शहादा में फिर से खोज निकाला. इन पुनर्खोज की दखल पूरे विश्व में ली गई. इसके बाद अमरावती जिले में 1998 से 2003 के बीच किए संशोधन में मेलघाट में भी इसका आश्चर्यकारक अस्तित्व दिखाई दिया. स्थानीय कोरकू भाषा में इसके डुडा यह नाम है. आज मेलघाट इन रानपिंगला के विपुल प्रमाण के लिए और सुयोग्य अधिवास के लिए विश्व के नक्शे पर महत्वपूर्ण स्थान बना है.

अधिकांश घुबडवर्गीय पक्षी निशाचन होते है. लेकिन दिन में सक्रिय रहना यह रानपिंगला की खासियत है. इसका शास्त्रीय नाम अ‍ॅथेने ब्लेविट्टी है. मैंने यह तस्वीर 2015 में मेलघाट के जंगल में ली थी. मेलघाट रानपिंगला के सुयोग्य अधिवास के लिए दुनिया के नक्शे पर महत्वपूर्ण स्थान बना है.
– मनोज बिंड, वन्यजीव फोटोग्राफर

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