चांदुर बाजार/दि.21 – लाभार्थी मृत रहने के बाद भी राशन कार्ड पर नाम रद्द न करते हुए उस लाभार्थी का राशन उठाया जाता है. लेकिन यह राशन मृत लाभार्थी के परिवार को दिया नहीं जाता. फिर वह जाता कहां है? ऐसा सवाल तहसील के लाभार्थियों ने उपस्थित किया है.
नियमो के मुताबिक मृत व्यक्ति की जानकारी लेकर उस लाभार्थी का राशन कार्ड से नाम रद्द करना आवश्यक रहता है. राशन दुकानदार स्थानीय रहने से गांव में मृत हुए लाभार्थियों की जानकारी उस दुकानदार को रहती है. इस कारण कुछ दुकानदार लाभार्थियों को मृत हुए व्यक्तियों अनाज नहीं देते. संबंधित आपूर्ति विभाग को इस बाबत जानकारी न दिए जाने से उनके नाम राशन कार्ड से रद्द न किए जाने से मृत व्यक्ति के नाम पर राशन लेना शुरु ही रहता है. अनाज का लाभ लाभार्थियों के परिवार को नहीं मिलता, फिर यह अनाज कहां जाता है? ऐसा सवाल तहसील के लाभार्थियों द्वारा उपस्थित किया जा रहा है. चांदुर बाजार तहसील अंतर्गत ऐसा ही एक प्रकरण सामने आया है. लाभार्थी कोरोनाकाल में मृत होने के बाद उसका लाभ अब बंद किया गया. फिर अब तक अनाज गया कहां? ऐसा प्रश्न उपस्थित हो रहा है. प्राधान्य गट के एक व्यक्ति को 5 किलो के मुताबिक अनाज मिलता है. यानी प्रति वर्ष 60 किलो अनाज उस लाभार्थी को मिलता रहता है. राशन कार्डधारक लाभार्थियों को तहसील के आपूर्ति विभाग में अचानक काम पडता है. अपना कार्ड गुम होने पर, जिर्ण होने पर, बेटी का विवाह होने पर कार्ड से नाम कम कर प्रमाणपत्र लेने के लिए ऐसे समय ही आपूर्ति विभाग में उन्हें काम पडता है. ऐसे कार्डधारको की संबंधित राशन दुकानदार को जानकारी रहती है. लेकिन इन राशन दुकानदारों पर तहसील के किसी भी अधिकारी की नजर नहीं रहती, यह इस बात से स्पष्ट होता है. पिछले पांच वर्ष में तहसील में मृत हुए व्यक्तियों की सूची लेकर संबंधित व्यक्ति के नाम राशन कार्ड से कब रद्द किए गए. इसमें पाए गए अंतर की जांच के मुताबिक संबंधितो के साथ अधिकारियों पर कार्रवाई होगी क्या? ऐसा भी सवाल नागरिकों ने उपस्थित किया है.
* मृत व्यक्ति की अलग सूची नहीं
पिछले वर्ष मृत हुए कितने व्यक्तियों के नाम राशन कार्ड से रद्द किए गए, इस संदर्भ में आपूर्ति निरीक्षक अधिकारी शीतल आंबटकर से पूछे जाने पर मृत व्यक्ति की ऐसी सूची हम नहीं निकालते, रद्द किए गए लोगों की जानकारी हमारे पास है, ऐसा उन्होंने कहा.