अमरावती

विसंवाद से बिगड सकता है मानसिक स्वास्थ्य

कोरोना से बढी तनाव की स्थिति

  • गैरजरूरी खर्चों को टाला जाये

अमरावती/प्रतिनिधि दि.६ – कोविड संक्रमण काल के बाद कई लोगों की जीवनशैली बदल गई है और उन्हें लॉकडाउन व विभिन्न तरह के प्रतिबंधात्मक नियमों के चलते आर्थिक सहित विविध समस्याओं का सामना करना पड रहा है. ऐसे में इन दिनों कई घरों में कलहवाली स्थिति देखी जाने लगी है. ऐसे में यदि परिवार के सदस्यों के बीच संवाद का धागा टूट जाता है, तो इसका सीधा प्रभाव मानसिक स्वास्थ्य पर पड सकता है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि, फिलहाल जो स्थिति चल रही है, उसमें समाधान माने और अपने परिचितों के साथ सुख-दुख की बातें साझा करते हुए अपना मन हलका करें. इस आशय की सलाह मानसोपचार विशेषज्ञ द्वारा दी गई है.
उल्लेखनीय है कि, कोविड संक्रमण काल के दौरान कई लोगों के कामकाज और आय के स्त्रोतों पर विपरित परिणाम हुआ है. जिसकी वजह से परिवार के प्रमुख व्यक्ति द्वारा परिवार के सदस्यों की सभी मांगों को पूरा करने में असमर्थता हो रही है. ऐसे में आर्थिक खिंचतान की वजह से कई परिवारों में विवाद व तनाव की स्थिति बन रही है और हालात परिजनों के बीच आपसी बातचीत के बंद होने तक पहुंच रहे है. इससे स्थिति और भी अधिक बिगड सकती है, क्योेंकि बातचीत बंद रहने का सीधा असर मानसिक स्वास्थ्य पर पड सकता है.

  • मन हलका करने के उपाय

– अपनी पसंद व रूचि के अनुसार कोई काम करे.
– गैरजरूरी खर्चों को टाले.
– परिवार के सदस्यों को समझे.
– जैसे अपनी खुशी में सभी को शामिल करते है, वैसे ही अपने दुख में भी अन्यों को शामिल करे.
– समुपदेशन से मन का बोझ हलका होने में सहायता मिलती है. अत: विशेषज्ञों का मार्गदर्शन लेकर परिजनों को समझाये.

इस समय लगभग सभी लोग एक जैसे हालात से गुजर रहे है. अत: जो है और जैसा है, उसमें समाधान माने. सकारात्मक दृष्टिकोन से विचार करने पर मन में राग व द्वेष की भावना कम होगी और मन का बोझ भी हलका होगा.
– डॉ. अमोल गुल्हाने
मानसोपचार तज्ञ, इर्विन अस्पताल

आर्थिक समीकरण बिगडने पर कई समस्याएं निर्माण होती है. ऐसे में परिस्थिति सापेक्ष रहना बेहद जरूरी है, अन्यथा तनावपूर्ण स्थित बढने के साथ-साथ घर में कलह भी बढ सकता है. अत: बेहद जरूरी है कि, अपनी समस्याओं को दूसरों के साथ साझा किया जाना चाहिए.
– डॉ. श्रीकांत देशमुख
मानसोपचार विशेषज्ञ

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