अमरावती/दि.16 –शिवशाहीर बाबासाहब पुरंदरे का सोमवार की सुबह पुणे में निधन हो गया. उनके निधन की खबर सुनते ही अनेकों ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए उनके अमरावती से रहे ऋणानुबंध शब्द बद्ध किए. बाबासाहब जिले के अनेक मान्यवरों को पहचानते थे.
शिवचरित्र के व्याख्यान देने के लिए बाबासाहेब का शुरुआती समय में अमरावती में लगातार आना होता था. सुप्रसिद्ध नगर वाचनालय के व्याख्यानमाला में भी उन्होंने उपस्थिति दर्ज करायी थी. बडनेरा में आयोजित व्याख्यान के लिए भी वे आये थे. करीबन 5 से 6 व्याख्यान उनके समय में हुए थे. नियोजन के अनुसार 29 जनवरी तक प्रयोग प्रस्तुत करने का निश्चय किया गया था. प्रतिसाद ध्यान में आते ही और दो दिन बढ़ाये गए थे. कुल 10 प्रयोग अमरावती में हुए. इस समय शिवशाहीर पूरे समय अमरावती में उपस्थित थे. उनके इस 10 से 12 दिन के वास्तव्य के दिनों में अनेकों ने उनसे संपर्क साधा. चर्चा की. राजनीतिक, कला,क्रीड़ा क्षेत्र के दिग्गजों का इनमें समावेश था. बाबासाहब को समझने पाने का भाग्य तब अमरावती वासियों को मिला था. जिससे आगे ऋणानुबंध और पक्के होते गए. उस समय की अनेक यादें आज भी अनेकों को याद है. भेंट के दौरान लिए गए फोटो भी अनेकों के पास आज भी हैं. बाबासाहब के निधन का समाचार सुनते ही सभी को दुख हुआ और पुरानी यादें ताजा कर उन्होंने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की.