अमरावती

पुरूष भी होते हैं प्रताडना का शिकार

पत्नियों के खिलाफ दर्ज है 15 शिकायतें

अमरावती/दि.26 – अमूमन विवाहीत महिलाओं के साथ उनके पति या ससुरालियों द्वारा मारपीट करने अथवा प्रताडित करने के मामले सामने आते है. लेकिन अब पत्नी द्वारा घर में शारीरिक व मानसिक तौर पर प्रताडित किये जाने की शिकायतें पुरूषों द्वारा की जाने लगी है. जिसके चलते पुलिस अधीक्षक कार्यालय के अख्त्यिारवाले पुलिस थानों सहित भरोसा सेल में विगत वर्ष 15 पुरूषों द्वारा अपनी पत्नियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए सहायता मांगी गई.
कोरोना काल के दौरान भी पुलिस थानों व भरोसा सेल के पास महिलाओं के साथ-साथ पुरूषों की शिकायतें बढी. जिनमें दोनों पक्षों का आवश्यक समुपदेशन किया गया. शहरी क्षेत्र की तरह अब ग्रामीण क्षेत्र में भी पारिवारिक विवादों को लेकर शिकायतों का प्रमाण काफी अधिक बढ गया है. कोविड संक्रमण काल के दौरान लॉकडाउन रहने की वजह से कई लोगों के नौकरी व व्यवसाय जैसे कामकाज पूरी तरह से ठप्प हो गये और उन्हें पूरा समय घर पर रहना पडा. ऐसे में एक-दूसरे के साथ रहने के लिए ज्यादा समय मिलने पर आपसी सहभाग बढने की बजाय छोटी-छोटी बातों को लेकर वाद-विवाद बढने लगे और कई बार स्थिति इतनी अधिक बिकट हो गई कि, घरेलू झगडे पुलिस तक जा पहुंचे. ज्यादातर शिकायतों में आपसी विवाद की मुख्य वजह मोबाईल साबित हुआ है और किसी भी एक पक्ष द्वारा मोबाईल का अत्याधिक प्रयोग करने व परिजनों की ओर ध्यान नहीं देने की वजह से विवाद की स्थिति बनी. इसके अलावा कुछ मामलों में पुरूषोें ने आरोप लगाया कि, उनकी पत्नी अपने मायकेवालों के कहने में ज्यादा रहती है और मायकेवालों द्वारा उसके कान भरे जाते है. जिसकी वजह से पत्नी बेवजह ससुराल में विवाद व झगडा करती है.

  • 785 – भरोसा सेल के पास पहुंची कुल शिकायतें
  • 15 – पत्नियों के खिलाफ शिकायतें
  • 760 – पतियों के खिलाफ शिकायतें

मोबाईल लॉक को लेकर झगडे

पत्नी के मोबाईल में वॉटसऍप पर लॉक क्यों, वह रात 12-1 बजे तक चैटिंग करती रहती है, इस बारे में पूछने पर उलटा जवाब देती है कि, मैं तुमसे कुछ पूछती हूं क्या, ऐसा अधिकांश शिकायतोें में पुरूषों द्वारा कहा गया. ऐसे में पुलिस के निरीक्षण में यह बात आयी कि, इन दिनों पति-पत्नी के बीच झगडे की मुख्य वजह मोबाईल बन गया है.

105 मामलों में आपसी समन्वय

ग्रामीण पुलिस अधीक्षक कार्यालय के भरोसा सेल में विगत वर्ष कुल 785 आवेदन आये. जिसमें पुरूषों की ओर से 15 शिकायतें प्राप्त हुई. इसके अलावा 760 महिलाओं द्वारा अपने पतियोें के खिलाफ शिकायतें दर्ज करायी गई थी. जिसमें से समुपदेशन के जरिये 105 परिवारों को दोबारा बसाया गया. जिसके चलते अलग होने की कगार पर पहुंचे 105 जोडे आज राजी-खुषी एक साथ रह रहे है.

  • झगडे की वजह से विभक्त होने की कगार पर पहुंचे जोडों को कार्यालय में बुलाकर उनका समुपदेशन किया जाता है. विगत वर्ष 105 जोडों को समझाबूझाकर साथ रहने हेतु मनाया गया. वहीं गत वर्ष 70 से अधिक जोडों का समुपदेशन किया गया.

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