अमरावती प्रतिनिधि/दि.२० -महाराष्ट्र के 10 शहरों में कराए सर्वेक्षण से खुलासा हुआ है कि राज्य में 10 में से 6 महिलाएं खाना पकाने पर खर्च होनेवाले समय में कटौती चाहती है ताकि वे अपने शौक और अपने जुनून या जज्बे पर ज्यादा वक्त दे सके. इग्निटिंग ऍस्पिरेशन्स सर्वे यह भी खुलासा हुआ है कि 40 से 45 साल के आयुवर्ग वाली 61 प्रतिशत महिलाएं अपना ज्यादातर समय घर-गृहस्थी के काम पर खर्च करती है. जिनमें कुकिंग और बच्चों की देखभाल प्रमुख है. ये नतीजे इसलिए चौंकानेवाले है कि क्योंकि सर्वे में शामिल 60 प्रतिशत से ज्यादा ग्राहकों का मानना है कि वे अपनी जिंदगी में सिर्फ होममेकर बनकर नहीं रहना चाहती. जेमिनी कुकिंग ऑयल्स के इस सर्वे से यह भी पता चला है कि नासिक की 84 प्रतिशत महिलाओं का मानना है कि अगर वे खाना पकाने पर कम घंटे खर्च करेगी तो उन्हें अपने निजी शौक के लिए समय मिल सकता है. जबकि नागपुर की केवल 31 प्रतिशत महिलाएं ऐसा सोचती है. इस शोध से यह भी खुलासा हुआ है कि महिलाएं अपने परिवार के स्वास्थ्य और पोषण के पहुलओं पर ध्यान देने के महत्व को बखूबी समझती है. सर्वे में शामिल 65 फीसदी महिलाओं का मानना है कि उनके द्बारा पकाया गया भोजन अधिक सुरक्षित और स्वास्थ्यर्वधक होता है. लेकिन वे अपनी निजी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए घरेलू कार्यो पर लगनेवाले समय को कम करना चाहती हैं. महाराष्ट्र में 60 महिलाओं का कहना है कि वे अपने शौक तथा जज्बे और जुनून को निभाना चाहती है. राज्य में नासिक, शोलापुर ओर पुणे तीन ऐसे प्रमुख शहर है जहां महिलाओं का मानना है कि रोजमर्रा के कार्यो पर 30मिनिट की कमी होने से भी उन्हें अपने शौक पूरे करने का मौका मिल सकता है . इस सर्वे सह यह तथ्य भी सामने आया है कि 37 प्रतिशत महिलाएं अपने शौक वगैरह पूरे करने के लिए अपने परिवार के अन्य लोगोे का सहयोग और प्रोत्साहन चाहती है.