अमरावती

लॉकडाउन के खिलाफ व्यापारी लामबंद

विभिन्न संगठनों ने सौंपा प्रशासन को निवेदन

  • सरकार से रोजी-रोटी की व्यवस्था करने की मांग

अमरावती/प्रतिनिधि दि.७ – राज्य सरकार द्वारा विगत रविवार 4 अप्रैल की शाम जारी किये गये आदेश की वजह से राज्य सहित अमरावती जिले में भी 5 अप्रैल से 30 अप्रैल तक 25 दिनों का लॉकडाउन लागू कर दिया गया है. यह अमरावती शहर के लिए तीसरा लॉकडाउन है और दो बार लॉकडाउन का सामना कर चुके अमरावतीवासी तीसरे लॉकडाउन का सामना करने हेतु बिल्कूल भी तैयार नहीं है. ऐसे में इस लॉकडाउन और सरकारी फैसले के खिलाफ विरोध के स्वर मूखर हो रहे है. जिसके चलते जिलाधीश कार्यालय सहित जिले के विभिन्न तहसीलदार कार्यालयों में विभिन्न व्यापारी संगठनों द्वारा दस्तक देते हुए लॉकडाउन के खिलाफ ज्ञापन सौंपे जा रहे है. इसमें भी यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इस बार निजी क्षेत्र में काम करनेवाले कामगारों द्वारा भी संगठित होकर इस लॉकडाउन का पूरजोर विरोध किया जा रहा है. जिसके तहत कर्मचारी संगठनों द्वारा मांग उठायी गयी है कि, सरकार या तो लॉकडाउन हटाये, या फिर कर्मचारियों की रोजी-रोटी की व्यवस्था करे.

  • ट्रैवल्स बुकींग कार्यालय को मिले छूट

अमरावती ट्रैवल्स एसो. की मांग
लॉकडाउन काल के दौरान भी सरकार द्वारा निजी लक्जरी बस सेवा शुरू रखने की अनुमति दी गई है. ऐसे में निजी लक्जरी बसों के बुकींग कार्यालयों का खुला रहना जरूरी है. अत: ट्रैवल्स बुकींग कार्यालयोें को लॉकडाउन काल के दौरान नागरिकों की सुविधा हेतु शुरू रखने की अनुमति दी जाये. इस आशय की मांग का ज्ञापन अमरावती ट्रैवल्स मल्टीपर्पज एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारा जिलाधीश शैलेश नवाल को सौंपा गया.
इस ज्ञापन में कहा गया कि, सरकार द्वारा मंगलवार से लागू किये गये लॉकडाउन में सार्वजनिक परिवहन सेवा को शुरू रखने का निर्णय लिया गया. ऐसे में निजी बसों को चलाने हेतु उनके बुकींग कार्यालय शुरू रहना भी बेहद जरूरी है. अन्यथा बुकींग कार्यालय बंद रहने से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड सकता है. अत: बुकींग कार्यालयों को पूरा समय खुले रहने की अनुमति दी जाये. ज्ञापन सौंपते समय अमरावती ट्रैवल्स मल्टीपर्पज एसो. के अध्यक्ष मेराजखान पठान, उपाध्यक्ष दिलीप छूटलानी, सचिव अश्विन लुल्ला, सहसचिव मनोज उल्हे, कोषाध्यक्ष अमित मूंधडा सहित सोमेश अग्रवाल, नाजीम खान, मुकेश वर्मा, गजेंद्र भुसे, चंद्रभान किंगरानी, निलेश विश्वकर्मा व संदीप छूटलानी आदि उपस्थित थे.

  • सलून व्यवसायियों का जिम्मा उठाये सरकार

वरूड में तहसीलदार को सौंपा गया ज्ञापन
राज्य सरकारने 30 अप्रैल तक लॉकडाउन लागू करते हुए सलून व ब्यूटी पार्लर के व्यवसाय को बंद रखने का आदेश जारी किया है. किंतु एक बार फिर लॉकडाउन सहन करना और व्यवसाय बंद रखना हमारे लिए बेहद मुश्किल है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि, हमारे और हमारे परिवारों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी भी उठायी जाये. इस आशय की मांग का ज्ञापन वरूड के सलून व पार्लर व्यवसायियों द्वारा तहसीलदार को सौंपा गया.
इस ज्ञापन में कहा गया कि, विगत वर्ष लगाये गये लॉकडाउन की वजह से बेरोजगारी व भूखमरी का सामना करनेवाले 17 सलून व्यवसायियों ने आत्महत्या की थी और उनके परिवारों को अब तक किसी भी तरह की सरकारी सहायता प्राप्त नहीं हुई है. वहीं उस लॉकडाउन के खत्म होने और अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद भी व्यापार-व्यवसाय पहले जैसा नहीं रहा. अत: विगत कई माह से सलून व्यवसायी बेहद अत्यल्प आय में अपना घर-परिवार चला रहे है. वहीं अब सरकार ने एक बार फिर लॉकडाउन लागू करते हुए सलून व पार्लर को बंद करने का आदेश जारी किया है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि, सलून व पार्लर व्यवसायियों को लॉकडाउन काल के दौरान होनेवाले नुकसान का हरजाना या फिर सहायता के तौर पर राहत पैकेज दिया जाये.
ज्ञापन सौंपते समय नाभिक संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रामकृष्ण शिरूलकर, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवीण सावरकर, तहसील युवा अध्यक्ष रूपेश निंभोरकर, रमेश माथूरकर, भालचंद्र चौधरी, रितेश धनखड, राजू मिसलकर, लीलाधर अजानकर, रमेश असोलकर, दिलीप बाभूलकर व दीवाकर बाबूलाल आदि उपस्थित थे.

  • बिझीलैण्ड कामगार संगठन ने भी सौंपा ज्ञापन

अचानक घोषित लॉकडाउन की वजह हजारों कामगारों व मजदूरों पर भूखमरी की नौबत आयेगी, यह राज्य के लिए ठीक नहीं होगा. ऐसे में सरकार द्वारा लॉकडाउन के आदेश पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए. साथ ही कोविड संक्रमण की चेन को तोडने हेतु अन्य प्रतिबंधात्मक उपाय योजनाओं पर विचार किया जाना चाहिए. इस आशय की मांग का ज्ञापन बिझीलैण्ड कामगार संगठन द्वारा जिलाधीश को सौंपा गया.
ज्ञापन सौंपते समय बिझीलैण्ड कामगार संगठन के हितेश राठोड, हेमंत भोसले, सचिन जाधव, धिरज चौधरी, तेजस टीएस, संजय ढगे, नितीन अंभोरे, शुभम भारती, सागर मुरकर, गौरव घाटोले, बंटी वानखडे, अनिकेत काले, हेमंत भुटे, मनोज मोरे आदि सहित अनेकों कर्मचारी उपस्थित थे.

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