* हाड कंपकंपाने वाली ठंड ढा रही कहर
अमरावती /दि.18– शहर में इस समय दिनोंदिन तापमान बडी तेजी से नीचे की ओर लुढकता दिखाई दे रहा है. गत रोज जिले में तापमान ने विगत 3 वर्षों के रिकॉर्ड को तोड दिया. जब सुबह 7 बजे जल विज्ञान प्रकल्प विभाग में न्यूनतम तापमान 8.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. जिसके चलते पूरा दिन मौसम सर्द बना हुआ था तथा ठंडी हवा के थपेडे और भी अधिक कहर ढा रहे थे. इसके अलावा शाम ढलते-ढलते शहर की सडके सुनसान होती दिखाई देने लगी और लोगबाग गर्म कपडे ओढे व पहने दिखाई दिये. साथ ही अपने-अपने घरों में रजाई व कंबल लेकर दुबके रहे. तापमान के तेजी से नीचे की ओर लुढकने की वजह से लोगों पर 1 से अधिक गर्म कपडे व कंबल का प्रयोग करने की नौबत आन पडी है. साथ ही लोगबाग अपने चेहरों को भी दुपट्टे व मफलर से ढांके दिखाई दे रहे है. इसके अलावा जहां दिन के समय लोगबाग ठंड से निजात पाने हेतु धूप सेक रहे है. वहीं शाम ढलते ही जगह-जगह अलाव चलने शुरु हो जाते है. जहां पर लोगबाग आग तापते बैठे दिखाई देते है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक जहां गत रोज अमरावती शहर में न्यूनतम तापमान 8.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ. वहीं मेलघाट अंचल में न्यूनतम तापमान की स्थिति 6 डिग्री सेल्सियस के आसपास रही. साथ ही आज सुबह तापमान की स्थिति में थोडा उछाल आया और अमरावती में औसत न्यूनतम तापमान 9.3 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा. इस समय उत्तर भारत के कई इलाकों में जमकर बर्फबारी हो रही है और देश के उत्तरी राज्य कडाके की ठंड की चपेट में है. जिसके चलते उत्तर की ओर से आ रही सर्द हवाओं की वजह से अमरावती शहर जिले व संभाग सहित समूचे राज्य में कडाके की ठंड पड रही है और पारा तेजी के साथ नीचे की ओर लुढक रहा है.
स्थानीय मौसम विज्ञानी प्रा. अनिल बंड के मुताबिक ठंड की यह स्थिति आगामी 20 दिसंबर तक इसी तरह से बनी रहेगी तथा 20 दिसंबर के बाद तापमान में थोडा बहुत उछाल आएगा. जिसके चलते सभी को ठंड से कुछ हद तक राहत मिलेगी. साथ ही प्रा. बंड के मुताबिक इस समय पड रही ठंड रबी फसलों के साथ-साथ आम की पैदावार के लिए काफी लाभकारी व पोषक भी है. अत: इस ठंड से परेशान होने की बजाय इसे सकारात्मक रुप से लिया जाना चाहिए.
* विगत 9 वर्षों का सबसे न्यूनतम तापमान
तारीख न्यूनतम तापमान
27 दिसं. 2015 9.2
22 दिसं. 2016 7.5
27 दिसं. 2017 7.9
30 दिसं. 2018 5.1
29 दिसं. 2019 5.2
21 दिसं. 2020 6.4
20 दिसं. 2021 7.6
19 दिसं. 2022 9.1
30 दिसं. 2023 9.0
16 दिसं. 2024 8.1
(स्त्रोत – जल विज्ञान प्रकल्प विभाग)